विक्रमादित्य के राज्य में सुदूर देशों से विद्वान तथा प्रतिभावन, सम्मान तथा पारितोषिक पाने आते थे
राजा विक्रमादित्य कला तथा प्रतिभा का बहुत सम्मान करते थे | उनकी गुणग्राहिता का कोई जवाब नहीं था । वे विद्वानों तथा कलाकारों को बहुत सम्मान देते थे । इसके परिणाम स्वरूप उनके दरबार में एक से बढ़कर एक विद्वान …