रामदेव जी की कथा
प्राचीन काल में राजस्थान के बाड़मेर जिले की उण्डू एवं काश्मीर रियासत में राजा अजमल राज्य करते थे। उनके भाई …
प्राचीन काल में राजस्थान के बाड़मेर जिले की उण्डू एवं काश्मीर रियासत में राजा अजमल राज्य करते थे। उनके भाई …
देवी की जितनी शक्तियां मानी गयी हैं, उन सबका मूल रूप महालक्ष्मी ही हैं जो सर्वोत्कृष्ट पराशक्ति हैं। वह ही …
परम ज्ञानी श्री शुकदेव जी ने अवतार तत्व की मीमांसा करते हुए राजा परीक्षित से कहा – हे राजन! भगवान …
महामुनि मेधा ने राजा सुरथ और समाधि वैश्य को महा सरस्वती का चरित्र इस प्रकार सुनाया। प्राचीन काल में शुम्भ …
Read moreशुम्भ, निशुम्भ, चण्ड, मुण्ड और रक्तबीज का वध देवी ने किस प्रकार किया
कर्म काण्ड का अबाधित महत्त्व है। इससे अभ्युदय तो होता है, किंतु यह ब्रह्म का स्थान ग्रहण नहीं कर सकता। …
पूर्व समय की बात है, अरूण नाम का एक पराक्रमी दैत्य था। देवताओं से द्वेष रखने वाला वह दानव पाताल …
‘अवतार’ शब्द ‘अव’ उपसर्गपूर्वक ‘तृ’ धातु में ‘घ´’ प्रत्यय के संयोग से निष्पन्न हुआ है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – …
भगवद्वचनों के अनुसार अधर्म में विशेष वृद्धि के कारण जगतरूपी भगवदीय बगीचा जब समय से पूर्व ही उजड़ने लगता है …
शास्त्रों में धर्म , अर्थ , काम तथा मोक्ष – इन चार पुरूषार्थ का सम्यक रूप से वर्णन हुआ है, …
भगवान सूर्य की स्तुति में भक्त प्रातःकाल प्रार्थना करते हुए कहता है कि ‘हे भगवान सूर्य! मैं आपके उस श्रेष्ठ …
Read moreसूर्य मंत्र, जो वेदों में आये हैं, उनके जप एवं प्रभाव