क्या प्रणव यानी ऊँकार, साक्षात परमात्मा का नामावतार और नादावतार है तथा इसके जप से भगवान की प्राप्ति हो जाती है
ब्रह्म एक ही है | एकोहम द्वितीयो नास्ति। उस एक ही सत् (ब्रह्म), को ज्ञानी जन इन्द्र, मित्र, वरूण, अग्नि, दिव्य सुपर्ण गुरूत्मान, यम और मातारिश्वा के नाम से भी पुकारते हैं। भारतीय शास्त्रों के अनुसार नाम दो प्रकार का …