भूतिया हॉस्पिटल की सच्ची घटना
आत्माओं के इस रहस्यमय संसार को आज तक कोई जान न पाया है़। हमारे इर्द- गिर्द होने वाली अजीबोगरीब आहटें इनके होने का आभास कराती हैं। कभी-कभी कुछ ऐसी घटनायें हमारे आस-पास घट जातीं हैं। जिन पर कोई भी आसानी …
आत्माओं के इस रहस्यमय संसार को आज तक कोई जान न पाया है़। हमारे इर्द- गिर्द होने वाली अजीबोगरीब आहटें इनके होने का आभास कराती हैं। कभी-कभी कुछ ऐसी घटनायें हमारे आस-पास घट जातीं हैं। जिन पर कोई भी आसानी …
समय के साथ शहरों का औधोगीकरण होता चला गया। खाली पड़ी जमीनों का इस्तेमाल कर लिया गया। ऐसी स्थिति में ऐसी जमीनें भी बिजनेस सेंटर बन गयीं जो पुराने समय में कब्रिस्तान की जगह हुआ करती थीं। अपने देश की …
इतिहास में कुछ ऐसी घटनाएं घटीं जो किसी चमत्कार से कम न थीं। आज हम बात करेंगे धरती के वीर योद्धा पृथ्वीराज चौहान और उनके राज कवि और परम मित्र चंद्रवरदाई की। इतिहास साक्षी है कि प्राचीन काल के कवि …
पौराणिक काल की समुद्र मंथन की कहानी वास्तव में वह रहस्यमय कथा है जिसका रहस्य समुद्र से भी अधिक गहरा है। कभी-कभी इस घटना को काल्पनिक मानने का मन करता है। क्योंकि समुद्र मंथन में जिन भी घटनाओं का वर्णन …
जो लोग अब तक झाड़ू को घर की एक तुच्छ चीज समझते हैं वह सावधान हों जायें, क्योंकि आपका ऐसा सोंचना धन की देवी लक्ष्मी जी को नाराज कर सकता है। झाड़ू के रखरखाव की अनदेखी करना आपको आर्थिक संकट …
कुरुक्षेत्र, जी हाँ यह वही भूमि है़ जहाँ 5600 ईसा पूर्व महाभारत का घमासान युध्द हुआ था। क्या यह आपको मालूम है़ कि इस युध्द में पांडवो की तरफ से 1530900 सैनिक और कौरवों की ओर से 2405700 सैनिकों ने …
बेरोजगारी की स्थिति में व्यक्ति रोजगार पाने के लिए अपनी स्टडी और एक्सपीरियंस को तो बढ़ाता ही है लेकिन यदि वह साथ-साथ अध्यात्म का भी सहारा ले तो निश्चय ही उसे जल्द कामयाबी और परिणाम अपने अनुकूल प्राप्त होने की …
तौलिये का हमारे जीवन में हमारे लिए महत्वपूर्ण स्थान है़। सुबह के उठने से लेकर रात के सोने तक हमारा तौलिये से संपर्क बना रहता है़। ऐसे में वास्तुशास्त्र में तौलिये से संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश दिये हैं। क्योंकि तौलिये …
ध्वनि की प्रकृति दो प्रकार की होती है पहली कर्कश ध्वनि और दूसरी मधुर। प्रकृति में भी दो तरह की आवाजें हमारे आसपास विद्यमान है पहले कौए की तेज आवाज और दूसरा कोयल का मीठा स्वर। आपसे यदि यह पूछा …
जरासन्ध, शिशुपाल, शल्य, धृष्टकेतु और कंस पूर्व जन्म में कौन थे वैशम्पायन जी कहते हैं, जनमेजय! अब मैं यह वर्णन करता हूँ कि किन-किन देवता और दानवों ने किन-किन मनुष्यों के रूप में जन्म लिया था। दानवराज विप्रचित्ति जरासन्ध और …