अटलांटिस (Atlantis) की देवी एटलान्श की श्रापित प्रतिमा का रहस्य
इतिहास की गहराइयों में, समय की पर्त-दर-पर्त धूल जब छँटती है तो कभी-कभी ऐसी नायाब चीज सामने आती है कि उस समय हम आवाक रह जाते हैं | कितने ही ऐसे तथ्य और घटनायें आज भी समय की रेत में …
इतिहास की गहराइयों में, समय की पर्त-दर-पर्त धूल जब छँटती है तो कभी-कभी ऐसी नायाब चीज सामने आती है कि उस समय हम आवाक रह जाते हैं | कितने ही ऐसे तथ्य और घटनायें आज भी समय की रेत में …
मामला उतना संगीन दिख नहीं रहा था जितना वास्तव में वो था | लेकिन होनी को जब-जब, जैसे-जैसे घटना होता है, वैसा हो कर ही रहता है | बहुत लोगों को यह बात थोड़ी देर से समझ आती है | …
आज के आधुनिक वैज्ञानिक एवं पुरातत्वविद, प्राचीन काल की जिन शानदार संरचनाओं को नहीं समझ पाते, उन्हें वे प्राचीन विश्व के आश्चर्यों में से एक गिनते हैं | ये बिलकुल उसी तरह का धोखा है कि यदि आप किसी परीक्षा …
जिस प्रकार से प्रत्येक मन्वन्तर के प्रत्येक द्वापर युग में भगवान नारायण स्वयं वेदव्यास के रूप में अवतार लेकर मनुष्यों के हित के लिये वेदों और पौराणिक ग्रंथों का विभाजन करते हैं, उसी प्रकार भगवान सदाशिव प्रत्येक मन्वन्तर के प्रत्येक …
इस सृष्टि में जो परमानन्दमय हैं, जिनकी लीलाएं अनंत हैं, जो ईश्वरों के भी ईश्वर, सर्व व्यापक, महान गौरी के प्रियतम तथा कार्तिकेय और विघ्नहर्ता गणेश जी को उत्पन्न करने वाले हैं, उन आदि देव शंकर की मैं वंदना करता …
पूर्वकाल की बात है, एक बार इन्द्र आदि समस्त देवता दैत्यों से पराजित और भयभीत होकर अपनी ऐश्वर्य नगरी, अमरावती पुरी से भाग कर अपने पिता महर्षि कश्यप के आश्रम की ओर आये । वहां उन्होंने अपनी कष्ट-कथा, अपने पिता …
बहुत प्राचीन काल की बात है, नर्मदा नदी के रमणीय तट पर अवस्थित नर्मपुर नामक नगर में विश्वानर नाम के एक जितेन्द्रिय, पुण्यात्मा और शिव भक्त ब्राह्मण निवास करते थे । एक दिन उनकी पतिव्रता पत्नी ने उनसे भगवान् महेश्वर-सदृश …
पूरे त्रैलोक्य के लिए कल्याणकारी परमात्मा भगवान शिव सबके गर्वापहारी हैं । उनका अवधूतेश्वर अवतार देवराज इन्द्र के गर्वापहरण के लिये हुआ । यश, स्वर्ग, भोग, मोक्ष तथा सम्पूर्ण मनोवांछित फलों को प्राप्त कराने वाली है, भगवान्य शिव की यह …
महाभारत में कथा आती है अर्जुन की जब महान धनुर्धर, किरात वेशधारी भगवान् शिव से उनका सामना हुआ | भगवान शिव निगुर्ण, निराकार, निरंजन, परब्रह्म परमात्मा हैं फिर भी धर्माचरण करने वाले साधुपुरुषों के कल्याण के लिये साकार रूप में …
काफी पहले की बात है | मगध क्षेत्र के कोथवा, रामपुर, नयनचक्र, मुस्तफापुर, आदमपुर और आसोपुर आदि गाँवों में, कुल मलकर एक ही विद्यालय था, जो काफी प्रसिद्ध था, उसका नाम था ‘वेदरत्न विद्यालय’ | इस विद्यालय में कुल छः …