जब देवराज इंद्र का मान रखने के लिए विक्रमादित्य, अंतरिक्ष में भगवान् सूर्य के निकट गये, सिंहासन बत्तीसी की चौथी कहानी
चौथे दिन फिर राजा भोज, सम्राट विक्रमादित्य के स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान होने के लिए बढे, तो उनका रास्ता सिंहासन की चौथी पुतली कामकंद कला ने रोक लिया | उसने भी राजा भोज को विक्रमादित्य की एक कहानी सुनायी | …