रहस्यमय एवं विचित्र घटनाएं तथा संयोग
इस संसार में कभी-कभी इतनी रहस्यमय एवं विचित्र घटनाएँ तथा संयोग घटते हैं कि उनपर विश्वास करना मुश्किल होता है | कभी-कभी तो इन विचित्र संयोगो के पीछे अशरीरी आत्माएं होती हैं लेकिन कभी-कभी ये सिर्फ संयोग होते हैं जिनके घटने के पीछे कोई तार्किक कारण नहीं होता |
रहस्यमय संयोग
ऐसी ही एक घटना प्रथम विश्व युद्ध के दौरान घटी | युद्ध शुरू हुए अभी कुछ ही समय हुआ था | 1914 में फ्रांसीसी सैन्य अधिकारीयों ने एक जर्मन जासूस को पकड़ा | उसका नाम था पीटर कोर्पन | सैन्य रणनीति के तहत फ्रांसीसियों ने इस गिरफ़्तारी को पूरी दुनिया से गुप्त रखा | साथ ही कुछ ऐसी व्यवस्था की कि पीटर की तरफ से फ़र्ज़ी और झूठी जानकारियाँ तथा समाचार जर्मनी पहुँचते रहे |
फ्रांसीसियों ने ये पूरी व्यवस्था इतनी शातिर तरीके से की कि जर्मनी से पीटर के लिए आने वाले वेतन तथा अन्य पैसों को भी वे फ़र्ज़ी हस्ताक्षर से वसूल करते रहे और किसी को कानोकान खबर भी नहीं हुई | लगभग तीन सालों तक ऐसे ही चलता रहा |
1917 में एक दिन पीटर की किस्मत ने एक सुनहरी किरण देखी और उस दिन वह उन फ्रांसीसियों की क़ैद से भाग निकला | इस बीच फ़्रांसिसी सैन्य अधिकारियों ने पीटर के नाम पर जर्मनी से आये पैसों से कुछ सामान ख़रीदे जिसमे एक कार भी थी | उधर पीटर एक पल भी व्यर्थ नहीं गवाना चाहता था | वह तुरंत भाग कर अपने देश पहुंचना चाहता था |
उसने सारी व्यवस्था कर ली थी अगले दिन शाम के वक़्त उसे निकलना था, इसी बीच एक हादसा हो गया | फ़्रांसिसी गुप्तचर विभाग ने पीटर के पैसे से जिस कार को ख़रीदा था उससे एक व्यक्ति का एक्सीडेंट हो गया और उस व्यक्ति की मौत हो गयी |
खोजबीन करने पर पता चला कि मरने वाला व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि फ़्रांसिसी क़ैद से भागा हुआ जर्मन जासूस पीटर कोर्पन ही था, जिसकी मौत अगर (उसी के पैसों से खरीदी हुई कार से) ना हुई होती तो विश्वयुद्ध के दौरान गायब हुए सैनिकों और गुप्तचरों में पीटर का भी नाम होता |
क्या उस जहाज को भूत उड़ा रहे थे
दूसरी घटना द्वितीय विश्वयुद्ध की है जब (मित्र राष्ट्र) ब्रिटेन का एक टोही विमान शत्रु क्षेत्र में हवाई सर्वेक्षण कर रहा था | बेहद सतर्कता से अपने काम को अन्जाम देने के बावजूद वे दुश्मन की निगाह से बच न सके और उनके दुश्मनों की घातक मशीन गन्स से निकलने वाले शोलों ने उन्हें विमान में ही ढेर कर दिया |
चालक दल से लेकर, विमान के क्रू मेम्बर तथा सैनिकों में से कोई नहीं बचा | उस विमान में सिर्फ मृत शरीर थे और वह हवा में उड़ रहा था | आमतौर पर ऐसी परिस्थितियों में किसी विमान के लिए सिर्फ एक ही सम्भावना बचती है, उसके क्रैश (दुर्घटनाग्रस्त) हो जाने की | उस विमान के बारे में भी ऐसी ही उम्मीद की जा रही थी लेकिन जो कुछ हुआ उसे समझना थोड़ा मुश्किल था |
वह विमान घंटों आसमान में बेतुके से चक्कर काटता रहा, मानो उसमे बैठा विशेषज्ञ (Expert) चालक केवल आनंद लेने के लिए उसे उड़ा रहा हो | और सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक बात यह थी कि ईधन ख़त्म होने पर वह विमान बिलकुल शांत और सुरक्षित तरीके से एक समतल ज़मीन पर उतर भी आया | न जाने कौन सी शक्ति कर रही थी ये सब…
विश्व की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री
विश्व के सबसे रहस्यमय हत्याकांडो का जब भी ज़िक्र होगा उसमे जैक द रिपर द्वारा किये गए नृशंस हत्याकांडों का ज़िक्र ज़रूर होगा | उस रहस्यमय हत्याकांड की गुत्थी ने उस समय सबको हिला कर रख दिया | सबसे बड़ी हैरानी इस बात की है कि इस हत्याकांड का रहस्य आज तक अनसुलझा है |
बात एक सौ बत्तीस साल पहले की है | सन 1888 में, जैक द रिपर ने अकेले लंदन में कम से कम पांच महिलाओं को मार डाला, और मारा भी इतने बेरहमी से कि उनके शरीर को बुरी तरह से विकृत कर दिया। मरी हुई महिलाओं के शव देख कर लोगों की रूह काँप गयी | हैवानियत का नंगा नाच हुआ था घटना स्थल पर |
ऐसे नृशंस हत्याकांडों पर, आमतौर पर पुलिस तुरंत सक्रीय हो जाती है क्योंकि उन्हें अंदाज़ा हो जाता है कि समाज में, मनुष्य के रूप में कोई भेड़िया या पिशाच घूम रहा है और उसे जल्द से जल्द अपने अंजाम तक पहुंचाना वो अपना पहला कर्तव्य समझते हैं | इस मामले में भी यही हुआ | पुलिस तुरंत सक्रीय हुई | इस मामले में पुलिस ने अथक मेहनत की लेकिन रहस्य था कि सुलझने का नाम ही नहीं ले रहा था |
माना जाता है कि रिपर को खोजने के लिए पुलिस के अफसरों की कोशिशों को देखते हुए कई पत्र, रिपर की तरफ़ से भेजे गए थे, जिसमे उसने पुलिस पर तंज कसते हुए, उसे पकड़ने की चुनौती दी थी । हत्यारे का नाम “जैक द रिपर” इन पत्रों से आता है (चाहे उनमें से किसी को भी वास्तव में खूनी द्वारा लिखे गया हो या न लिखा गया हो, ये विद्वानों के बीच आज भी बहस का विषय है।)।
कहने की जरूरत नहीं कि, रिपर कभी भी पुलिस या किसी अन्य जांच एजेंसी की पकड़ में नहीं आ पाया, और बीते एक सौ तीस वर्षों से दर्जनों लोगों को संभावित उम्मीदवारों के रूप में लाया गया, लेकिन किसी पर भी हत्या का आरोप तय नहीं हो पाया ।
हाल ही में एक पुस्तक ने सुझाव दिया कि लिजी विलियम्स नाम की एक महिला रिपर थी, हालांकि अन्य रिपर विशेषज्ञों ने इस पर संदेह किया था। यह ऐसा जटिल और रहस्यमय हत्याकांड था कि इस पर आधारित कुछ हॉलीवुड की फिल्मे भी बनी जो सफल भी हुईं | ऐसा प्रतीत होता है कि रिपर की असली पहचान कभी भी सुनिश्चित नहीं हो पाएगी, और ये राज़ हमेशा राज़ ही रहेगा ।
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