कौए और हंस की कथा जो महाभारत में राजा शल्य ने महान धनुर्धर कर्ण को सुनाई
महाभारत युद्ध के सत्रहवें दिन जब कर्ण और शल्य के बीच तीखी नोक-झोंक हो रही थी तब कर्ण के क्रोधपूर्वक कहे गए अभद्र वचन सुनकर राजा शल्य ने उसे एक दृष्टान्त सुनाते हुए कहा “कुलकलंक कर्ण ! मैं तुम्हें एक …