ब्रिटेन के पूर्वी हिस्से में स्थित ईस्ट एंग्लिया के नोरफ़ॉक (Norfolk), सफ़ोक (Suffolk) और कैंब्रिजशायर (Cambridge shire) काउंटी की दन्तकथाओं में शताब्दियों से एक पैशाचिक कुत्ते का ज़िक्र होता आया है जो दिखने में काफी भयानक और बड़े आकार का है |
ब्लैक शक (Black Shuck) या काले पिशाच के रूप में कुख्यात इस जानवर की आँखे मानो जलती हुई सी लाल सुर्ख बतायी जाती हैं | कहीं-कहीं इसे सिर्फ़ एक आँख वाला वाला, वो भी सिर के बीचोबीच, बताया गया है |
दंतकथाओं में इसे मौत का अभिशाप कहा गया है यानी इसके दिखने का मतलब, मृत्यु निकट है | कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह एक बछड़े के आकर का था लेकिन कुछ ने इसे एक बड़े घोड़े जितना बड़ा बताया |
कुछ दस्तावेज़ों में इसे बगैर सिर के भी घूमता हुआ बताया गया है | दंतकथाएं बताती हैं कि ईस्ट एंग्लिया की ठंडी, कोहरे से लिपटी हुई रातें अक्सर गवाह बनी है उस पिशाच के दिखने कि जो वहाँ के तटीय क्षेत्रों, गलियों, चौराहों, कब्रिस्तानों तथा घने जंगलों में घूमता था |
कुछ किम्वदंतियां बताती हैं कि ठण्डी खामोश रातों में उसके दिखने का मतलब मौत तय है, विशेष तौर पर एसेक्स काउन्टी के कुछ क्षेत्रों में ऐसा हुआ भी जब उस पैशाचिक कुत्ते को देखने के बाद कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने कुछ ही दिनों में दम तोड़ दिया | लेकिन लोग बताते हैं कि इसका किसी प्रकार के अभिशाप से कोई लेना-देना नहीं है |
दरअसल उसका दिखना इतना भयानक अनुभव था कि वे (जिन्होंने अपनी जान गवांई) इस सदमे से उबर नहीं सके | कुछ लोग उसके दिखने के बाद बीमार भी पड़े लेकिन उन्हें बचा लिया गया | लेकिन कुछ दस्तावेज़ों में उसे एक संरक्षक के रूप में भी बताया गया है, यद्यपि सच्चाई अभी भी रहस्य के घेरे में है |
उस कुत्ते के दिखने की सबसे असाधारण घटनाओं में से एक सफ़ोक काउन्टी के दो चर्चों की घटना है | यह घटना लगभग साढ़े चार सौ साल पुरानी है | वो दिन था 4 अगस्त 1577 का जब ब्लिथबर्ग (Blythburgh) के होली ट्रिनिटी चर्च (Holy Trinity Church) में लोगों का जमावड़ा होना अभी शुरू ही हुआ था | अचानक वही पैशाचिक कुत्ता (Black Shuck), एक तूफानी गड़गड़ाहट के साथ चर्च के दरवाजे पर प्रकट हुआ |
उसका विकराल रूप देखकर लोग भयभीत और विस्मित हुए जा रहे थे मानो कोई अनिष्ट होने वाला हो | फिर वो चर्च के बीच वाले हॉल की तरफ तेजी से भागा |भीड़ को चीरकर भागने के दौरान उसने एक व्यक्ति और एक बच्चे की जान ले ली और अपने शरीर के धक्के से चर्च की एक मीनार भी ढहा दी | उस दिन की बर्बादी के निशान उसने उस चर्च के उत्तरी दरवाज़े पर भी छोड़े जिसे आज की तारीख़ में भी देखा जा सकता है |
उसी दिन उसे बन्गे (Bungay) के सेंट मैरी (St. Mary Church) चर्च में भी देखा गया जिसका ज़िक्र, 1577 में अब्राहम फ्लेमिंग (Abraham Fleming) ने अपनी कृति A Straunge and Terrible Wunder में किया है |
आज के समय में उसे, खासतौर से, पील पैलेस (Peal Palace) के आस-पास देखा जाता रहा है । इस महल में पहरेदार अकेले पहरा देने में भी कतराते रहे हैं । कुछ मामलों में नाईट गार्ड उस पैशाचिक कुत्ते को देखने के बाद भय से अचेत हो गये । एक गार्ड ब्रेन वुड (Brainwood) की उस भुतहे कुत्ते को देखने के बाद मरने की ही खबर आई ।
उस क्षेत्र में रहने वाले एक अमरीकी वायुसेना के उच्चाधिकारी के साथ एक रात भयानक हादसा हुआ | उस दिन रात को डिनर लेने के बाद वह अपनी पत्नी के साथ गहरी नींद में सो रहे थे | रात के तीसरे पहर उन्हें कुछ खुरचने के जैसी आवाजे सुनाई दी, उन्होंने अपनी पत्नी को जगाया |
सन् 1945 का मार्च का महीना था | थोड़ी देर पहले हुई बारिश ने आस-पास की ज़मीन को थोड़ा नम कर दिया था । पहले तो उन्हें लगातार तेज़ हो रही खुरचने की आवाज़ों का, अपने आस-पास कोई कारण नहीं दिखाई दिया ।
फिर उन्होंने मकान के बाहर झाँक कर देखा तो उन्हें मकान के नीचे एक बड़ा-सा कुत्ता, जो पहली नजर में एक काले गधे जैसा लग रहा था, अपने लम्बे पंजों से उनके मकान की दीवारों को खुरच रहा था । दम्पत्ति के नीचे झाँकने पर उस कुत्ते ने अपना सर ऊपर उठाया, दो लाल दहकती हुई आँखे उन्हें घूर रही थी |
देखते-ही-देखते उसने निचली मंजिल के दरवाजे को अपने मजबूत दांतों से चबाना शुरू कर दिया । उस कुत्ते के आकार-प्रकार और हरकतों से उसके पैशाचिक होने का संकेत उन्हें मिल गया था | उन भयभीत अमरीकी युगल ने पूरे घर का सामान उसी दरवाजे के आगे जमा कर दिया जिससे कि वह पैशाचिक जानवर भीतर ना घुस पाए ।
उसके बाद जब वह दोनों ऊपर गये, तो अचानक ही उनका पूरा मकान ऐसे हिलने लगा, मानो जैसे भूकम्प आ गया हो । उन्होंने झांक कर नीचे देखा, वही कुत्ता एक बार दौड़कर पीछे जाता था और फिर दौड़ता हुआ आकर मकान से यूं टकरा रहा था कि पूरा घर कांप जा रहा था ।
उसके बाद इसी प्रकार से वह दौड़-दौड़कर घर की दीवारों से टकराने लगा । ऐसे ही कुछ हमलों के बाद वह उछल कर मकान की छत पर चढ़ने की कोशिश करने लगा । उधर वो अमेरिकन पति-पत्नी अपने देवता को मना रहे थे | उन्हें वो रात ‘नर्क की रात’ जैसी लग रही थी जिसका एक-एक पल बीतना भारी हो रहा था |
थोड़े समय बाद जब थोड़ी शान्ति छाई तो उन्होंने बाहर झाँक कर देखा तो उन्हें कोई दिखाई नहीं दिया | सुबह होने में कुछ ही घड़ी बची थी मगर पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद उन्होंने थोड़ा आराम करना मुनासिब समझा | लेकिन आश्चर्यजनक रूप से जब सुबह हुई तो उन्होंने देखा कि बाहर कहीं किसी प्रकार की क्षति का कोई निशान तक नहीं था ।
वे हैरान थे, जिस रात को उन्होंने नर्क की तरह भोगा था उसका कहीं कोई प्रमाण नहीं था | उनके मकान के जिस दरवाजे को वह पैशाचिक जानवर चबा रहा था, जिन दीवारों से वह बार-बार टकरा रहा था और जिस स्थान तक वह बार-बार दौड़कर आता-जाता था, वहां भी उन्हें किसी प्रकार का कोई निशान नहीं दिखाई दिया था |
अभी कुछ वर्षों पहले, मई 2014 में एक विशालकाय कुत्ते के अवशेषों को, Leiston Abbey की जमीन से खोदकर निकाला गया है जिसे उसी पैशाचिक कुत्ते (Black Shuck) की किम्वदंतियों से जोड़कर देखा जा रहा है | कार्बन डेटिंग पद्धति से जब उसके अवशेषों की आयु पता की गयी तो यह सन 1650 के आस-पास का निकला |
ईस्ट एंग्लियन कवी और गीतकार मार्टिन नेवेल (Martin Newel), अभी हाल ही में हुई इस खोज और वहाँ के क्षेत्रीय निवासियों द्वारा कही जाने वाली कुछ अनकही कहानियों को सुनने के बाद लिखते हैं कि “हैरानी की बात ये है कि लोग आज भी उस पैशाचिक कुत्ते के दिखने का दावा करते हैं | मै यह देखकर चकित हो गया कि कितनी गंभीरता से लोग इन कहानियों को लेते हैं |
मै उस समय निःशब्द हो गया जब नोरफ़ॉक के एक पुस्तक विक्रेता ने मुस्कुराते हुए मुझसे पूछा “ओह..आप अभी भी उस पिशाच के बारे में लिख रहे हैं….सावधान रहिएगा”!
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