माँ ज्योति का अवतार

ज्योति-अवतार

एक बार जब देवताओं और दैत्यों में भयंकर युद्ध छिड़ गया और देवताओं को इस भीषण युद्ध में विजय प्राप्त हुई । युद्ध को जीतने के बाद देवताओं के हृदय में अहंकार की भावना उत्पन्न होने लगी । सभी देवता …

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महिषासुर वध की कथा

महिषासुर वध

प्राचीनकाल में महिषासुर नामक एक महा पराक्रमी असुर का जन्म हुआ था , जो रम्भ नामक असुर का पुत्र था एवं दैत्यों का सम्राट था। उसने युद्ध में सभी देवताओं को हराकर इन्द्र के सिंहासन पर अपना अधिकर जमा लिया …

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भगवान सूर्य के अवतार श्री निम्बार्काचार्य जी की कहानी

निम्बार्काचार्य

सूर्य अवतार आचार्य निम्बार्क के काल के विषय में बड़ा मतभेद है। इनके भक्त इन्हें द्वापर में पैदा हुआ बताते हैं। इनके कोई-कोई मतानुयायी ईसा की पांचवीं शताब्दी में इनका जन्मकाल बताते हैं। वर्तमान अन्वेषकों के बड़े प्रमाण से इन्हें …

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व्रज में गिरिराज गोवर्धन का अवतरण

व्रज में गिरिराज गोवर्धन का अवतरण

आनंदकन्द भगवान श्री कृष्ण चन्द्र की जन्मभूमि, केलि-क्रीड़ा एवं लीला स्थली होने का गौरव प्राप्त होने से व्रज भूमि भारत वर्ष मे अति पावन है। इस व्रज भूमि में गोपाल कृष्ण की गौचारण-स्थली एवं गोचर भूमि गोवर्धन का अपना विशिष्ट …

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‘सत्य’ भी भगवान का अवतार है

‘सत्य’ भी भगवान का अवतार है

इस ब्रम्हाण्ड में भगवान के जो भी अवतार हो चुके हैं या भविष्य में होने वाले है , बड़े-बड़े विद्वानों द्वारा भी उनकी गणना नहीं की जा सकती है। भगवान का रूप सत्य है; वह तीनों कालों में , सभी …

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भगवान का अन्तर्यामी रूप में अवतार

भगवान का अन्तर्यामी रूप में अवतार

मनुष्य एवं ईश्वर का संबंध पूर्वकाल से ही एक ऐसी मानवीय भूमि पर प्रतिष्ठित है , जहां एक के उत्क्रमण और दूसरे के अवतरण के द्वारा परस्पर आकर्षण होता रहा है। ईश्वर मनुष्य की स्वानुभूतियों से ऊपर इच्छामय , प्रेममय …

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गंगा नदी के अवतरण की कथा एवम गंगा दशहरा का माहात्म्य

गंगा नदी के अवतरण की कथा

श्री गंगा के उत्पत्ति में मूल कारण तपस्या है । भारतीय संस्कृति में तप के महत्व को सर्वाेच्च माना गया है । तप द्वारा अकथनीय ऊर्जा की उत्पत्ति होती है। राजा भागीरथ ने हजारों वर्षों तक तपस्या कर ब्रह्मा जी …

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तुलसी जी कौन हैं, उनके पौधे के क्या क्या फायदे हैं

भगवती मूल प्रकृति का तुलसी रूप में अवतरण

नवनीरद-श्याम, कोटि कन्दर्प लावण्य-लीला धाम, वनमाला विभूषित, पीताम्बरधारी भगवान श्री कृष्ण परब्रह्म परमात्मा हैं। प्रलय के समय स्वरूपा प्रकृति इनमें क्रियाशीला हो जाती है। सृष्टि के अवसर पर परब्रह्म परमात्मा स्वयं दो रूपों में प्रकट हुए-प्रकृति और पुरूष। परब्रह्म परमात्मा …

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श्री वल्लभाचार्य जी कौन थे

श्री वल्लभाचार्य जी कौन थे

श्री महाप्रभु जी श्री वल्लभाचार्य जी अवतरित होकर इस धराधाम पर पधारे और उन्होंने अपने बताये भगवत्सेवा-स्मरण तथा ज्ञानोपदेश से दिग्भ्रमित भारतवासियों के जीवन को रसमय और आनंदमय बना दिया। उन्होंने अपने ‘चतुःश्लोकी’ में कहा है कि सच्चिदानन्द प्रभु श्री …

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गरुड़ भगवान कौन थे, उनकी उत्पत्ति कैसे हुई?

bhagwan ka garudavatar

भगवान श्री हरि के वाहन और उनके रथ की ध्वजा में स्थित विनता नन्दन गरूड़ भगवान विभूति हैं। वे नित्य मुक्त और अखण्ड ज्ञान सम्पन्न हैं। उनका विग्रह सर्ववेदमय है, उनके पंख बृहत और रथन्तर हैं, उड़ते समय जिस से …

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इतिहास की सबसे सुंदर स्त्री क्या आप शिमला भूतिया टनल नंबर 33 के बारे में यह जानते हैं? क्या आप भूतों के रहने वाले इस कुलधरा गांव के बारे में जानते हैं? भूत की कहानी | bhoot ki kahani क्या आप जानते हैं कैलाश पर्वत का ये रहस्य? क्या आप जानते हैं निधिवन का ये रहस्य – पूरा पढ़िए
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