श्री रामानन्दाचार्य जी एवं बारह महा भागवतों की कथा
भगवद्वचनों के अनुसार अधर्म में विशेष वृद्धि के कारण जगतरूपी भगवदीय बगीचा जब समय से पूर्व ही उजड़ने लगता है तो करूणावरूणालय प्रभु श्री राम कभी अदिति नन्दन, कभी देवहूति नन्दन, कभी कौशल्या नन्दन तो कभी यशोदा नन्दन के रूप …