सगी बहनों, जोआना और जैकलीन का पुनर्जन्म जुड़वां बच्चियों के रूप में
रेशमी बालो वाली ,नीली आंखों वाली दो जुड़वा बहनो, जेनिफ़र और गेलियन को उनके माता पिता अपनी दिवंगत बेटियो का पुनर्जन्म मनते थे । जोआना (11 वर्ष की) औऱ जैकलीन (6 वर्ष की) नार्थवर लैंड के अपने गांव हेक्सम में, जहाँ यह परिवार उस समय रहा करता था, एक दूसरे का हाथ थामे चर्च की ओर जा रही थी तभी वह एक बड़ी कार के नीचे आ गयी ।
एक्सीडेंट भीषण था | उनके चेहरे और सर पर गम्भीर चोटें आई लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका | डॉक्टर्स के अनुसार उन्होंने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया था |
उन बच्चियों के पिता मिस्टर पोलाक (Mr. Pollock) ने कहा “मैंने रोमन कैथोलिक धर्म ग्रहण कर लिया था, इसलिए मुझसे कहा जाता था कि मैं पुनर्जन्म में विश्वास नही कर सकता । परंतु मै औऱ मेरी पत्नी इतनी दिनों से जो कुछ भी देख रहे थे उस के कारण मैं अब यह बात मान ही नही सकता था कि पुनर्जन्म नहीं होता” ।
दोनों लड़कियों की मौत के बाद जब श्रीमती पोलक दुबारा फिर से गर्भवती हुई तो मिस्टर पोलक को विचित्र से अभास होने लगे थे, जैसे कि तन्द्रावस्था में कोई उनसे कहता की उनकी बेटियाँ उनके पास वापस आना चाहती हैं ।
पोलक बताते हैं कि वो नही चाहते थे कि इस पर भरोसा करें और उनकी पत्नी तो इस बात को एकदम सुनना भी नहीं चाहती थी । लेकिन गर्भावस्था के दिन पूरे होते होते यह भावना, उन दोनों में और भी ज्यादा प्रबल होती गयी और प्रसव का समय नजदीक आने पर उन्होने अपनी पत्नी का डॉक्टर से चिकित्सकीय परीक्षण करवाया ।
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डॉक्टर ने पोलाक दम्पत्ति को बताया कि “इस बात की बिलकुल कोई सम्भावना ही नही है कि वो दो बच्चों को एक साथ जन्म दें । क्योंकि उन्हें एक ही बच्चे के हृदय की धड़कन और एक ही बच्चे के हाथ पैर होने का पता चल रहा है” । उसके एक सप्ताह बाद मिसेज पोलक ने जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया । माँ बाप ने बच्चियों का नाम जेनिफ़र और गेलियन रखा |
बच्चियों का जन्म हो जाने के बाद मिस्टर एंड मिसेज पोलक का ध्यान आकर्षित करने वाली जो सबसे पहली चीज़ थी वो जेनिफर के माथे पर दाईं आँख की तरफ ऊपर से नीचे नाक तक एक सवा इंच लंबा, असामान्य सफेद निशान था । उनकी पिछली दोनों मृत लड़कियों में से छोटी जैक्लीन के भी गाल पर ऐसा ही निशान था, जो तीन साल पहले गिर पड़ने का परिणाम था ।
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जैनिफर के निशान साधारणतय: मुश्किल से ही दिखाई देते थे परंतु सर्दियों में ये स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगते थे । यही बात उनकी पूर्व मृत लड़की जैकलीन कर साथ भी थीं । जैनिफर के बाए कूल्हे पर एक लगभग एक सिक्के के आकार का एक भूरा लक्षण जैसा चिन्ह भी था | यह स्वरूप, रंग, आकार और स्थिति के आधार से जैकलीन के चिन्ह से एकदम मिलता जुलता था ।
दूसरी समानताए जैनिफर के बढ़ने के साथ साथ उभरने लगी । जैसे वह लिखने में स्वाभाविक रूप से रुचि रखने लगी और कलम या पेन्सिल को अपने दांय हाथ के बीच की उंगलियों में थामने की और पहली उंगली से चलाने की उसे विचित्र सी आदत पड़ गई ।
ये सारी आदतें जेनिफ़र में भी थीं | उनकी दूसरी पैदा हुई लड़की गैलियन, जो की जोआना से मिलती जुलती थी, हाँलाकि उसमे और जोआना में समानताएं इतनी स्पष्ट नही थीं, उनकी समानताएं ऐसी थीं जिन्हें सिर्फ माता पिता ही आसानी से देख सकते थे ।
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जैसे छोटे बच्चों के लिए उसका वही व्यवहार और उनके लिए वही प्यार । उसी तरह अपनी बहन का हाँथ थाम कर उसे घुमाना, उसकी प्यारी मीठी बातें सुनना । वही दुबला पतला शरीर, वही स्वभाव और वही ढंग । गैलियन को जैनिफर का चेहरा प्यार से पकड़े हुए यह बताते हुए देखा गया की जैकलीन को गिरने पर कैसे-कैसे उसे चोट आई थी | वो जो कुछ भी बता रही थी वो सब कुछ सत्य था |
एक बार एक मौके पर जब मिस्टर पोलक ने संयोग से पुराने खिलौने के एक पार्सल को, जो उन्होंने जोआना और जैकलीन की मौत के बाद अलग-अलग रख दिया गया था, निकाला तो गैलियन ने गुड़िया के धुले कपड़े निचोड़ने वाले रिंगर छीन लिया और बड़े आवेश में बोली कि “देखो डैडी ये मेरा रिंगर है” | असल मे वह जोआना को दिया गया था ।
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इसी तरह से जब जैनीफर ने जैकलीन की गुड़िया देखी तो वह चिल्ला पड़ी “अरे वो तो मेरी गुड़िया ‘मेरी’ है” | जैकलीन इस गुड़िया को ठीक ‘मेरी’ के नाम से ही पुकारती थी, हालांकि जैनिफर ने यह गुड़िया इससे पहले कभी नही देखी थी ।
ऐसे ही एक और अवसर पर मिस्टर पोलक अपने घर पर कुछ रंगाई पोताई का काम कर रहे थे । उन्होंने अपने कपड़ों को रंगों से बचाने के लिए अपनी पत्नी का पुराना कोट पहना हुआ था | यह वही कोट था जिसे श्रीमती पोलक उस सुबह पहनी हुई थी जिस सुबह श्रीमती पोलक की दोनों लडकियाँ दुर्घटना में मारी गयी थी |
इस दुर्घटना से उन्हें ऐसा सदमा लगा कि उसके बाद से उन्होंने यह कोट कभी पहना ही नहीं था । मिस्टर पोलक उस दिन की बात बताते हुए कहते हैं कि उसने कहा कि “तुमने यह मम्मी का कोट क्यों पहन रखा है जो कि वह स्कूल जाते वक्त पहना करती थी” |
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पोलक ने बतया की वे आश्चर्य से चकित रह गए क्योंकि यह वही कोट था जिसे पहन कर श्रीमती पोलक जैकलिन को स्कूल से लेने और उसे छोड़ने जाती थी । पुनर्जन्म में एक शरीर के शारीरिक चिन्हों का दूसरे शरीर में चले जाना बल्कि दूसरे शरीर पर उत्पन्न हो जाना कोई साधारण बात हो सकती है ।
लेकिन एक ही परिवार की दो संतानों का उसी परिवार में लौट कर आना वो भी जुड़वां रूप में और पूर्वजन्म की स्मृतियों के साथ, यह असाधारण बात है | इस पूरी घटना में एक ख़ास बात और है और वो है पोलक दंपत्ति का कैथोलिक इसाई होना |
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इस पूरे घटनाक्रम से हम सहज अनुमान लगा सकते हैं कि पुनर्जन्म और कर्म फल के अकाट्य सिद्धांत किसी जाति, देश, धर्म, सम्प्रदाय, या कालखंड के मोहताज नहीं हैं | ये ईश्वर के बनाए वो सिद्धांत हैं जिनके आधार पर पूरी सृष्टि चल रही है | कर्म, उनके आधार पर होने वाला पुनर्जन्म और फिर ‘आवागमन के बन्धन को तार-तार कर देने वाले कर्म’ की समुचित वैज्ञानिक व्याख्या अगर कहीं दी हुई है तो वो अपना सनातन धर्म है |
ये कलियुगी समय की विडम्बना ही है ऐसे ज्ञान की खोज करने वाले पूर्वजों के वंशज आज दीन-हीन परिस्थितियों में हैं | यद्यपि इन दीन-हीन वंशजों के पूर्वज आज भी वैसी ही दिव्य शक्तिमयी अवस्था में हैं जैसे कि वे हमारे अतीत में थे | बदलते हुए समय का नियन्त्रण उन्ही के हाँथ में है |
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पाश्चात्य जगत के कुछ विद्वानों, वैज्ञानिकों और कुछ रहस्यमयी संस्थाओं के पुराधाओं को उनकी आहट है लेकिन आने वाले समय में पूरी दुनिया उनकी उपस्थिति को महसूस करेगी और भारतवर्ष के महान गौरवशाली अतीत को जानेगी |