थाईलैंड के एक लड़की की पुनर्जन्म की घटना
थाईलैंड, जिसका प्राचीन नाम श्याम देश था, दक्षिण एशिया का एक बहुत ही खूबसूरत देश है | इसकी पूर्वी सीमा पर लाओस और कम्बोडिया है, दक्षिणी सीमा पर मलेशिया और पश्चिमी सीमा पर म्यांमार है | अभी 11 मई 1949 तक थाईलैंड का नाम श्याम (या स्याम) देश ही था |
वहां की स्थानीय भाषा में थाई का मतलब स्वतन्त्र होता है | इस तरह से थाईलैंड का अर्थ, वहां की स्थानीय भाषा में ‘स्वतन्त्र देश’ हुआ | थाईलैंड की राजधानी बैंकाक है | प्राचीन समय में यह एक पूर्णतया हिन्दू संस्कृति को मानने वाला देश था किन्तु 2000 साल पहले यहाँ बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार शुरू हुआ |
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अब लगभग इस देश के सभी लोगों ने बौद्ध धर्म स्वीकार लिया | किन्तु हिन्दू संस्कृति आज भी यहाँ विद्यमान है | हिन्दू और बौद्ध संस्कृति की प्रधानता होने की वजह से यहाँ भी पुनर्जन्म में लोगों का अखंड विश्वास है |
कुछ वर्षों पहले वहां एक पांच वर्ष की बच्ची ने यह कहकर अपने माँ बाप और स्थानीय रिश्तेदारों को चौंका दिया कि वह अपने पूर्वजन्म के माँ-बाप को जानती है और उन्हें बहुत मिस करती है | उसने बताया कि उसके पूर्वजन्म के माँ-बाप चीनी थे |
शुरुआत में तो लोगों ने बहुत गंभीरता से नहीं लिया लेकिन एक दिन उसने अपनी पूर्वजन्म की माँ का नाम लेकर कहा कि ‘वह उसके पास जाना चाहती है’ | यद्यपि वहाँ आस-पास, पड़ोस में चीनी लोग नहीं थे फिर भी उसे चीनी शब्दों का ज्ञान था और उसे चीनियों की तरह अपनी उंगलियों से खाना पसंद था |
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वह कभी-कभी कहती थी कि उसे अपनी वर्तमान मां की अपेक्षा पिछले जन्म वाली चीनी मां से अधिक प्यार है | समय बीतता रहा और धीमे-धीमे, यह बात फैलते हुए, किसी प्रकार से, उसके पूर्व जन्म की माँ के कानो तक भी पहुँची | पूर्व जन्म की उसकी मां ने जब यह सुना तो वह उससे मिलने के लिए बेचैन हो उठी |
भीगी पलकों को सबसे छिपाते उसकी माँ दिन-रात उससे मिलने के बारे में ही सोचती | अंततः उस लड़की से मिलने के लिए, वह उसके गांव में आई | उसे उसके गाँव का नाम पता था | लेकिन मुख्य सड़क पर वह कुछ दूर जाते हुए वह किम्कर्तव्यविमूढ़ सी वहीँ खड़ी हो गई, क्योंकि उसे उस लड़की के मकान की स्थिति नहीं मालूम थी | इसे दैवी संयोग कहे या दैवी कृपा कि उधर से वह लड़की अपने स्कूल के लिए आ रही थी |
लड़की ने उसे देखते ही पहचान लिया | वह माँ, माँ चिल्लाती हुई दौड़कर उसके पास आ गई और उससे लिपट गयी | माँ के आंसू भी दोनों आँखों का बांध तोड़कर छलक पड़े | लड़की अपनी माँ को अपने घर ले आई | उसे सबसे मिलवाया |
बाद में उस लड़की को उस जगह ले जाया गया जहां वह पिछले जन्म में रहा करती थी | उस जगह को उसके अपने वर्तमान जन्म के माता-पिता ने भी कभी नहीं देखा था | फिर भी वह अपने पुराने घर का रास्ता पहचानती हुई वहां पहुंच गई | वहां उसकी परीक्षा ली गई |
उसका चीनी पिता लगभग 50 आदमियों के साथ एक हॉल में खड़ा हो गया | उसकी पीठ दरवाजे की ओर थी | लेकिन जैसी ही लड़की हॉल में घुसी, उसने अपने पिता को पहचान लिया और उसे देख कर बहुत प्रसन्न हुई |
पहले तो चीनी पिता ने उसे संदेह की दृष्टि से देखा, लेकिन बाद में उसे पूर्ण विश्वास हो गया कि वह उसकी वही लड़की है, जिसकी कुछ वर्ष पूर्व मृत्यु हो गयी थी और अब उसने इस रूप में दोबारा जन्म लिया है |
इसके बाद लड़की को बहुत सी चीजें दिखाई गयी | उनमें से उसने अपनी चीजें पहचान ली | उसने अपनी उन चीजों को भी देखना चाहा जो वहां नहीं थी | प्रारंभ से ही वह इस प्रकार का व्यवहार कर रही थी मानो वह इसी स्थान पर रही हो | उसने स्वयं ही बिना किसी की सहायता से अपने घर पर रखी एक-एक चीज ढूंढ ली थी |
पुनर्जन्म लेने वाले दूसरे व्यक्तियों की तरह इस लड़की को भी मृत्यु और पुनर्जन्म की अवस्थाओं के बीच की स्मृति थी | उसने बताया कि “मृत्यु के बाद ही वह एक दूसरी चीनी लड़की (जो उनकी मित्र थी) से मिली और कुछ देर तक साथ साथ घूमती रही | पूछताछ करने पर पता चला कि वह दूसरी लड़की भी उसी दिन मरी थी, जिस दिन यह लड़की मरी थी | दोनों की मृत्यु छूत की बीमारी के फैलने से हुई थी | इस बात से उस लड़की की बताई हुई सारी घटनाओं को भली प्रकार पुष्टि हो गई |