पंचतन्त्र की कहानियाँ-चूहे की पुत्री ने विवाह के लिए अंततः चूहे को ही चुना
एक नदी के तट पर साधुओं का आश्रम था । आश्रम में साधु-महात्मा रहते थे | वे भिक्षा मांगकर खाते और भगवान के भजन-कीर्तन में लगे रहते थे। साधुओं के गुरु जी बड़े तपस्वी थे। उनमें कई चमत्कारी, शक्तियां थीं। …