श्री भगवान का चतुर्व्यूह रूप क्या है, उनके अवतार भेद क्या हैं, उनसे जीव की उत्पत्ति कैसे होती है
अवतार का अर्थ सामान्य जन्म से नहीं है। अवतारी की तो जन्म-कर्म-जैसी समस्त लौकिक क्रियाएं दिव्य होती हैं। गीता में श्री भगवान ने अवतार के संबंध में समस्त जिज्ञासाओं का समाधान बड़ी स्पष्टता से किया है एवं कहा है “यद्यपि …