वायुदेव के अवतार श्री मध्वाचार्य जी की कथा

श्री मध्वाचार्य जी

श्री भगवान नारायण की आज्ञा से स्वयं वायुदेव ने ही भक्ति सिद्धांत की रक्षा के लिये तमिलनाडु प्रान्त के मंगलूर जिले के अन्तर्गत उडुपी क्षेत्र से दो – तीन मील दूर वेललि ग्राम में भार्गवगोत्रीय नारायण भटट के अंश से …

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दस महाविद्या के प्राकट्य की कथा

दस महाविद्या के प्राकट्य की कथा

आद्य शक्ति भगवती जगदम्बा ‘विद्या’ और ‘अविद्या’ – दोनों ही रूपों में विद्यमान हैं। अविद्या रूप में वह प्राणियों के मोह की कारण हैं तो विद्या रूप में मुक्ति की। भगवती जगदम्बा विद्या या महाविद्या और भगवान सदाशिव विद्यापति के …

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रामदेव जी की कथा

श्री रामदेव जी

प्राचीन काल में राजस्थान के बाड़मेर जिले की उण्डू एवं काश्मीर रियासत में राजा अजमल राज्य करते थे। उनके भाई का नाम धनरूप था। एक बार की बात है कि धनरूप जी वैराग्य धारण कर घर से निकल पड़े। तीर्थाटन …

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लक्ष्मी जी के प्रकट होने की कथा

लक्ष्मी जी के प्रकट होने की कथा

देवी की जितनी शक्तियां मानी गयी हैं, उन सबका मूल रूप महालक्ष्मी ही हैं जो सर्वोत्कृष्ट पराशक्ति हैं। वह ही समस्त विकृतियों की प्रधान प्रकृति हैं। सारा विश्व प्रपंच महालक्ष्मी से ही प्रकट हुआ है। चिन्मयी लक्ष्मी समस्त पतिव्रताओं की …

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भगवान का परिपूर्णतम अवतार

जब प्रभु श्याम ने गार्ड साहब की नौकरी की

परम ज्ञानी श्री शुकदेव जी ने अवतार तत्व की मीमांसा करते हुए राजा परीक्षित से कहा – हे राजन! भगवान प्रकृति के विकास और विनाश , प्रमाण और प्रमेय आदि गुणों से रहित हैं। वे अप्राकृत अनंत गुणों के आश्रय …

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शुम्भ, निशुम्भ, चण्ड, मुण्ड और रक्तबीज का वध देवी ने किस प्रकार किया

शुम्भ, निशुम्भ, चण्ड, मुण्ड और रक्तबीज का वध देवी ने किस प्रकार किया

महामुनि मेधा ने राजा सुरथ और समाधि वैश्य को महा सरस्वती का चरित्र इस प्रकार सुनाया। प्राचीन काल में शुम्भ और निशुम्भ नामक दो परम पराक्रमी दैत्य उत्पन्न हुए थे। तीनों लोकों में उनका भय व्याप्त हो गया था। उनके …

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शिव पार्वती विवाह की कथा

शिव पार्वती विवाह

कर्म काण्ड का अबाधित महत्त्व है। इससे अभ्युदय तो होता है, किंतु यह ब्रह्म का स्थान ग्रहण नहीं कर सकता। प्रकृति ब्रह्म की बहिरंग शक्ति हैं। वह जब स्वयं ब्रह्म के सम्मुख नहीं जा सकती, तब अपने उपासकों को ब्रह्म …

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भ्रामरी देवी के अवतार की कथा

भ्रामरी देवी के अवतार की कथा

पूर्व समय की बात है, अरूण नाम का एक पराक्रमी दैत्य था। देवताओं से द्वेष रखने वाला वह दानव पाताल में रहता था। उसके मन में देवताओं को जीतने की इच्छा उत्पन्न हो गयी, अतः वह हिमालय पर जाकर भगवान् …

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सूर्य भगवान कौन हैं और उनके 12 नाम क्या हैं

surya

‘अवतार’ शब्द ‘अव’ उपसर्गपूर्वक ‘तृ’ धातु में ‘घ´’ प्रत्यय के संयोग से निष्पन्न हुआ है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – अपनी स्थिति से नीचे उतरना। इसके विभिन्न अर्थ भी हैं , जैसे – उतार, उदय, प्रारम्भ, प्रकट होना इत्यादि। जैसे …

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श्री रामानन्दाचार्य जी एवं बारह महा भागवतों की कथा

श्री रामानन्दाचार्य जी एवं द्वादश महाभागवतों का अवतार

भगवद्वचनों के अनुसार अधर्म में विशेष वृद्धि के कारण जगतरूपी भगवदीय बगीचा जब समय से पूर्व ही उजड़ने लगता है तो करूणावरूणालय प्रभु श्री राम कभी अदिति नन्दन, कभी देवहूति नन्दन, कभी  कौशल्या नन्दन तो कभी यशोदा नन्दन के रूप …

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इतिहास की सबसे सुंदर स्त्री क्या आप शिमला भूतिया टनल नंबर 33 के बारे में यह जानते हैं? क्या आप भूतों के रहने वाले इस कुलधरा गांव के बारे में जानते हैं? भूत की कहानी | bhoot ki kahani क्या आप जानते हैं कैलाश पर्वत का ये रहस्य? क्या आप जानते हैं निधिवन का ये रहस्य – पूरा पढ़िए
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