प्रेम मंदिर
” जहाँ राधा कृष्ण का प्रेम रचा -बसा है” यह कथा है प्रभु के अदभुत प्रेम के रहस्य की, जिसमें एक परम भक्त ने अपने भगवान को धरती पर बसाने के लिए एक ऐसे खूबसूरत घर का निर्माण कराया जिसकी …
धर्मं
” जहाँ राधा कृष्ण का प्रेम रचा -बसा है” यह कथा है प्रभु के अदभुत प्रेम के रहस्य की, जिसमें एक परम भक्त ने अपने भगवान को धरती पर बसाने के लिए एक ऐसे खूबसूरत घर का निर्माण कराया जिसकी …
शुक्ल यजुर्वेद (7।42) – में प्रत्यक्ष देव भगवान भुवन भास्कर की महिमा के विषय में कहा गया है कि “जो तेजोमयी किरणों के पुंज हैं; मित्र, वरूण, अग्नि आदि देवताओं एवं समस्त जगत के प्राणियों के नेत्र हैं और स्थावर …
ईसा के पूर्व सातवीं शताब्दी में, दक्षिण के केरल प्रान्त में पूर्णा नदी के तट पर कलादि नामक गांव में एक विद्वान एवं धर्मनिष्ठ ब्राह्मण श्री शिवगुरू एवं उनकी पतिव्रता पत्नी सुभद्रा देवी रहतीं थीं। यह दम्पति वृद्धावस्था के निकट …
अवतार क्या है जिसका अवतार होता है , वह क्या है ? अवतार से पूर्व क्या होता है ? अवतार का कारण क्या है ? इन सब बातों पर विचार करने के लिये हम वेदों की ऋचाओं पर दृष्टिपात करते …
प्राचीन काल में राजस्थान के बाड़मेर जिले की उण्डू एवं काश्मीर रियासत में राजा अजमल राज्य करते थे। उनके भाई का नाम धनरूप था। एक बार की बात है कि धनरूप जी वैराग्य धारण कर घर से निकल पड़े। तीर्थाटन …
परम ज्ञानी श्री शुकदेव जी ने अवतार तत्व की मीमांसा करते हुए राजा परीक्षित से कहा – हे राजन! भगवान प्रकृति के विकास और विनाश , प्रमाण और प्रमेय आदि गुणों से रहित हैं। वे अप्राकृत अनंत गुणों के आश्रय …
शास्त्रों में धर्म , अर्थ , काम तथा मोक्ष – इन चार पुरूषार्थ का सम्यक रूप से वर्णन हुआ है, परंतु भगवद्विमुख मानव – जीवन में भगवान के प्रति प्रेम का उदय एवं संवर्द्धन हो कैसे – ऐसे दिव्य सर्वसाधन …
अखिल विश्व ब्रह्माण्ड में भूलोक, भूलोक में भी जम्बू, प्लक्ष तथा क्रोच् आदि द्वीपों में जम्बू द्वीप; पुनः जम्बू – द्वीपान्तर्गत किम्पुरूष, कुरूमाल आदि वर्षों में भारत वर्ष श्रेष्ठ माना जाता है। भारत वर्ष का माहात्म्य यहाँ की सम्भ्यता और …
सर्व व्यापक निर्गुण निराकार ब्रह्म अनुभवगम्य है। उसका प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता, किंतु उसके साकार रूप सूूर्य का प्रकाश, नित्य ब्रह्म का प्रत्यक्ष प्रकाश् हैै। शत पथ ब्राह्मण में कहा गया हैे कि ‘असौ वा आदित्यो ब्रह्म अहरहः पुरस्तताज्जायते’ (7।4।1।14) …
उत्कल प्रदेश पुरूषोत्तम अवतार प्रभु श्री जगन्नाथ जी की पुण्यलीलायों की भूमि है। नित्य लीला से युक्त उत्कल प्रदेश अपनी विश्ववन्द्य पुरूषोत्तम – संस्कृति के निमित्त विश्व में प्रसिद्ध है। पार्वती वल्लभ , श्री शंकर , गगनविलासी श्री सूर्य नारायण …