बगल सीट वाली लड़की
मैं लखनऊ रेलवे स्टेशन से ट्रेन पर चढ़ा था। मेरे बगल वाली सीट पर एक साँवले रंग की तीखे नैन-नक्श वाली लड़की थी, जो वाराणसी से आ रही थी। यह संयोग ही था कि मेरी बर्थ उसके नजदीक वाली ही …
मैं लखनऊ रेलवे स्टेशन से ट्रेन पर चढ़ा था। मेरे बगल वाली सीट पर एक साँवले रंग की तीखे नैन-नक्श वाली लड़की थी, जो वाराणसी से आ रही थी। यह संयोग ही था कि मेरी बर्थ उसके नजदीक वाली ही …
उस दिन सोनम के हसबैंड अपनी दुकान पर चले गये थे और बच्चे स्कूल। वह घर में अकेली थी। सोनम अपने घर के कामों में व्यस्त थी। वह कोई गीत गुनगुनाती हुई घर की साफ-सफाई कर रही थी कि तभी …
मैं प्रसिद्ध चुनारगढ़ किले में उस दिन अपने मित्रों के साथ था। हर गर्मी की छुट्टी में, मैं और मेरे मित्र किसी न किसी डरावने या रहस्यमय स्थान पर घूमने का कार्यक्रम बनाते थे। इस बार हमने मिर्जापुर जिले के …
रोहित श्रीवास्तव इस रॉयल कॉलोनी में नये-नये ही बसे था। उनके घर में अभी दो ही लोग थे। वह और उनकी वाइफ निशा। घर में अभी बाल-गोपालों का जन्म नहीं हुआ था। इसलिए रोहित और उनकी पत्नी अभी बच्चों की …
अपने कार्य के प्रति समर्पित डॉक्टर की कहानी तो आपने बहुत सुनी होगी। लेकिन किसी डॉक्टर की आत्मा के द्वारा मरीज की जान बचाने की कहानी सुनने में बिल्कुल अविश्वसनीय सी लगती है। लेकिन उस छोटे से अस्पताल में जिन …
गिरधर गोपाल श्रीवास्तव के परिवार में छह लोगों की संख्या थी। गिरधर ओर उनकी पत्नी, दो बच्चे और गिरधर के माता-पिता। गिरधर की छोटी सी प्राइवेट नौकरी थी। गिरधर क़े पिता रेलवे विभाग से रिटायर हुये थे। गिरधर की छोटी …
मैं और समीर बहुत अच्छे दोस्त हैं । काफी दिनों से समीर मुझे उसके गांव आने के लिए कह रहा था मुझे गांव में रहना अच्छा लगता था पर ऑफिस से छुट्टी मिलना मुश्किल होता है पर इस बार जब …