माँ का स्पर्श
विनीता के परिवार में अब तीन ही लोग थे। विनीता, उसके पिता और उसका एक छोटा भाई शलभ। माँ की पिछले वर्ष स्वाइन फ्लू के कारण मौत हो गई थी। तभी से विनीता बहुत दुखी रहने लगी थी। विनीता इस …
विनीता के परिवार में अब तीन ही लोग थे। विनीता, उसके पिता और उसका एक छोटा भाई शलभ। माँ की पिछले वर्ष स्वाइन फ्लू के कारण मौत हो गई थी। तभी से विनीता बहुत दुखी रहने लगी थी। विनीता इस …
मंदिरों में जाते समय क्या पहना जाये और क्या नहीं, यह ज्यादातर निश्चित नहीं होता है। लोग-बाग अलग-अलग देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिये तरह-तरह के रंगों के वस्त्र धारण करते हैं। इसी तरह जहाँ तक पुजारियों के वस्त्रों का …
हम जब भी भगवान गणेश जी की मूर्ति की कल्पना करते हैं, तो हम उन्हें उनकी सूंड़ के साथ देखते हैं। आज देश भर में जितने भी गणपति महाराज के मंदिर हैं। उनमें से अधिकतर प्रतिमाओं में भगवान गणेश अपनी …
मैं लखनऊ रेलवे स्टेशन से ट्रेन पर चढ़ा था। मेरे बगल वाली सीट पर एक साँवले रंग की तीखे नैन-नक्श वाली लड़की थी, जो वाराणसी से आ रही थी। यह संयोग ही था कि मेरी बर्थ उसके नजदीक वाली ही …
हम जब भी भारत के मंदिरों के रहस्यों की बात करते हैं तो केरल के तिरुअनंतपुरम में स्थित भगवान विष्णु के इस पद्मनाभ मंदिर का नाम सबसे ऊपर आता है। इस मंदिर में कदम-कदम पर रहस्यों का साया है, जो …
उस दिन सोनम के हसबैंड अपनी दुकान पर चले गये थे और बच्चे स्कूल। वह घर में अकेली थी। सोनम अपने घर के कामों में व्यस्त थी। वह कोई गीत गुनगुनाती हुई घर की साफ-सफाई कर रही थी कि तभी …
आपने सास-बहू के रिश्ते पर आधारित टी.वी. सीरियल तो बहुत देखे होंगे लेकिन आज हम आपको ऐसे मंदिर से परिचित करा रहे हैं जो सास बहू के नाम से प्रसिद्ध है। आप यह सोंचते होंगे कि सास बहु के नाम …
मंदिरों का गढ़ उत्तर प्रदेश का ज़िला प्रयागराज, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम-स्थल की ओर स्नान करने के लिये जाते समय बढ़ते हुए कदम पल भर को ठिठक कर रुक जाते हैं, क्योकि रास्ते में कुछ ऐसा …
कल्पना कीजिए कि यदि आपको सैकड़ों नहीं बल्कि हज़ारों वर्ष पुराना कोई इंसान अगर आज अचानक जिंदा मिल जाये तो आपकी उसके प्रति क्या प्रतिक्रिया होगी? ठीक ऐसी ही अदभुद घटना घटी वर्षों पूर्व टोक्यो में। आइये अब हम आपको …
यह कहानी है मध्य प्रदेश के रीवां शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर एक गांव की। इस गाँव में पंडित श्यामसुंदर नाम के एक व्यक्ति रहते थे। पंडित जी का काम था लोगों के घर-घर जाकर कथा सुनाना। उनकी जीविका …