पुराणों में ऐसी कथाएं हैं कि अतीत में तंत्र-मंत्र की शक्ति जिस भी व्यक्ति ने हासिल कर ली, वह न केवल इस इस पृथ्वी पर बल्कि तीनो लोक में परम शक्तिशाली प्राणी बन गया। इन तंत्र-मंत्र की उत्पत्ति हजारों वर्षों की तपस्याओं का प्रतिफल है़। इस सृष्टि में तंत्र- मंत्र की उत्पत्ति का उद्देश्य ही तीनों लोकों का कल्याण करना था। दरअसल इस धरती पर, मनुष्य योनि में रहते हुए जो कार्य असंभव प्रतीत होते थे।
उन्हें आसान बनाने के लिए हमारे पूर्वजों ने अनेक उपाय खोज निकाले और उनसे सम्बंधित विद्याओं पर अनेक ग्रंथ लिख डाले। जिनमें तंत्र-मंत्रों की महत्ता सर्वोपरि है़। आज भी जब हम उन पुरानी पुस्तकों के पन्ने खोलते हैं तो चारों ओर एक अलौकिक प्रकाश उत्पन्न हो जाता है़। यह प्रकाश है़ उस विश्वास का जो हमारे पूर्वजों ने हमें दिया है़। दरअसल जटिल कार्यों को सिद्ध करने के लिए प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों एवं तपस्वियों द्वारा कुछ तंत्र-मंत्र रचे गए ।
वे तंत्र-मंत्र प्राचीन काल में भी प्रभावी थे और आज भी परिणामदायक हैं । साधकों के द्वारा यह सिद्ध किया गया है़ कि तंत्र- मंत्रों का प्रयोग कर दुनिया के किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त की जा सकती है़। इन मंत्रों के प्रभाव से असंभव कार्य भी संभव होता नजर आने लगता है।
कुछ जटिल कार्यों को करने के लिए आप पौराणिक ग्रंथों में वर्णित मंत्रों का प्रयोग कर सकते हैं और अपनी कठिनाई को थोड़े ही दिनों की साधना से दूर कर सकते हैं। आज हम उस मंत्र की चर्चा करने जा रहें हैं जिसके प्रभाव से कोई व्यक्ति किसी को भी प्रभावित कर सकता है़।
ॐ, जिस मंत्र के उच्चारण मात्र से बढ़ती हुई उम्र थम जाती है
यह अचूक मंत्र है मोहनी मंत्र, कितने ही लोग इसे वशीकरण करने वाला मंत्र भी कहते हैं। लेकिन ऐसे लोग इस मन्त्र के बारे में बहुत कम जानते हैं। वास्तव में यह मन्त्र इतना शक्तिशाली है कि इस मन्त्र के प्रभाव से पूरे त्रैलोक्य (ब्रह्माण्ड) को मोहित किया जा सकता है, बस आवश्यकता इस बात की है कि इस मोहनी मंत्र को सच्चे लगन एवं विधि विधान के साथ सिद्ध किया जाये।
कहते हैं कि इस मोहनी मंत्र का प्रयोग भगवान विष्णु ने तब किया था जब समुद्र मंथन से निकले अमृत को पाने के लिए राक्षस और देवताओं में संघर्ष चल रहा था। ऐसे में भगवान विष्णु ने एक अति सुंदर स्त्री का रूप धारण कर राक्षसों पर मोहनी मंत्र चलाकर उन्हें अपने वश में कर लिया था।
जिसके बाद ही राक्षस वह सब कुछ मानने लगे जो उस ब्रह्माण्ड सुंदरी के रूप में भगवान विष्णु ने राक्षसों से कहा। समुद्र मंथन की इस कथा में मोहनी मंत्र से वशीभूत होकर राक्षसों ने अपने हाथ में आया अमृत देवताओं को दे डाला था। कहने का अर्थ यह है कि इस मोहनी मंत्र में वह जादू है जिससे किसी व्यक्ति, समाज, देश अथवा समूचे ब्रह्माण्ड को सम्मोहित किया जा सकता है।
मोहनी मंत्र का आश्चर्यजनक प्रभाव देखते बनता है़। मोहनी मंत्र वह अद्भुत शक्ति पाने का उपाय है जिसकी सहायता से आप दुनिया की उन तमाम शक्तियों को अपने जीवन में प्राप्त कर सकते हैं जिन्हें आप दिल से चाहते हैं। मोहनी मंत्र की साधना के पश्चात नीचे दिए गए लाभ देखने को मिलते हैं।
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पति-पत्नी में प्रेम बनाए रखना
हमारे पौराणिक ग्रंथों में वर्णित मोहनी मंत्र वह अचूक मंत्र है़ जो परिवार में पति- पत्नी के बीच प्रेम भाव बनाए रखता है। जिसके कारण दांपत्य जीवन खुशहाल हो जाता है। यदि किसी कारणवश पति- पत्नी में आपस में अनबन हो जाती है तो यह मोहनी मंत्र उन्हें फिर से प्रेम-बंधन में बांधने में सहायक सिद्ध होता है।
व्यक्तित्व में जबरदस्त आकर्षण उत्पन्न करने के लिए
यदि कोई स्त्री या पुरुष अथवा युवक या युवती अपने व्यक्तित्व में चमत्कारिक आकर्षण उत्पन्न करना चाहता है जिसके कारण लोग उसकी दीवाने हो जायें तो ऐसे में यह मोहनी मंत्र बहुत काम आता है। यदि साधक इस मंत्र को सच्ची श्रद्धा और पूरी विधि-विधान से सिद्ध कर ले तो समाज में यश व धन आसानी से अर्जित कर सकता है।
नौकरी के साक्षात्कार में सफलता प्राप्त करने के लिए
जैसा की यह सर्वविदित है कि मोहनी मंत्र हर किसी को मोह लेने वाला मंत्र है तो ऐसे में यदि आप किसी नौकरी के लिए साक्षात्कार देने जा रहे हैं तो इस मोहनी मंत्र की साधना करके आप कंपनी के नियोक्ता पर अपना सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
इस मंत्र को सिद्ध करने के पश्चात साधक के चारों ओर दैवीय प्रभाव उत्पन्न हो जाता है। जिसके कारण हर कोई उसके व्यक्तित्व के आकर्षण से प्रभावित हो जाता है। परिणामतः उस व्यक्ति का चयन नौकरी के लिए अच्छी कंपनी में हो जाता है।
राजनैतिक क्षेत्र में सफलता के लिए
समाज में एक लोकप्रिय नेता बनने के लिए भी मोहनी मंत्र सहायक सिद्ध हो सकता है। भगवान विष्णु के द्वारा प्रदान किये इस मंत्र के माध्यम से आप अपनी व्यक्तिगत छवि प्रभावशाली बना सकते हैं। जिसके कारण साधक ग्राम प्रधान या निकाय चुनाव ही नहीं विधानसभा और लोकसभा में भी अपना मुकाम हासिल कर सकता है।
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क्या है मोहनी मंत्र और उसको सिद्ध करने का तरीका
कभी भी मोहनी मंत्र को सिद्ध करने के लिए संकल्प लेते समय आपके मन में किसी व्यक्ति के लिए पाप या दुर्भावना नहीं होनी चाहिए। क्योंकि गलत उद्देश्य से इस मोहिनी मंत्र का जाप करने से आपका फायदे के स्थान पर नुकसान हो सकता है। मोहनी मंत्र को सिद्ध करने के लिए आप नीचे दिए गए उपाय कर सकते हैं ;-
सर्वप्रथम मन, क्रम, वचन, शरीर और वस्त्र आदि से पूर्णतया पवित्र हो जायें। अपने निवास के एकांत स्थान पर आसन बिछाकर बैठ जायें।
- आप ऐसे स्थान पर मोहनी मंत्र के जाप के लिए बैठें, जहाँ आप बिना रोक-टोक के घंटों साधना कर सकते/सकती हों।
- साधना के पूर्व वातावरण को सुगंधित बना लें। इसके लिए धूप बत्ती का उपयोग किया जा सकता है।
- कुछ साधकों का कहना है कि यदि मोहनी मंत्र का जाप रात्रि काल में किया जाए तो अति उत्तम है।
- आपको नीचे दिए गए मंत्र का शुद्ध उच्चारण करना है़:-
ॐ ह्रीङ्ग रूपवती कामिनी स्वाहा
इस मंत्र को पूरी श्रद्धा के साथ नित्य 21, 51, 108 या इन्ही के गुणन में माला का जाप करना है। इस मंत्र का जाप लगातार 21, 51 या 108 दिन तक करें। इस मंत्र का जाप करने के दौरान मांस, मदिरा एवं किसी प्रकार के द्वेष और दुर्भावना से दूर रहें।
मोहनी मंत्र जाप करते समय आपके मन मस्तिष्क में उस व्यक्ति की तस्वीर होनी चाहिए जिसे साधक द्वारा वशीभूत करना है। मोहिनी मंत्र जाप का क्रम टूटना नहीं चाहिए। जिस दिन मोहिनी मंत्र साधक द्वारा सिद्ध कर लिया जाता है़ उस दिन उसे वातावरण में एक भीनी -भीनी सुगंध का आभास होने लगता है़ और उसके आत्मविश्वास में चार गुना वृद्धि हो जाती है़। साथ ही उसके चेहरे में एक आकर्षित कर देने वाली आभा उत्पन्न हो जाती है़।
सबसे महत्वपूर्ण बात
सबसे आवश्यक बात यह है कि इस मोहिनी मंत्र को सिद्ध करने से पहले विद्वान आचार्यों से परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए। क्योंकि किसी भी मंत्र का गलत तरीके से किया गया प्रयोग घातक सिद्ध हो सकता है़। इसलिए इस मोहिनी मंत्र की साधना के पूर्व साधक को किसी योग्य गुरू का चयन कर उनका शिष्य बनना चाहिए और उनके संरक्षण में ही इस मन्त्र को सिद्ध करना चाहिए तभी सफलता संभव है़।