श्री कृष्ण की राधा कौन थीं

श्री कृष्ण की राधा कौन थीं

श्री कृष्ण की राधा जी कौन थीं, इस सम्बन्ध में पुराणों में आख्यान बिखरे पड़े हैं | ‘अनया राधितो नूनं भगवान हरिरीश्वरः’-इस वचन के द्वारा श्री शुकदेव जी ने श्रीमद भागवत के दशम स्कन्ध में परोक्ष रूप से श्री राधिका …

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श्रीमद भागवत भगवान श्री राधा कृष्ण का अवतार है

श्री राधा कृष्ण

भगवान के अवतार से तात्पर्य है-‘अवति भक्तांस्तारयति पतितांश्चेति अवतारः।’ अर्थात भक्तों की रक्षा करना और पापियों का उद्धार करना उन भगवान के अवतार का मुख्य प्रयोजन है। भगवान के असंख्य अवतार हैं, ‘अवतारा ह्यासंख्येयाः’ (श्रीमद0 1।3।26)। ब्रह्मा जी ने भगवान …

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रहस्यमय संसार वृक्ष क्या है, पुराणों में इसका वर्णन किस प्रकार से हुआ है

रहस्यमय संसार वृक्ष

भगवान श्री कृष्ण भगवत गीता में कहते हैं कि वे समस्त वृक्षों में पीपल के वृक्ष हैं और देवर्षियों में नारद हैं। इसके बाद पुनः श्रीमद भागवत में वे कहते हैं-वनस्पतियों में मैं पीपल और धन्यों में यव (जौ) हूं। …

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द्रौपदी की लाज बचाने के लिए जब भगवान कृष्ण ने वस्त्र के रूप में अवतार लिया

द्रौपदी की लाज बचाने के लिए जब भगवान कृष्ण ने वस्त्र के रूप में अवतार लिया

अवतार की अवधारणा सनातन संस्कृति का अभिन्न अंग रही है। अवतारवाद हमारी आस्था, श्रद्धा और भावना तो है ही, साथ ही एक उच्च आदर्श परम्परा भी है। ‘सम्भवामि युगे युगे’-यह श्री भगवान का बहुत स्पष्ट उदघोष है। साधुजनों का संरक्षण, …

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भगवान के व्यूहावतार, वासुदेव, संकर्षण, प्रद्युम्न एवं अनिरूद्ध की कथा

भगवान के व्यूहावतार, वासुदेव, संकर्षण, प्रद्युम्न एवं अनिरूद्ध की कथा

परब्रह्म परमेश्वर प्रकृति और प्रकृति द्वारा निर्मित इस जगत से परे हैं और प्रकृतिमय भी हैं। इस प्रकार उनकी दो विभूतियां हैं-एक त्रिपाद्विभूति है और दूसरी एकपाद्विभूति | त्रिपाद्विभूति को नित्यविभूति और एकपाद्विभूति को लीलाविभूति भी कहा गया है। एकपाद्विभूति …

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नर्मदा जी के अवतरण की कथा

नर्मदा जी के अवतरण की कथा

नर्मदा मैया का अवतरण इस ब्रह्म सृष्टि में पृथ्वी पर नर्मदा मैया का अवतरण तीन बार हुआ है। प्रथम बार पाद्यकल्प के प्रथम सतयुग में, दूसरी बार दक्षसावर्णि मन्वन्तर के प्रथम सयतुग में और तृतीय बार वर्तमान वैवस्वत के प्रथम …

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क्या हनुमान जी में इतना बल था कि वो रावण, कुम्भकर्ण आदि को पराजित करके उनका वध कर सकते थे ?

हनुमान जी

सृष्टि के संहारक भगवान रूद्र ही अपने प्रिय श्री हरि की सेवा का पर्याप्त अवसर प्राप्त करने तथा कठिन कलिकाल में भक्तों की रक्षा की इच्छा से ही पवन देव के औरस पुत्र और वानरराज केसरी के क्षेत्रज पुत्र हनुमान …

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भगवान शिव का नटराज अवतार किस लिए है? क्या समस्त ब्रह्माण्ड उनके इस अवतार में समाहित है?

भगवान शिव का नटराज अवतार किस लिए है

सनातन धर्म के त्रिदेवों में भगवान शिव का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। यद्यपि भगवान् शिव संहारक तथा प्रलयकर्ता माने गये हैं, परंतु उनके अनन्य उपासक उन्हें ब्रह्मा एवं विष्णु से सम्बन्धित कार्य-सृष्टि एवं स्थिति के कर्ता भी मानते हैं। शिव …

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नल और दमयंती पूर्व जन्म में कौन थे, भगवान् शिव ने उनकी किस प्रकार से परीक्षा ली

who was nal and damyanti

प्राचीन समय की बात है | भारतवर्ष के पश्चिम की तरफ अर्बुदाचल नामक पर्वत के पास अहुक नाम का एक भील रहता था। उसकी पत्नी का नाम आहुका था। पति-पत्नी दोनों ही भगवान शिव के भक्त थे। वे दोनों अपने …

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वेदव्यास कौन थे, क्या वो अलौकिक शक्तियों के स्वामी और भगवान् के अवतार थे

Vedvyas

दिव्य शक्ति सम्पन्न वेदव्यास जी भगवान नारायण के कला अवतार थे। वे महा ज्ञानी महर्षि पराशर के पुत्र के रूप में प्रकट हुए थे। उनका जन्म कैवर्तराज की पोष्य पुत्री महाभागा सत्यवती के गर्भ से यमुना जी के द्वीप में …

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इतिहास की सबसे सुंदर स्त्री क्या आप शिमला भूतिया टनल नंबर 33 के बारे में यह जानते हैं? क्या आप भूतों के रहने वाले इस कुलधरा गांव के बारे में जानते हैं? भूत की कहानी | bhoot ki kahani क्या आप जानते हैं कैलाश पर्वत का ये रहस्य? क्या आप जानते हैं निधिवन का ये रहस्य – पूरा पढ़िए
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