वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने कहा था कि किसी व्यक्ति के घर के शौचालय से उस व्यक्ति के व्यक्तित्व की झलक मिलती है। गाँधी जी ने सदैव शौचालय की स्वच्छता पर विशेष जोर दिया। इस समाज में दो तरह के …
वास्तु शास्त्र
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने कहा था कि किसी व्यक्ति के घर के शौचालय से उस व्यक्ति के व्यक्तित्व की झलक मिलती है। गाँधी जी ने सदैव शौचालय की स्वच्छता पर विशेष जोर दिया। इस समाज में दो तरह के …
वैसे तो मकान बनाने के पूर्व ही वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श ले लेना चाहिए ताकि मकान में बनने वाले मुख्य द्वार, ड्राइंग रूम, किचेन, लैट्रीन, बाथरूम, स्टडी रूम , पूजा घर, बरामदा और सीढ़िया आदि उचित दिशाओं में बने और …
‘वास्तु’ शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। जिसका अर्थ होता है ईंट, पत्थर अथवा लकड़ी आदि से निर्मित रचना अर्थात हमारा घर या भवन, जिसमें हम रहते हैं। और ‘दोष’ शब्द भी मूलतः संस्कृत भाषा का ही है, जिसका …
कभी आपने इस बात पर विचार किया है कि हमें अपने घर के कुछ खास स्थानों पर ही बैठना क्यों अच्छा लगता है ? जबकि उस स्थान की तुलना में अन्य स्थानों पर हम और हमारे परिवार के लोग बहुत …
वास्तु और घर की सीढ़ियों का संबंध बहुत प्रगाढ़ है। घर की सीढ़ियों पर रखा जाने वाला हमारा हर कदम हमें उन्नती की ओर ले जा रहा है या अवनति की ओर, यह बात हमें तब पता चलती है जब …
किसी भी व्यक्ति के जीवन में रंगों का बहुत बड़ा महत्व होता है। रंग हमें शांति प्रदान करते हैं। रंग हममें उत्साह भरते हैं। रंग हमें हर्षित करते हैं। रंग ही हमें रोमांटिक बनाते हैं और रंग हमें शोक की …
चप्पल -जूतों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है़। क्यों कि ये जूते चप्पल ही हमें हमारी मंजिल तक ले जाते है़। यदि हम प्राचीन काल की बात करें तो पुराणों में लोगों का नंगे पैर रहना या उनके पादुका …
जो लोग अब तक झाड़ू को घर की एक तुच्छ चीज समझते हैं वह सावधान हों जायें, क्योंकि आपका ऐसा सोंचना धन की देवी लक्ष्मी जी को नाराज कर सकता है। झाड़ू के रखरखाव की अनदेखी करना आपको आर्थिक संकट …
तौलिये का हमारे जीवन में हमारे लिए महत्वपूर्ण स्थान है़। सुबह के उठने से लेकर रात के सोने तक हमारा तौलिये से संपर्क बना रहता है़। ऐसे में वास्तुशास्त्र में तौलिये से संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश दिये हैं। क्योंकि तौलिये …
ध्वनि की प्रकृति दो प्रकार की होती है पहली कर्कश ध्वनि और दूसरी मधुर। प्रकृति में भी दो तरह की आवाजें हमारे आसपास विद्यमान है पहले कौए की तेज आवाज और दूसरा कोयल का मीठा स्वर। आपसे यदि यह पूछा …