किस रंग के जूते चप्पल पहनना आपको समस्या में डाल सकता है़

 जूते चप्पल

चप्पल -जूतों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है़। क्यों कि ये जूते चप्पल ही हमें हमारी मंजिल तक ले जाते है़। यदि हम प्राचीन काल की बात करें तो पुराणों में लोगों का नंगे पैर रहना या उनके पादुका (खड़ाऊ ) पहनने का उल्लेख मिलता है़। उसके बाद मनुष्य की सभ्यता के क्रमिक विकास के चरण में अब पैरों में खड़ाऊं का स्थान जूते चप्पल और सैंडिल ने ले लिया है़।

जूता चप्पल (juta chappal)

लेकिन आज भी जब हम मंदिर, गुरुद्वारे आदि घार्मिक स्थलों पर जातें हैं तो पूजा स्थलों में प्रवेश करने के पहले अपने जूते चप्पल को बाहर ही उतार देतें हैं। क्या आपने विचार किया की हम धार्मिक स्थलों में अंदर जाने से पहले अपने जूते चप्पल क्यों निकाल देतें हैं? इसके पीछे क्या कारण है़? आप कहेंगे परंपरा है़। लेकिन इस परंपरा के पीछे ज्योतिषीय कारण है़। जिसकी चर्चा आज हम करेंगे।

पूजा स्थलों में प्रवेश करने से पहले जूतों, चप्पलों आदि को उतारने की प्रथा इसलिए है़ क्यों कि हमारे पैरों में जूते चप्पल शनि और राहु ग्रहों से संबंध रखते है़। जब हम पूजा घरों में प्रवेश करते समय अपने जूते चप्पल को उतार देतें हैं तो पाप ग्रहों का प्रभाव कम हो जाता है़। जो हमारे लिए कल्याणकारी है़।

जूते चप्पल उतारने का दूसरा कारण यह है़ कि जूते चप्पल जगह-जगह जाने के कारण वे अपने साथ नकारात्मक ऊर्जा लिए रहतें हैं। जिनको उतारते ही हम नेगेटिव एनर्जी से मुक्त हो जातें हैं। हम आगे इस बात की चर्चा करेंगे ज्योतिष विज्ञान के अनुसार किस रंग के जूते पहनना आपके लिए उचित है़ और किस रंग के जूते पहनना अनुचित?

चमचमाते हुये जूते से भाग्य का कनेक्शन क्या है़?

हमें यह पता होना चाहिए कि पैरों में जूते चप्पल के धारण करने से हमारे भाग्य की दशा प्रभावित होती है़। इसलिए हमें इन्हें पहनते समय कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। जब हम घर से बाहर निकलते हैं तो जूते चप्पल आदि पहनने से पहले उसे झाड़-पोंछ लें। बल्कि उस पर ब्रश मारकर चमकदार बना लें। क्योंकि चमचमाते हुये जूते पहनने से आपका भाग्य चमक उठता है़।

इसके विपरीत धूल से गंदे जूते जिंदगी में समस्याओं की वृद्धि करता है़। जबकि साफ-सुथरे जूते शनि और राहु की दशा को अच्छा बनाते हैं। साथ ही धूल से भरे हुये जूते नकारात्मक ऊर्जा लिए हुये होते हैं, जिनके गंदा ही पहनने पर आपके साथ नकारात्मक ऊर्जा चल पड़ती है़। जो आपको अपयश दिलाती है़। लेकिन जब आप जूतों की धूल ब्रश से हटाकर पहनते हैं तो नकारात्मक ऊर्जा उस पर से हट जाती है़। ऐसा करने से आप मार्ग में होने वाली दुर्घटना आदि से भी बचते हैं।

किस रंग के जूते पहने?

आज का युग फैशन का युग है़। लोग जूते चप्पल भी कपड़ों के रंगो के अनुरूप पहनते हैं। मैचिंग के चक्कर में आज लोग लाल, हरा, सफेद आदि सभी रंगो के जूते पहनते हैं। यहाँ प्रश्न यह है कि ज्योतिष, जूतों के रंग के बारे में क्या कहता है़? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जूते चप्पल  आदि काले, भूरे या नीले रंग के ही पहनने चाहिए। अन्य किसी कलर के जूते पहनना ग्रहों की दृष्टि से उचित नहीं हैं।

उदाहरण के लिए यदि आप लाल रंग के जूते अपने पैरों में पहनते हैं तो अपना मंगल खराब करते हैं। इसी तरह यदि आप हरे रंग के शूज़ पहनते हैं तो अपना बुध अमंगलकारी बनाते हैं। सफेद रंग के जूते शुक्र और चन्द्रमा को खराब करते हैं। इसलिए जहाँ तक संभव हो काले, भूरे या नीले रंग के जूते चप्पल ही अपने पैरों में पहनना चाहिए। इसके अतिरिक्त रंगो के जूते चप्पल आदि पहनने से उन रंगो से जुड़े ग्रह अपमानित होते हैं। जो आपके लिए अनिष्टकारी सिद्ध होते हैं।

ज्योतिष किस रंग के जूते पहनने को अशुभ मानता है़?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक ऐसा रंग है़ जिसे दैवीय रंग माना गया है़। जिस रंग का स्थान मस्तक पर होना शुभ प्रदान करने वाला होता है़ लेकिन इस शुभ रंग का उपयोग यदि हम शरीर के ऊपरी हिस्से के बजाय पैरो के पंजों में करते है तो उस रंग के महत्वपूर्ण ग्रह को अनफेवरेबल बनाते हैं। ज्योतिष के अनुसार वह महत्वपूर्ण रंग है़ पीला।

पीला रंग वृहस्पति ग्रह से संबंधित है़। जो हमारे भाग्य का उदय करता है़। लेकिन इस वृहस्पति ग्रह के प्रतिनिधि पीले रंग का उपयोग हम यदि अपने पाँव में करते हैं तो निश्चित रूप से हम इस महत्वपूर्ण ग्रह को अपने लिए अनिष्टकारी बनाते हैं। इसलिए ज्योतिष शास्त्र आपको परामर्श देता है़ कि कभी पीले या सुनहरे रंग के जूते न पहनें।

क्योंकि पीले रंग के जूते आपके भाग्य को दुर्भाग्य में बदल देते है़। पीले रंग के जूते पहनने से नौकरी, रोजगार ,शादी-विवाह, तरक्की आदि में बाधा उत्पन्न होती है़। ज्योतिष, स्त्रियों को पैर में, पीले और सुनहरे रंग का उपयोग करने की सलाह बिल्कुल नहीं देता। महिलाओं द्वारा पीले रंग के शूज़, सैंडिल या चप्पल पहनने से उनके विवाह या वैवाहिक जीवन में समस्या आती है़।

जूते दान करने से आपका शनि और राहु ग्रह अनुकूल हो जाता है़

अब हम आपको बताने जा रहें हैं वह अचूक नुस्खा जिसको करने मात्र से आपका सोया हुआ भाग्य उदित हो सकता है़। ज्योतिष के अनुसार यदि आप किसी जरूरत मंद को जूते -चप्पल आदि दान करते हैं तो आप अपने लिए भाग्य का दरवाजा खोल लेते हैं।

यदि आपको नौकरी, रोजगार पाने में बाधा आ रही हो या आप अपनी नौकरी में प्रमोशन या ट्रांसफर चाहते हैं तो आपको यह उपाय अवश्य अपनाना चाहिए। आपके द्वारा दान किये जूते किसी व्यक्ति को उसके राह में आने वाले काँटों और पत्थरों से बचाते हैं। जिसके कारण आपके जीवन के कांटे भी दूर होने लगते हैं।

जूतों को उल्टा-सीधा रखने से आती है़ दरिद्रता और बढ़ती है़ व्यर्थ की भाग-दौड़

कभी-कभी घर पहुँचने पर हम अपने जूतों को उल्टा सीधा रख देतें हैं। ज्योतिष आपको ऐसा करने से मना करता है़। ज्योतिष के अनुसार यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके जीवन मे अस्थिरता आती है़। जिसके कारण आप समस्याओं से घिर जाते हैं।

साथ ही जूतों को अपने स्थान पर ठीक तरह से न रखने पर घर में दरिद्रता और व्यर्थ की भाग -दौड़ को बढ़ावा मिलता है़। इसलिए घर पहुँचते ही अपने जूते-चप्पलों को सम्मान पूर्वक रख दें, क्योंकि यदि आप करेंगे जूतों -चप्पलों का सम्मान, तो बढ़ेगा आपका अपना यश और मान।

मंदिर में दूसरों के जूते की धूल साफ से साफ होती है़ आपके भाग्य पर लगी धूल

आपने मंदिर, गुरुद्वारों आदि धार्मिक स्थलों में ऐसा देखा होगा कि कुछ लोग मंदिर में दर्शन के लिए आये भक्तों के द्वारा उतारे गये जूते -चप्पल आदि पोंछने लग जाते हैं। यह सेवा कार्य तो है़ ही, साथ ही दैवीय कृपा पाने का उत्तम मार्ग है़। तभी तो लोग -बाग अपनी व्यस्त जिंदगी से कुछ पल इस धार्मिक कार्य में लगाते हैं। यह अचूक उपाय कोई भी व्यक्ति अपनाकर देख सकता है़। जिसका परिणाम बहुत चमत्कारिक है़।

दूसरों की चप्पल पहनने से क्या होता है

कभी-कभी ऐसा देखा गया कि लोग शरारतवश या चुराने की नियति से मंदिरों आदि धार्मिक स्थलों के बाहर दर्शन के लिए आये भक्तों के जूते -चप्पल आदि पहन कर चले जातें हैं। ज्योतिष ऐसा करने की सख्त मनाही करता है़। क्योंकि ऐसा करने से आप जाने अनजाने मुसीबतों को आमंत्रित कर लेतें हैं।

आप ऐसा करके अपने जीवन से स्वास्थ्य और धन दोनों को खोने की राह खोल देतें हैं। चोरी के जूते पहनकर आप जितना चलेंगे उतनी ही परेशानियों की ओर आगे बढ़ते जाएंगे। इसलिए कभी भी पूजा स्थलों पर दूसरों के रखे जूते -चप्पल आदि न पहनें। क्योंकि आपका यह पाप कार्य आपके जीवन को खतरे में डाल सकता है़।

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