ब्राजील की इमिलिया जिसने लिंग परिवर्तन के साथ पुनर्जन्म लिया
ब्राज़ील की इमिलिया लॉरेंज, अपने आप में एक ऐसा अनोखा व रहस्यमय व्यक्तित्व जिसे अपनी इच्छाएं पूरी करने के लिए दूसरा जन्म ले कर आना पड़ा | इमिलिया की जीवन गाथा ने उन लोगों के मुह पर ताला लगा दिया जिन्हें आत्मा की अमरता और पुनर्जन्म, एक पाखण्ड के सिवा और कुछ नहीं लगता था | इमिलिया लारेन्ज का जन्म 4 फ़रवरी सन 1902 को हुआ था | उसके पिता का नाम था ऐफ.वी. लॉरेंज |
उसके जीवन की सबसे बड़ी विडम्बना यह थी कि उसे, अपने लड़की की रूप में जन्म लेने पर घोर असन्तुष्टि थी | जब तक वह जीवित रही, हमेशा यह कहकर अपने को कोसती रही कि उसने लड़की होकर क्यों जन्म लिया |
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उसने अपने भाई-बहनों से कई बार यह कहा कि ‘यदि वास्तव में पुनर्जन्म जैसी कोई चीज होती है तो अगली बार वह पुत्र होकर जन्म लेना पसंद करेगी’ | उसने अपना विवाह करने से इंकार कर दिया और कहा कि ‘वह अविवाहित रह कर ही मरना चाहती है’ |
अपनी हीन तथा निराशापूर्ण भावनाओं के कारण उसने कई बार आत्महत्या करने का प्रयास भी किया | और अंत में वह अपने प्रयास में सफल भी हुई | बीस वर्ष की अवस्था में, 12 अक्टूबर सन 1921 को वह जहर खाकर मर गई | परिवार वालों का समझाना भी उसके दुखद अंत को रोक न सका |
इमिलिया की मृत्यु के पश्चात उसकी मां लगभग टूट सी गयी | उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि उसकी प्यारी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है | उसकी माँ अब प्रेत तत्व से संबंध रखने वाली बहुत सी सभाओं में जाने लगी थी |
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ऐसी ही एक सभा में उसे एक प्रेतात्मा (जो अपने आपको इमिलिया की आत्मा कहती थी) से एक संदेश मिला कि ‘आत्महत्या करने के कारण वह बहुत दुखी है और वहाँ (अपने लोक में) एक अभिशप्त जीवन जीने को विवश है | उसे अपने किये पर बहुत पश्चाताप है और अब वह अपने ही परिवार में एक पुत्र के रुप में लौटना चाहती हैं’ |
कुछ समय बाद उसी प्रेतात्मा से इमिलिया की माँ को स्पष्ट सन्देश मिला कि “मां अब तुम मुझे अपने पुत्र के रूप में स्वीकार करो | मैं अब तुम्हारा पुत्र बन कर जन्म लूंगी” | मां ने जब यह बात अपने पति से कही तो उन्होंने इस पर विश्वास नहीं किया | इसके कई कारण थे | उनमे सबसे महत्वपूर्ण कारण उसका स्वास्थ्य था | अपने लगातार गिरते हुए स्वास्थ्य की वजह से उसे बिलकुल आशा नहीं थी कि वह और संतानों को जन्म दे पाएगी |
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परंतु उनकी यह आशा असत्य साबित हुई | 3 फरवरी 1923 को उस माँ ने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम उन्होंने इमिलिया ही रखा, यद्यपि और लोग उसे पाउलो (Paulo) के नाम से भी पुकारते थे | पाउलो और मृत इमिलिया की रुचियों और गुणों में बहुत सी समानताएं थीं |
वास्तव में पाउलो में बहुत सी आदतें लड़कियों वाली थीं | पाउलो बहुत अच्छी तरह से कपड़ों की सिल लेता था | चार पांच वर्षो तक तो पाउलो ने लड़कों वाले कपड़े तक पहनने में बहुत अरुचि दिखाई | कभी कभी वह ऐसी हैरान कर देने वाली बाते कहता था जिससे ऐसा प्रतीत होता था की उसे मृत इमिलिया के जीवन के बारे में अच्छी तरह मालूम है |
जब वह 5 वर्ष का था तो उसकी माँ ने इमिलिया की पुरानी स्कर्ट को कांट-छांट कर उसके लिए एक दूसरे प्रकार की (लड़कों वाली) पोशाक बनायीं थी | पाउलो को यह पोशाक बहुत पसंद आई और वह इसे पहन कर तैयार हो गया | उसके बाद उसने लड़कों के कपड़े पहनने शुरू कर दिए | धीरे धीरे उसकी यौन सम्बन्धी रुचियाँ पुरुषत्व की ओर लौटने लगी | परन्तु 13-14 वर्ष तक भी उसमे कभी-कभी स्त्रियों के कुछ लक्षण द्रष्टिगोचर हो जाते थे |
पुनर्जन्म के ज्यादातर मामले अपने आप में कई तथ्यों को समेटे हुए होते हैं, यदि उनकी बारीकी से जांच-पड़ताल की जाए तो ये तथ्य उजागर भी हो सकते हैं | प्रस्तुत घटना भी आत्महत्या के भयंकर दुष्परिणाम और पुनर्जन्म के लिंगभेद से परे होने को पूरी निष्पक्षता से प्रमाणित करती है |