वो जुड़वाँ न हो कर भी बिलकुल एक जैसा जीवन जी रहे थे
आयरलैंड की दक्षिणी पश्चिम पट्टी पर स्थित काउन्टी कॉर्क (County Cork) का छोटा सा गाँव ‘क्रुक हैवेन’ (Crook haven) | यहाँ एक बार एक ही मकान में रहने वाले दो दंपत्तियों के यहाँ एक ही दिन कुछ मिनटों के ही अन्तर से दो पुत्र पैदा हुये ।
एक दाम्पत्ति ने अपने बच्चे को नाम एलेनर ग्रेडी रखा दूसरे ने अपने बच्चे का नाम पैट्रिक रखा । दोनों बच्चे, समय बीतने के साथ-साथ, धीरे-धीरे अपने जीवन के स्वाभाविक विकास क्रम की ओर चल पड़े । इस दुनिया में जहाँ हर तीन सेकंड में एक नयी संतान का जन्म हो जाता है वहां दो बच्चों के जन्म की बात करना कोई अनोखी बात नहीं है |
लेकिन प्रकृति के खेल निराले हैं | इस संसार में इतनी विचित्रताएं भरी हुई हैं कि उनकी कोई थाह नहीं | ऐसी ही एक विचित्र समानता इन दोनों बच्चों के साथ भी देखने को मिल रही थी | पैट्रिक और एलेनर ग्रेडी अलग अलग स्थानों पर अलग-अलग खेलते लेकिन एक दिन दोनों रोते रोते घर पहुँचे, पता चला दोनों के दाहिने पैर पर लगभग एक ही स्थान पर एक जैसी चोट लगी थी ।
माता पिता ने फर्स्ट एड देते हुए मरहम पट्टी कर दी लेकिन तब इस विचित्र समानता पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया । स्कूल की पढ़ाई के दौरान जब दोनों बच्चे पढ़ रहे थे तब कई बार ऐसा हुआ कि यदि परीक्षा में पैट्रिक को 250 अंक प्राप्त हुये तो दूसरे स्कूल में पढ़ रहे ग्रेडी को भी 250 ही अंक मिले । अगर कभी अंतर अन्तर पड़ा तो बहुत ही मामूली ।
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थोड़ा बड़े होने पर जब दोनों ने युवावस्था में कदम रखा तो जिस दिन एलेनर ग्रेडी के विवाह सम्बन्ध की बात चली तो ठीक उसी दिन पैट्रिक की भी ज़िन्दगी में पहली बार उसकी पत्नी आई | और संयोग कुछ ऐसा हुआ कि पैट्रिक और एलेनर दोनों की शादी एक ही दिन तय हुई और तो और पहला बच्चा भी दोनों के एक ही दिन पैदा हुआ ।
अब दोनों के परिवार वालों के साथ-साथ उनके सगे-सम्बन्धियों में भी उनके साथ घटित होने वाली इन विचित्र समानताओं की चर्चा होने लगी थी | आगे इन घटनाओं ने वहां लोगों का ध्यान हठात् अपनी ओर खींचा और आयरलैंड के शिक्षित व्यक्ति भी यह मानने लगे कि कोई एक सार्वभौमिकता सत्ता व नियम इस सृष्टि में काम अवश्य कर रहा है नहीं तो ऐसी विचित्रताएं क्यों कर प्रकाश में आती ।
भारतवर्ष में करमचंद गाँधी और लालबहादुर शास्त्री जी की जन्म तिथियाँ एक थी और दोनों को जीवन भी लगभग एक सा था । पं॰ मोतीलाल नेहरू और श्री रवीन्द्र नाथ टैगोर एक ही दिन जन्में उनकी उपलब्धियाँ भी लगभग एक जैसी थी ।
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अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन ऍफ़ कैनेडी और राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन 100 वर्ष के अन्तर से जन्मे लेकिन उनके जीवन की घटनाओं में इतनी अधिक समानता देखी गई कि लोगों को यहाँ तक कहते हुए सुना गया “लिंकन ही कैनेडी होकर जन्मे है” |
पैट्रिक और एलेनर ग्रेडी 66 वर्ष की आयु में एक ही दिन बीमार पड़े और एक ही दिन, एक ही समय मर कर इस दुनिया से चले गये पर छोड़ गए अपने पीछे एक अधूरा प्रश्न जो चिरकाल तक लोगों को मनुष्य जीवन की यथार्थता को खोजने के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा देता रहेगा ।