इस धरती पर कुछ ऐसे रहस्यमय स्थान हैं, जहाँ की अदभुद बातों का सच हम आज तक नहीं ढूंढ सके हैं। इन स्थानों के रहस्य को हम कुदरत का करिश्मा कहें या को कोई वैज्ञानिक कारण, जिसके फलस्वरूप उस रहस्यमयी जगह की आश्चर्यजनक सच्चाई हमें चौंका देती है। जी हाँ, आज हम बात कर रहें हैं एक ऐसे गांव की, जहां हर परिवार में जुड़वाँ बच्चे ही जन्म लेते हैं।
कहाँ है ये गाँव
इस विचित्र बात को जानकर हर किसी को बहुत आश्चर्य होता है कि ऐसा क्या कारण है कि इस गाँव के अधिकांश परिवारों में जुड़वा बच्चे ही पैदा होते हैं। यह गाँव जुड़वां चेहरों से भरा हुआ है। यह जुड़वाँ लोगों का गांव है हमारे देश के केरल राज्य में, जहाँ मललाप्पुरम जिले के तिरूंरंगाडी के पास है ग्राम कोडिन्हीं, इस गांव के परिवारों में जुड़वा बच्चे ही जन्म लेते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गाँव पर ईश्वर की अजीबोगरीब कृपा है कि जब भी यहाँ किसी परिवार में बच्चों का जन्म होता है तो अधिकतर जुड़वाँ बच्चे ही पैदा होते हैं। एक अनुमान के अनुसार यहाँ पिछले 50 वर्षों में लगभग 300 से अधिक जुड़वा बच्चों ने जन्म लिया। यदि आप इस गाँव में पहुंच जायें तो आपको खुद इस बात का प्रत्यक्ष अनुभव होगा।
आपको गाँव में हर तरफ एक जैसे दो चेहरे वाले लोग नज़र आयेंगे। विधाता का ऐसा चमत्कार धरती पर कहीं नहीं है। इस गांव में प्रवेश करते ही आपको यहाँ लगा हुआ है एक बोर्ड मिलेगा, जिस पर लिखा है कि भगवान का अपना जुड़वाँ गाँव कोडिन्हीं में आपका स्वागत है। इस गांव को विलेज ऑफ ट्विन्स के नाम से भी जाना जाता है।
ऐसी क्या खास बात है इस गाँव में कि यहाँ जुड़वाँ बच्चे ही क्यों ज्यादा पैदा होते हैं? इस संबंध में न जाने कितने शोध कार्य किये जा चुकें हैं। इस गाँव में जुड़वाँ बच्चों के पैदा होने के कारणों के पीछे यहाँ का खान-पान और रहन -सहन पर काफी अध्ययन किया गया। लेकिन फिर भी इस गाँव में जुड़वाँ बच्चों के होने का रहस्य आज तक नहीं खुल सका।
जुड़वाँ सन्तानों की भी आगे जा कर जुड़वाँ संताने होती हैं
यहां के डॉक्टर्स खुद हैरान हैं। कोई कहता है कि यहां की मिट्टी में कुछ ऐसी बात है। तो कोई और कुछ तर्क देता है। लेकिन आज तक कोई इस आश्चर्यजनक सच को नहीं जान सका है। यहाँ इतनी अधिक संख्या में जुड़वाँ लोगों के पैदा होने के कारण यह गाँव विश्व प्रसिद्ध गाँव बन गया है। लोग दूर-दूर से यहाँ इस हैरानी भरे मंजर को देखने आते हैं।
जुड़वाँ बच्चे ही पैदा होने के कारण इस गांव की जनसंख्या भी तेजी से बढ़ी है। इस गांव के कुछ मां-बाप हैरान भी नजर आते हैं, क्योंकि कमाल की बात यह है कि जुड़वाँ लोगों की भी आगे चलकर जुड़वा संताने ही पैदा होती हैं। इसलिये उन्हें पहले से ही अपनी फैमिली प्लानिंग पर विशेष ध्यान देना होता है।
क्योंकि यदि उनके परिवार में दो बार डिलीवरी हो गई तो जुड़वाँ होने के कारण बच्चों की संख्या चार हो जायेगी। इसीलिए इस गाँव के मध्यम कमाई वाले ग्रामवासी परिवार में एक डिलीवरी को ही वरीयता देते हैं। क्योंकि अधिक बच्चों को पालना उनकी क्षमता के बाहर है।