हिन्दुओं की धार्मिक नगरी बनारस में अस्सी रोड से कुछ ही दूरी पर आनन्द बाग के पास प्राचीन दुर्गा कुण्ड नाम का एक अति प्रसिद्ध मन्दिर है। सनातन धर्म के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक यह मंदिर, हिन्दू धर्म की परम पूजनीय, आदि शक्ति माँ दुर्गा जी का मंदिर है।
वैसे तो यहां, दुर्गा कुंड मन्दिर में, हर समय दर्शनार्थियों और पर्यटकों का आना लगा रहता है पर नवरात्रि व सावन के महीने में तो यहाँ भक्तों की असंख्य भीड़ रहती है। यह मंदिर कितना प्राचीन है, इसके बारे में कोई पुख्ता तथ्य नहीं है |
पौराणिक रूप से अति प्रसिद्ध इसी मन्दिर के पास राम चरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसी दास जी द्वारा स्थापित हनुमान जी का विश्व प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर भी है। हनुमान जी के भक्तों के लिए संकटमोचन मंदिर, किसी वरदान से कम नहीं | माना जाता है कि हनुमान जी साक्षात् यहाँ विराजमान हैं |
दुर्गा कुंड मंदिर काशी यानि बनारस के सबसे पुरातन मंदिरो में से एक है। विस्तृत रूप से शोध किया जाये तो शायद यह मंदिर विश्व के सबसे प्राचीन मन्दिरों में से एक निकले | इस मंदिर का उल्लेख काशी खंड में भी मिलता है। लाल पत्थरों से बने अति भव्य इस मंदिर के एक तरफ एक पवित्र कुंड स्थित है, जिसे दुर्गा कुंड कहते है |
लोगों का कहना है इस दुर्गा कुण्ड में पानी पाताल से आता है इसलिए इस कुण्ड का पानी कभी नहीं सूखता है | पाताल से आने वाले पानी के अलावा ऐसे सैकड़ो अबूझ रहस्य है इस मन्दिर में जिसके बारे में आज के वैज्ञानिक भी मौन हैं | इस मंदिर मे माँ दुर्गा यंत्र रूप मे विराजमान है।
वैसे तो यह मंदिर दुर्गा जी का है लेकिन इस मंदिर मे बाबा भैरोनाथ, माँ लक्ष्मी जी, माँ सरस्वती जी, एवं माता काली जी भी मूर्ति रूप में स्थित है। लगभग सभी पवित्र तिथियों पर यहाँ मांगलिक कार्य एवं मुंडन इत्यादि के लिए भी लोग आते है।
मंदिर के अंदर ही एक हवन कुंड है, जहाँ रोज हवन होते है। इस मंदिर में यंत्र रूप में विराजमान माँ दुर्गा का तेज इतना भीषण है की माँ के सामने खड़े होकर दर्शन करने भर से ही भक्त के कई जन्मों के पाप भस्म होते हैं |
पुराणों के अनुसार दुर्गा मंदिर में माँ दुर्गा की जो मूर्ति स्थापित है वह दुर्गाकुण्ड से ही प्राप्त हुई थी। वैसे तो मनोकामना पूर्ति के लिये प्रसिद्ध इस मंदिर में पूरे वर्ष भर लोगों की भीड़ लगी रहती है लेकिन सावन महिने मे यहाँ एक माह का बहुत मनमोहक मेला लगता है।