सपनो की दुनिया भी अजीब होती है | अक्सर बेतरतीब से दिखने वाले सपने कभी-कभी मनहूस शक्ल ले लेते हैं | मनहूस होने के बावजूद ये सपने कभी-कभी इतने विचित्र होते हैं कि उनके कारण को समझ पाना बहुत मुश्किल होता है | ऐसा ही एक मनहूस और विचित्र सपना देखा एक महिला ने जिसने उसके होश उड़ा दिए |
मैनचेस्टर की उस महिला ने एक ही रात में तीन बार एक ही सपना देखा कि उसकी अपनी लड़की सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई है। प्रातःकाल यह सपना सच निकला जब उसे इस मनहूस खबर का समाचार मिला कि लड़की एक सड़क दुर्घटना के हादसे में मर गई।
इस पूरे प्रकरण में सबसे ज्यादा विचित्र और हैरान कर देने वाली बात यह थी कि पहली बार का स्वप्न भविष्य सूचक था यानी उस महिला को हादसे का जब पहली बार सपना आया तब तक ऐसी कोई घटना नहीं घटी थी |
दूसरी बार का सपना जब उस महिला को आया, ठीक उसी समय एक्सीडेंट की दुर्घटना हुई | तीसरी बार का सपना अतीत में हो चुकी घटना को दर्शाने वाला था | यह घटना इस तथ्य को प्रमाणित करती है कि हमारे कितने ही स्वप्न ऐसे होते हैं जिन्हें हम समझ नहीं पाते पर जो वस्तुतः किन्हीं सत्य घटनाओं (कभी-कभी हमारे ही जीवन की) से ही सम्बन्धित होते हैं |
कभी-कभी ऐसी घटनायें काल्पनिक जैसी भी लगती हैं और मौत के बाद के जीवन को उपहासास्पद बनाती लग सकती हैं लेकिन कार्डिफ में एक ऐसी घटना घटी जिसने सनातन धर्म के उस तथ्य को सत्य सिद्ध कर दिया कि आतीन्द्रिय जगत में दैवी विधानों की बात बिल्कुल झूठ नहीं हो सकती। भले ही कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते हों अथवा बना देते हैं।
प्रस्तुत घटना प्रसिद्ध लेखक जे.बी. प्रीस्टले द्वारा वर्णित एक सत्य घटना है। प्रीस्टले अपने अनुभव बताते हुए लिखते हैं कि एक रात उनकी एक परिचित महिला ने स्वप्न देखा कि वह सड़क दुर्घटना की शिकार हो गई है वह जब जगी तो उसके शरीर के अंग-अंग में चोट जैसा दर्द था और वह अपने आपको बिल्कुल मृत जैसा अनुभव कर रही थी।
दूसरे दिन अखबार में एक घटना छपी थी।अखबार में छपी उस घटना के अनुसार उस स्त्री की एक हमनाम स्त्री दुर्घटना का शिकार हो गई थी। दुर्घटना का स्थल दुर्घटना का कारण वाहन दोनों बिल्कुल वही थे जैसा कि इस स्त्री ने अपने स्वप्न में देखा था।
ऐसा मालूम हो रहा था कि स्वप्न भूल कर गया नाम की। जिसे स्वप्न दिखाना था, उसे न दिखाकर उसी नाम की उसी शहर की अन्य स्त्री को दिखाया गया।