कल्पना कीजिए कि आप किसी विमान में सफ़र कर रहे हों और आपका सामना बिलकुल असामान्य परिस्थितियों में किसी घोषित भूत या प्रेत से हो जाए, तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी ? स्पष्ट है कि प्रतिक्रिया भी असामान्य होगी | कुछ ऐसा ही हुआ था ईस्टर्न एयरलाइन्स कम्पनी (Eastern Airlines Co.) के ट्राई स्टार-318 (Tri Star-318) फ्लाइट में तैनात एयर होस्टेस ‘फे मेरी वीदर’ (Fay Merry Weather) के साथ !
आसमान साफ़ था | विमान में कुल 180 यात्री थे जो न्यू यॉर्क (New York) से फ्लोरिडा के समुद्र तट (Florida Beach) तक जा रहे थे | यात्रा के बीच में यात्रियों को नाश्ता देने के लिए, एयर होस्टेस फे मेरीवीदर अपनी सीट से उठी और फ़ूड स्टोर की तरफ़ बढ़ी | वहाँ पहुँच कर उसने खाद्य-सामग्री को ताज़ा गर्म रखने वाले ओवन की ओर जैसे ही हाँथ बढ़ाया, सामने का दृश्य थर्रा देने वाला था |
हलक से निकलने वाली चीख़ ने गले में ही दम तोड़ दिया था | दरअसल ओवन के सामने वाले शीशे के पीछे से एक चेहरा झाँक रहा था | विश्वास करना कठिन था लेकिन उस चेहरे की आँखे भी हिल रही थी मानो कुछ कहना चाह रही हो | मेरी ने डर कर अपनी आँखें बंद कर ली |
आँखें खोलने पर उसने पाया कि ऐसा कुछ नहीं था वहाँ | उसने ईश्वर से प्रार्थना की, कि ये उसका भ्रम ही हो और कांपते हाँथों को उसने ओवन से सामान निकालने के लिए आगे बढ़ाया ही था कि फिर वही चेहरा…हाँ वही चेहरा था, इस बार उसने ध्यान से देखा था |
ओवन का शीशा मानो टेलीविज़न स्क्रीन हो चुका था | इस बार उसके होठ हिल रहे थे | वो स्पष्ट रूप से कुछ बताना चाह रहा था | मेरी को थोड़ी देर के लिए लगा कि वो किसी और दुनिया में है लेकिन तुरंत ही उसने अपने आप को संभाला और चेहरे पर आतंक का भाव लिए वो वहाँ पहुंची जहाँ फ्लाइट इंजिनियर मुओर (Muore) बैठा था |
पहली बार में मुओर, मेरी की बात समझ नहीं पाया | वह मेरी के साथ-साथ फ़ूड स्टोर में आया | उस समय भी वो चेहरा वहीँ था, ओवन के शीशे के पीछे | इस बार मुओर और मेरी दोनों ने साफ़-साफ़ सुना, वो कह रहा था “सावधान रहो, जेट में आग लगने जा रही है” और इसी के साथ वो चेहरा ग़ायब हो गया |
मुओर ने वो चेहरा पहचान लिया था | वो पिछला फ्लाइट इंजिनियर डॉन रेपो (Don Repo) था, जो एक हवाई दुर्घटना में मारा गया था | उन दोनों को ये बात अब तक समझ आ चुकी थी कि उनको चेतावनी देने वाला कोई और नहीं बल्कि डॉन रेपो का भूत था |
उस वक़्त, उस फ्लाइट में किसी ने इस चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया..शायद उस फ्लाइट में बुद्धिजीवियों का जमावड़ा था जिन्हें भूत-प्रेत के अस्तित्व पर विश्वास नहीं था | मगर कुछ ही घंटो बाद, मेक्सिको की यात्रा के दौरान, उस विमान के इंजन में ख़राबी आ गयी | इंजन के ठीक से काम न करने की वजह से उस विमान को वापस न्यू यार्क ले कर आना पड़ा |
मरम्मत के बाद परिक्षण के लिए जैसे ही विमान को उड़ाया गया, उसका जेट इंजन हवा में ही बम की तरह फटा | प्रत्यक्षदर्शियों में मुओर और मेरी भी थे जिनके कान में डॉन रेपो के शब्द हथोड़े की तरह बज रहे थे | रह-रह कर सभी के मस्तिष्क में एक ही प्रश्न घुमड़ रहा था कि अगर आज भी अतिरिक्त सावधानी न बरती गयी होती तो न जाने क्या होता ?
इस पूरी घटना की डिटेल्स को अमेरिकी उच्चाधिकारियों ने उड़ान सुरक्षा संगठन में दर्ज किया है | इस घटना की जड़ें उस घटना में समाहित हैं जो इतिहास में ‘सबसे असाधारण परामनोवैज्ञानिक घटनाओं’ में शुमार है और जिसे लोग ‘The Ghosts of Flight 401’ या फ्लाइट-401 के भूत नाम से भी जानते हैं |
वो शाम थी दिसम्बर 29, 1972 की | कुल 163 यात्रियों के साथ, ईस्टर्न एयरलाइन्स की फ्लाइट-401, अपने लॉकहीड (Lockheed L-1011 Tristar) जेट विमान के साथ उड़ान भरने को तैयार थी | फ्लाइट के कप्तान बॉब लॉफ्ट (Bob Loft), फ्लाइट इंजिनियर डॉन रेपो (Don Repo) के अलावा उसमे दस विमान परिचारिकाएँ भी थी |
ईस्टर्न एयरलाइन्स के फ्लाइट-401 की ये नियमित उड़ान थी जिसे न्यू यॉर्क के जॉन ऍफ़ कनेडी अन्तर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ान भरनी थी और मियामी, फ्लोरिडा के मियामी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक जाना था | पचपन वर्षीय फ्लाइट के कप्तान ‘रोबर्ट अल्बिन बॉब लॉफ्ट’ एक वरिष्ठ एवं कुशल पायलट (विमान चालक) थे |
उन्हें बत्तीस वर्ष और कुल 29,700 घंटे विमान उड़ाने का अनुभव था | सह चालक दल में उनके साथ, प्रथम अधिकारी, 39 वर्षीय, ‘अल्बर्ट जॉन स्टॉकस्टिल’ थे जिन्हें 5800 घंटे हवाई यात्रा का अनुभव था | उनके साथ फ्लाइट इंजिनियर, 51 वर्षीय, ‘डोनल्ड लुईस डॉन रेपो’ थे, जिन्हें कुल 15,700 घंटे हवाई उड़ान का अनुभव प्राप्त था |
इन सब के साथ चालक दल के सदस्यों में, कंपनी की तरफ से, एक 47 वर्षीय तकनिकी अधिकारी ‘एंजेलो डोनैडियो’ भी था जो एक असाइनमेंट पूरा कर के न्यू यॉर्क से मियामी लौट रहा था |
ईस्टर्न स्टैण्डर्ड टाइम के अनुसार रात नौ बजकर बीस मिनट पर फ्लाइट-401, 163 यात्रियों और कुल 13 चालक दल के सदस्यों के साथ जॉन ऍफ़ कनेडी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से विदा हुई | पूरी यात्रा के दौरान सब कुछ सामान्य था | लगभग, साढ़े ग्यारह बजे के आस-पास वो जहाज मियामी हवाई अड्डे के ऊपर उड़ रहा था |
विमान को हवाई अड्डे पर लैंड कराने के लिए जैसे ही लैंडिंग गियर को नीचे किया गया, स्टॉकस्टिल ने ध्यान दिया कि हरे रंग का इंडिकेटर ऑन हो कर प्रकाशित नहीं हुआ जबकि लैंडिंग गियर को डाउन पोजीशन में लॉक हो जाने के बाद उस हरे रंग के बटन को हर हाल में प्रकाशित हो जाना चाहिए था |
हाँलाकि लैंडिंग गियर को हाँथ से भी नीचे किया जा सकता था, विमान चालकों ने दोबारा कोशिश की लेकिन वो उस कन्फर्मेशन लाइट को ऑन कराने में असफल रहे | कप्तान बॉब लॉफ्ट, जो की रेडियो पर बात कर रहे थे, उन्होंने ग्राउंड पर मौज़ूद अधिकारियों से कहा कि वे विमान को लैंड कराने का प्रयास छोड़ रहे हैं और उसको होल्डिंग पैटर्न पर डाल रहे हैं |
कंट्रोलर ने उन्हें विमान को 2000 फ़ीट की ऊंचाई पर ले जाने और पश्चिम में स्थित दलदलीय भूमि के ऊपर होल्डिंग पैटर्न पर डालने को कहा | इधर फ्लाइट इंजिनियर डॉन रेपो को वैमानिकी कक्ष, जो की विमान की छत के ठीक निचले हिस्से में बना हुआ था, में भेजा गया ये सुनिश्चित करने के लिए कि क्या वाकई में लैंडिंग गियर नीचे हो रहा है या नहीं |
विमान के निर्धारित ऊंचाई पर पहुँच जाने के लगभग पचास सेकंड्स के बाद कप्तान लॉफ्ट ने स्टॉकस्टिल को निर्देश दिया कि विमान ऑटो-पायलट की स्थिति में डाल दें | अगले 80 सेकंड्स तक विमान अपनी निर्धारित ऊंचाई (2000 फीट) पर उड़ता रहा उसके बाद अचानक से ये 100 फीट नीचे आ गया |
दो मिनट और बीते विमान उसी ऊंचाई (1900 फीट) पर उड़ता रहा | उसके बाद जिस धीमी गति से वो विमान नीचे आना शुरू हुआ है, उसे उस विमान के चालक दल के सदस्य भाँप नहीं सके | मौत दबे पाँव आगे बढ़ रही थी | अगले 70 सेकंड्स में उस विमान ने अपनी ऊंचाई के 250 फीट और खो दिए |
लेकिन इतना काफ़ी था, कम ऊंचाई के लिए निर्धारित वार्निंग बेल को बजने के लिए | इंजिनियर रेपो एक बार फिर नीचे बने कक्ष में गया | अगले 50 सेकंड्स में विमान अपनी निर्धारित ऊंचाई (2000 फीट) की आधी ऊंचाई पर उड़ रहा था | इसके बाद स्टॉकस्टिल ने विमान को 180 डिग्री पर मोड़ने की कोशिश की तो उसे कुछ विसंगति नज़र आई | उस समय के उनके वार्तालाप के कुछ अंश, जो ब्लैक बॉक्स बरामद होने के बाद सामने आये वो इस प्रकार थे
स्टॉकस्टिल: हमने विमान की ऊंचाई के लिए कुछ किया था |
लॉफ्ट: क्या?
स्टॉकस्टिल: हम अभी भी 2000 फीट की ऊंचाई पर हैं ! हैं न ?
लॉफ्ट: हे, वहाँ क्या हो रहा है ?
इसके बाद 10 सेकंड्स से भी कम समय में वो विमान क्रैश हो गया | मौत के झपट्टे ने सोचने का भी वक़्त नहीं दिया कि कब वो इस दुनिया के पार निकल गए |
विमान जब धरती से टकराया तो उसकी गति थी 365 किलोमीटर/घंटा और विमान का मलबा मिला मियामी के उत्तर-पश्चिम में, लगभग 30 किलोमीटर दूर, रनवे नंबर 9L के अंतिम भाग के आस-पास |
इस हादसे में 77 लोगों की जाने बच गयी जिनमे 69 यात्री थे और आठ विमान की परिचारिकाएँ थीं | उस दुर्घटना में विमान के जो हिस्से, कलपुर्जे, सही-सलामत बच गए थे, उन्हें लॉकहीड कंपनी ने नए विमानों में इस्तेमाल कर लिया |
नए विमान, ट्राई स्टार-318 के फ़ूड स्टोर वाला हिस्सा और वो ओवन जिसके शीशे के पीछे डॉन रेपो का चेहरा, मेरी और मुओर को दिखा था, वो पहले उसी दुर्घटनाग्रस्त विमान में ही लगा था |
ऐसा नहीं था कि सिर्फ डॉन रेपो का ही भूत दिखाई दिया था बल्कि अलग-अलग घटनाओं में कप्तान बॉब लॉफ्ट की भी प्रेतात्मा दिखती रही है | पहली बार ये प्रेतलीला ईस्टर्न एयरलाइन्स के इसी विमान, ट्राई स्टार-318, में ही शुरू हुई |
समय था 1973 का और विमान में ईस्टर्न एयरलाइन्स के वाईस प्रेसिडेंट भी सफ़र कर रहे थे | उनके साथ वाली सीट पर ईस्टर्न एयरलाइन की वर्दी पहने जहाज का कप्तान भी बैठा था और वो उनसे बातें कर रहा था | थोड़ी देर बाद उन्हें लगा जहाज का कप्तान तो उनके साथ बैठ कर बातें कर रहा है, फिर पायलट केबिन में विमान कौन उड़ा रहा होगा ?
ऐसा ध्यान आते ही उन्होंने अपने साथ बैठे कप्तान के चेहरे की ओर ध्यान से देखा और वाईस प्रेसिडेंट के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगी | वो उस चेहरे को पहचानते थे | वो बॉब लॉफ्ट था जिसे मरे हुए लगभग एक साल हो चुका था | वो भागकर पायलट के केबिन की ओर गए और विमान के कर्मचारियों के साथ जब लौटे तो बॉब लॉफ्ट का भूत ग़ायब हो चूका था |
ऐसी ही एक अन्य घटना में नियमित उड़ान से पहले जब फ्लाइट इंजिनियर जांच के लिए ट्राई स्टार-318 में घुसा था तो उसके ठीक सामने डॉन रेपो का भूत पूरी वर्दी में बैठकर कलपुर्जों की जाँच कर रहा था | ‘विमान के सारे कलपुर्जे ठीक है’ ऐसा कहकर वो तुरंत वहां से गायब भी हो गया |
जब इस तरह की घटनाएँ बढ़ने लगी तो कंपनी ने सत्य का पता लगाने के लिए एक जांच अधिकारी को नियुक्त किया | उस जांच अधिकारी ने स्वयं, विमान (ट्राई स्टार-318) के मियामी से अटलांटा की यात्रा से पहले डॉन रेपो के भूत को, पूरी तन्मयता से, पैनल बोर्ड के सामने काम करते हुए पाया |
ईस्टर्न एयरलाइन्स की फ्लाइट-401 के क्रैश होने और उसके बाद होने वाली भुतहा घटनाओं के ऊपर जॉन जी. फुलर (John G. Fuller) ने 1976 में एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम था “The Ghost of Flight 401” |
इस पुस्तक में उन्होंने बताया है कि ‘तथाकथित’ घटित होने वाली परामनोवैज्ञानिक घटनाओं के पीछे का कारण, दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान के ध्वंसावशेषों को दोबारा से नए विमानों में इस्तेमाल करना था | सामान्य बुद्धि इन तर्कों से सहमत हो सकती है लेकिन प्रेतात्माएँ सिर्फ वस्तुओं या व्यक्तियों के मोह की वजह से नहीं भटकती बल्कि इसके पीछे उनका प्रारब्ध होता होता है |
कुछ प्रेतात्माए स्वभावतः अच्छी होती हैं | वो दूसरों का भला ही चाहती हैं अतः प्रेत योनि में भी वे दूसरों की भलाई के लिए ही कार्य करती है | कोई कितनी भी भली प्रेतात्मा हो लेकिन जब सामना होता है तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं और हलक सूख जाता है…!
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