ब्रह्माण्ड के चौदह भुवन, स्वर्ग और नर्क आदि अन्यान्य लोकों का वर्णन
भारतीय पौराणिक ग्रंथों में बहुत सारे अंश प्रक्षिप्त हैं | उन्हें बाद के समयों में अर्थलोलुप और परान्न्भोजी विद्वानों ने कुटिलता पूर्वक (कही-कहीं कथा के रूप में) अलग से लिखा है | इससे धर्म की महती हानि हुई है | …