लखनऊ की सबसे डरावनी जगह सूरज ढलते ही लग जाता है जहां भूतों का डेरा

आज हम उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक ऐसे डरावने स्थान की बात करने जा रहें हैं जहां जाने से हर कोई बचता है। यहां रात के अंधेरे में तो कोई जाने की हिम्मत ही नहीं करता, क्योंकि सूरज ढलते ही वहां भूतों का जमावड़ा लग जाता हैं। बताते हैं कि रात होते ही वहां चारों तरफ चीखें सुनाई देने लगती हैं।

ऐसी अनुश्रुति है कि रात्रि के समय जो कोई भी वहां गया, फिर वो दिखायी नहीं दिया। आइए हम आपको परिचित कराते हैं लखनऊ की एक ऐसी जगह से, जहां अंग्रेजो के जमाने से ही भूत- प्रेत अपना कब्जा जमाये हुए हैं। बताते हैं कि पहले इस स्थान पर कोई भूत- प्रेत नहीं थे तो फिर ऐसा यहां क्या हुआ कि यह जगह इतनी डरावनी बन गई? इस कथानक मे जानेंगे इस खौफनाक जगह का डरावना सच।

सिकंदर बाग में है भूतों की बस्ती

लखनऊ की इस सबसे डरावनी जगह का नाम सिकंदर बाग है। यह स्थान लगभग 150 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। कहते हैं कि रात के अंधेरे में वहां मनुष्यों के निष्प्राण अवशेष चलते – फिरते दिखाई देते हैं। लोगों का मानना हैं कि ये 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में जान देने वाले सैनिकों के भूत हैं, जो अपने ऊपर हुए अत्याचार का प्रतिशोध लेना चाहते हैं।

सिकंदर बाग की कहानी बहुत दर्दनाक है

भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी की सबसे खौफनाक जगह सिकंदर बाग की कहानी सचमुच बहुत दिल दहलाने वाली है। जो कोई भी इस स्थान की बीती घटना को सुनता है तो उसके आंसू निकल आते हैं। यह कहानी उस समय की है जब हमारे देश में स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी जा रही थी।

सिकन्दर बाग का भूत बात वर्ष1857 के स्वतंत्रता संग्राम की है। जब वीर भारतीयों के विद्रोह को रोकने के लिए ब्रिटिश शासक दमनकारी नीति अपना रहे थे। उसी समय की बात है, इस आंदोलन के दौरान दो हजार से अधिक भारतीय सैनिक इसी सिकंदर बाग में छिप गए। उनमे से अधिकतर निहत्थे, निःशस्त्र थे।

अंग्रजों को इस बात की भनक लग गई और आधी रात के समय अंग्रेज फौज ने भारतीय सैनिकों पर अचानक से हमला बोल दिया। वे इस लड़ाई के लिए तैयार नहीं थे। इस पर भी उन्होंने जमकर अंग्रजों का मुकाबला किया। हजारों सैनिक मारे गए। निहत्थे होने के बावजूद भारतीय सैनकों ने अंग्रेज फौज को भारी क्षति पहुंचाई, लेकिन लड़ाई के बाद अंग्रेजों ने भारतीय सैनिकों के साथ वह किया जो अमानवीय था।

मरे हुए सैनिकों बन गये हिंसक भूत

बताते हैं कि लड़ाई में मरे हुए अंग्रेज फौजियों को तो दफना दिया गया। लेकिन भारतीय सैनिकों का अंतिम संस्कार नहीं कराया गया। उनके शवों को यूं ही खुला छोड़ दिया गया। कहते हैं कि उन्हीं सैनिकों के भूत आज सिकंदर बाग में आने-जाने वाले लोगों को भयभीत करते हैं और अपने अपमान का बदला लेने के लिए आगंतुको पर हमला बोल देते हैं।

रात में आती हैं यहां से चीख- पुकार की आवाजें

सिकन्दर बाग में रात के समय चीखने- चिल्लाने की डरावनी आवाजें आती हैं। लोगों का कहना है कि ये आवाजें उन सैनिकों के भूतों की हो सकती हैं जिनके शवों को आसमान के नीचे खुला छोड़ दिया गया। यहाँ पर रात क्या दिन में भी लोग इस बाग में आने से घबराते हैं, कि कहीं कोई भूत उनकी जान ही न ले ले।

सिकन्दर बाग में हुईं कई अनहोनी घटनाएं

सिकंदर बाग मे आने वाले कई लोगों के साथ भूतिया घटनाएं हो चुकी है। सिकन्दर बाग के अंदर जाने वाले कुछ व्यक्तियों के अनुभव बहुत डरा देने वाले थे। कुछ समय पहले कानपुर से आया एक व्यक्ति शाम ढलने के बाद इस बाग में फंस गया। बताते हैं कि कुछ देर बाद वह चीखता हुआ बाहर लौटा।

पुराने लोग बताते हैं कि इस जगह अंदर गए कुछ व्यक्तियों के तो केवल कपड़े मिले । उनका नामोनिशान तक न मिला। यहां आसपास के लोग यही कहते हैं कि सिकंदर बाग के भूत बहुत खूंखार हैं, भाई उस खौफ की इमारत में कभी मत जाना।

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