जी हां, जहां भूत- प्रेत, चुड़ैल आदि का नाम सुनकर लोगों की डर के मारे घिग्घी बंध जाती है ऐसे में कोलकाता के कुछ लोग कोर्ट में इसलिए अपनी अर्जी देते हैं कि उनकी चाहत भूतों के साथ एक रात गुजारने की है। इसलिए उन लोगों को इसके लिए अनुमति दी जाए।
हम जानेंगे कि क्या है आखिर इस खबर का सच? कोर्ट में अपनी अर्जी देने वाले क्यों अपने से भूतों के साथ रहना चाहते हैं? वे लोग आखिर किस भूत- प्रेत ग्रस्त डरावने स्थान पर रहने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं? वे लोग हैं कौन ,जो भूतों के साथ रहना चाह रहे थे?
वे कोई तांत्रिक हैं या कोई और? क्या कोर्ट ने उनके आवदेन पर विचार किया? क्या वे लोग भूत के संग सारी रात रहने की अपनी अभिलाषा पूरी कर पाए? जानेंगे वह सब कुछ, जो इस खबर से जुड़ा हुआ है। तो आइए चलते हैं मुख्य खबर पर।
कलकत्ता हाईकोर्ट में रहने वाले खूंखार भूत के साथ रात गुजारने की इच्छा है उन लोगों की
वर्षों से कलकत्ता हाईकोर्ट का कमरा नंबर 11, भूत प्रेतों से ग्रस्त है। इस स्थान पर भूल से भी कोई नहीं जाता। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि जो भी इस जगह जाता है तो उसे वहां का भूत गायब कर देता है। लेकिन इसके बाद भी कुछ दुस्साहसी लोग उस भुतहे कमरे में रहना चाहते हैं।
वह लोग संभवत यह देखना चाहते हैं कि वहां भूत नाम की कोई चीज है भी या नहीं। लेकिन आपको बता दें कि कोर्ट में भूतिया स्थान पर जाने के लिए आवेदन देने वाले व्यक्ति सामान्य नहीं बल्कि वो ऐसे विशेषज्ञ हैं जो भूत प्रेत पर अध्ययन व शोध कार्य किया करते हैं।
ये घटना 2022 की है जब देवराज सान्याल की घोस्ट बस्टर की टीम ने कलकत्ता हाई कोर्ट में आवेदन दाखिल किया कि वे लोग कोर्ट के कथित भूतहा कमरे (कमरा नंबर 11) में रात बिताना चाहते हैं तथा इसकी वास्तविकता का पता लगाना चाहते हैं।
इसके लिए उन्होंने उस समय हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव को रजिस्टर जनरल के माध्यम से एक आवेदन भेजा जिसमें उनसे निवेदन किया गया की वे लोग हांटेड हाउस कहे जाने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के 11 नंबर कमरे में रात बिताना चाहते हैं। दरअसल हाई कोर्ट के उस कमरे में प्रेतात्माओं की उपस्थिति को लेकर कई तरह की किम्वदंतियां प्रचलित हैं।
भूतों पर रिसर्च वर्क करती है घोस्ट बस्टर टीम
कोलकाता मे घोस्ट बस्टर की एक टीम डेटेक्टिवस ऑफ सुपर नैचुरल हाइकोर्ट के कमरा नं 11 में रहकर भूतों की कार्य प्रणाली को देखना चाहती है। आपको बता दें कि घोस्ट बस्टर टीम धरती पर मौजूद अदृश्य शक्ति, आत्मा, काला जादू , एलियंस आदि की वास्तविकता का पता लगाती है।
इसलिए उन लोगों की टीम समय समय पर ऐसे स्थानों पर जाती है जहां भूत प्रेतों या नकारात्मक शक्तियों का डेरा है। आम जनता ही नहीं बल्कि ऐसा हर कोई आदमी जो भूत प्रेत की असलियत को जानना चाहता है इस टीम को अपना पूरा समर्थन देता है।
घोस्ट बस्टर की टीम के जासूसों का कहना है कि उस कमरे में वे नवीनतम उपकरणों के साथ पूरे वैज्ञानिक तरीके से प्रेतात्माओं की उपस्थिति के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास करेंगे, जिससे की दुनिया को पता चल सके की उक्त कमरे को लेकर जो बातें होती हैं वह सिर्फ दंत कथाएं व कल्पना मात्र है या उसमें कुछ सच्चाई भी है।
इस इन्वेस्टीगेशन के लिए आवेदन करने वाले घोस्ट डिटेक्टिव देवराज सान्याल अपना परिचय घोस्टबस्टर के रूप में देते हैं। उनका कहना है कि वह परिष्कृत एवं अत्याधुनिक उपकरणों के साथ काम करते हैं, जिसकी सहायता से वह यह पता लगाने की कोशिश करते है कि कहीं कुछ रहस्यमय या अस्वभाविक तो नहीं घट रहा है। उसे तर्क की कसौटी पर पूरी तरह से कसने के बाद ही वे किसी निष्कर्ष पर पहुंचते हैं।
देवराज ने दावा किया कि भूत प्रेतों के मिथक को उनकी टीम ने कई जगहों पर तोड़ा है। किसी स्थान पर प्रेतात्माओं की उपस्थिति को ले कर देवराज के अपने तर्क हैं। कुछ लोग उनसे सहमत हो भी सकते हैं और कुछ लोग नही भी।
कहते हैं की देवराज की टीम इससे पहले कोलकाता के जोड़ाबागान ट्रैफिक गार्ड के भुतहे घर के रूप में कुख्यात कमरे में रात बिता चुकी है। लेकिन वे कहते हैं उनके परीक्षणों से, वहां उन्हें किसी प्रेतात्मा के अस्तित्व का पता नहीं चला।
देवराज सान्याल करते हैं यह खतरनाक काम
भूत- प्रेत आदि पर खोज कार्य करना आसान काम नहीं है बल्कि ऐसा करना अपनी जान पर खेलना है। क्योंकि किसी को नहीं पता कि वह जिस खोफनाक क्षेत्र की सत्यता का पता लगाने जा रहें हैं वहां कुछ भी अनहोनी हो सकती है और किसी भूत के चंगुल में फंसकर जान भी जा सकती है। लेकिन पूरे साहस के साथ देव राज सान्याल और उनकी टीम ऐसे खतरनाक कार्यों को अंजाम देती रहती है।