आप सोच रहे होंगे कि हम आपसे मजाक कर रहे हैं, लेकिन नहीं, यह बात शत प्रतिशत सच है कि यूरोप के लोगों ने आत्माओं को बुलाने और उनसे बात करने का वैज्ञानिक रास्ता निकाल लिया है। हम जानते हैं कि आज भी बहुत सारे लोग आत्मा जैसी बातों पर विश्वास नहीं करते, लेकिन वहीं कुछ लोग इस बात पर पूरी तरह विश्वास करते हैं।
लेकिन यह बात पूर्ण रूप से सत्य है कि वास्तव में हमारे आस पास मृत व्यक्तियों की आत्माएं विचरण करती हैं। जो हमें अपनी उपस्थिति का आभास कराती है। लेकिन जिन्होंने भी इन आत्माओं की आहटों को महसूस किया है वह मानते हैं कि इस सृष्टि में आत्माओं का भी अस्तित्व है।
यह जीवात्मा का वह स्वरूप है जो अपेक्षाकृत सूक्ष्म रूप से दृश्यमान है। समय-समय पर हमारे समाज में, तंत्र – मंत्र आदि अनेकों तरीकों से आत्माओं से संपर्क करने की कोशिश की जाती रही है। आपने टी .वी. धारावाहिको या सिनेमा में ऐसे दृश्यों को अवश्य देखा होगा कि जब अनेक घटनाओं की कहानियों में आत्माओं का आवाहन किया जाता है।
विश्व के अनेक स्थानों की तरह यूरोप में भी भूत – प्रेत, आत्मा आदि से संबंधित काफी रिसर्च वर्क किए जा रहे हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यूरोप में एक ऐसे यंत्र का आविष्कार कर लिया गया है जिससे हम आत्माओं की आवाजों को रिकॉर्ड कर सकते हैं। आइये आज हम आपको इस हैरतअंगेज यंत्र से परिचित कराने जा रहें हैं।
आत्माओं से संपर्क स्थापित करने वाले इस यंत्र का नाम है ई.वी .पी.। जिसका फुल फॉर्म है इलेक्ट्रॉनिक वायस प्रोजेक्शन या इलेक्ट्रॉनिक वायस फिनामिना। ऐसा दावा किया जाता है कि यह वह अद्भुत यंत्र है जिसके माध्यम से विश्व के किसी भी व्यक्ति की आत्मा को तलाश किया जा सकता है और साथ ही उसके साथ बातचीत भी की जा सकती है।
इस अद्भुत यंत्र ई वी पी में ऐसी भी व्यवस्था है जिससे मृत व्यक्ति यानी उनकी आत्माओं की बातचीत की आवाज को रिकॉर्ड किया जा सकता है। आज ई वी पी यंत्र के द्वारा भूत -प्रेत से संपर्क स्थापित करने के असंभव कार्य को संभव किये जाने का दावा किया जाता है जो हमें आश्चर्य में डाल देता है कि क्या ऐसा भी संभव है?
भूत की आवाज
यूरोप के लोगों का यह भी दावा है कि उनके द्वारा भूत प्रेत बुलाने के इस यंत्र ई. वी .पी का उपयोग करके विश्व की तमाम बड़ी हस्तियों की आत्माओं का आवाहन किया जा चुका है। साथ ही उनकी बातचीत को रिकार्ड भी किया जा चुका है।
ई .वी .पी. यंत्र से जुड़े हुए विशेषज्ञों का कहना है कि उन्होंने हिटलर, स्टालिन, मुसोलिनी, अब्राहम लिंकन, जेम्स वाट, शेक्सपियर आदि अनेक विश्व की जानी-मानी हस्तियों की आत्माओं को बुलाकर उनसे वार्तालाप की है।
जिन व्यक्तियों ने भी इस इलेक्ट्रॉनिक वायर प्रोजेक्शन यंत्र का प्रदर्शन देखा है उन्हें अपनी आँखो पर विश्वास ही नहीं हुआ है कि वास्तव में इस यंत्र के द्वारा किसी की भी आत्मा को अपने पास बुलाया जा सकता है। कुछ लोगों का कहना है कि यह ई वी पी नामक अद्भुत यंत्र द्वारा आत्माओं को बुलाया तो जा सकता है लेकिन आई हुई आत्मा से यह प्रकट नहीं होता कि यह वास्तव में उसी व्यक्ति की आत्मा है जिसे बुलाया गया था, या कुछ और है।
हो सकता है यह किसी अन्य व्यक्ति की आत्मा हो, या शायद कुछ और, शायद किसी किस्म का फ्रॉड। जिन व्यक्तियों ने भी इस यंत्र के द्वारा मृत व्यक्तियों की आत्मा की रिकॉर्डिंग सुनी है वह यह कहते हैं कि उन आत्माओं की आवाज स्पष्ट नहीं है केवल कुछ फुसफुसाहट सुनाई देती है।
सच कुछ भी हो लेकिन तंत्र मंत्र के अतिरिक्त किसी वैज्ञानिक विधि द्वारा आत्मा को आमंत्रित किया जाना विज्ञान की दुनिया में तहलका मचाने से कम नहीं है, जो यूरोप वालों ने कर दिखाया है। कुछ समय पहले इस इलेक्ट्रॉनिक वॉइस प्रोजेक्शन यंत्र के द्वारा एक ऐसी खौफनाक घटना घटी, जिसे जिस किसी ने भी देखा अचंभित रह गया।
वो रहस्यमय घटना जिसने तहलका मचा दिया
उस दिन संडे का दिन था। इस भूत- प्रेत को बुलाने वाली मशीन ई. वी. पी की वास्तविकता को देखने के लिए यूरोप के कई वैज्ञानिक मौजूद थे। यह वह समय था जब लोगों के मन में आत्माओं को बुलाकर उनसे बात करने को लेकर कौतूहल था। वहाँ उपस्थित लोगों में इस बात को लेकर मतभेद था कि किस व्यक्ति की आत्मा को बुलाया जाये।
कोई कहे हिटलर, कोई कहे अब्राहिम लिंकन तो कोई चार्ली चैपलिन। बाद में यह निश्चय किया गया कि चलो तीनों इतिहास प्रसिद्ध व्यक्तियों की आत्माओं को एक साथ बुला लिया जाये। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका यह निर्णय आफत को बुलावा देने वाला था।
जब उस इलेक्ट्रॉनिक वायस प्रोजेक्शन से इन तीनों व्यक्तियों की आत्माओं को आमंत्रित किया गया तो कई नाम बोले जाने के कारण नामों का उच्चारण अस्पष्ट गया हो गया। अब तो ऐसा लगा कि भूचाल आ गया हो। दरअसल उन तीन आत्माओं के स्थान पर न जाने किस-किस देश से कौन-कौन सी आत्माएं उपस्थित हो गई थी, जो चीख- चिल्ला रहीं थीं।
उस एक्सपेरिमेंट सेंटर में डरावना वातावरण उपस्थित हो गया था। उन आत्माओं को संभाल पाना अब वहां उपस्थित लोगों के वश में नहीं था। ऐसा लग रहा था कि बहुत सारे लोग एक साथ लड़ झगड़ रहे हों। उन आत्माओं की तेज आवाज सुनकर वहां उपस्थित सभी लोग मारे डर के कांपने लगे।
फिर किसी तरह उन आत्माओं के चंगुल से निकलने का उपाय निकाला गया। इलेक्ट्रॉनिक वॉइस प्रोजेक्शन यंत्र को ऑफ कर दिया गया और वहां उपस्थित सारे लोग भाग खड़े हुए। जिस भवन में यह दिल दहलाने वाली घटना हुई वहां महीनों लोग नहीं गये। धीरे-धीरे मामला शांत हुआ। लेकिन इस बात से यूरोप निवासियों को इस बात की जानकारी मिल गई थी ई वी पी यंत्र का गलत तरीके से उपयोग करना मौत को दावत देना है।