मन्त्र शक्ति का प्रचंड प्रभाव होता है | सामान्य तौर पर ऐसी अवधारणा सभी की है | लेकिन कभी-कभी कुछ दिव्य मंत्र ऐसे चमत्कार दिखाते हैं कि उसे देख कर भी विश्वास करना मुश्किल होता है | मन्त्र शक्ति के प्रचंड प्रभाव को प्रमाणित करती हुई एक घटना के अनुसार एक बार मलय देश के राजा परमेसुरी अग्रोंग ने अपनी पुत्री राजकुमारी शरीफा सात्वा का विवाह निश्चित किया |
विवाह की तैयारियाँ कई दिन पूर्व से ही प्रारम्भ हो गयी थीं और विवाह से एक दिन पूर्व ही धूम धाम में बदल गईं | वहाँ सर्वत्र ख़ुशी का वातावरण था | मलय देश सघन वर्षा के लिए सारे विश्व में विख्यात हैं। यहाँ काफी घने जंगल हैं और उनमें तरह तरह के जीव-जन्तु, सैलानियों को परमात्मा की विलक्षण सृष्टि सृजन का बोध कराते हैं |
मलय प्रायद्वीप के दक्षिणी सिरे पर स्थित 128478 वर्ग मील क्षेत्र और 10674200 जनसंख्या वाले इस देश में मलय, चीन, भारतीय और बोर्निया जाति के लोग रहते हैं। भारत की ही तरह मंत्र-तंत्र पर इस देश के लोग भी बहुत विश्वास रखते हैं। ये वहां के लोगों के दैनिक जीवन के सामान्य रीति-रिवाज में शामिल है |
भारत में तो मंत्र साधना ने अब अधिकाँश या तो आडम्बर का रूप ले लिया है या अनभिज्ञता का, पर मलय देश में आज भी मंत्र शक्ति का सर्वत्र बोलबाला है सार्वजनिक समारोह तथा राजकाज तक में मंत्र शक्ति का सहयोग लिया जाता है | अब आते है घटना पर |
इधर विवाह की तैयारियाँ हो रही थी उधर आसमान में बादल सघन होते जा रहे थे | विवाह प्रारम्भ होने में अभी कुछ देर थी कि घनघोर वर्षा प्रारम्भ हो गई। इतनी घनघोर वर्षा हुई कि नदी-नाले सब उमड़ पड़े और एक बार को तो लगा कि विवाह का शाही रंग नष्ट हो गया पर यह चिन्ता आधुनिक प्रकृति वादी को हो सकती है अध्यात्मवादी को नहीं।
महाराज परमेसुरी को अपने देश की मंत्र-शक्ति पर विश्वास था। रहमान नामक एक ताँत्रिक स्त्री को बुलाया गया। आज एक प्रकार का रसायन बादलों में छिड़क कर थोड़ी सी कृत्रिम वर्षा कर लेने की योग्यता तो वैज्ञानिकों ने तो पा ली है पर यह अध्यात्म की शक्ति है जो इच्छानुसार प्रकृति के काम को भी रोक सकती है अभी तक वैज्ञानिक भी यह शक्ति प्राप्त नहीं कर सकेहैं ।
रहमान ने अपनी मन्त्र शक्ति का प्रयोग किया और तब वहाँ का दृश्य कुछ और था | जानते सब हैं कि जब पृथ्वी के पूर्व भाग में सूर्य का प्रकाश रहता है तब पश्चिमी गोलार्द्ध में रात्रि का सघन अन्धकार | विराट की यह धूप छांव भले ही कोई न देख पाता हो किन्तु उस दिन न केवल मलय वासियों ने वरन् सुदूर देशों से पधारे शाही अतिथियों ने भी देखा, सारे नगर में वर्षा हो रही थी पर जिस क्षेत्र में विवाह समारोह सम्पन्न हो रहा है वह बादलों से घिरा होने पर भी उसमें एक बूँद पानी नहीं गिर रहा था ।
विवाह आयोजन जिस धूम धाम से प्रारंभ हुआ था समापन भी उसी धूम धाम से हुआ तब तक उस क्षेत्र में एक बूँद भी पानी नहीं गिरा और जैसे ही रहमान ने दूसरा मन्त्र फूँका उस क्षेत्र में भी वर्षा प्रारम्भ हो गई | आज के समय में यह किसी चमत्कार से कम नहीं, लेकिन यह सत्य है और ऐसा घटित हुआ |