मन्त्र-शक्ति के दिव्य चमत्कार

mantra shakti ke chamatkarमन्त्र शक्ति के चमत्कार आज के समय में कम ही देखने को मिलते हैं लेकिन आज मन्त्र शक्ति के सामर्थ्य का आकलन करना किसी के लिए भी संभव नहीं | कुछ दिव्य शक्ति मन्त्र ऐसे हैं जिनके आगे आज के युग के नाभिकीय बम और हैड्रोजन बम भी हलके पड़ जायेंगे | मन्त्र शक्ति के सामर्थ्य पर थोड़ा प्रकाश डालती हुई यह घटना मैसाच्यूसेट्स की है | रैन्थम (मैसाच्यूसेट्स) में एक डाक्टर रहते थे। उसका नाम था डॉ. लार्किन।

इनके घर में एक नौकरानी थी जिसका नाम था “जेनी”। जेनी के बारे में लोगों में एक चर्चा सारे मुहल्ले में व्याप्त थी कि उसने अपनी इच्छाशक्ति पर इतना जबर्दस्त अधिकार प्राप्त किया हुआ है कि सैकड़ों मील की दूर की वस्तु भी वह अपनी इच्छा से मँगा सकती है और वापस भेज भी सकती है। इसके लिए वह मन्त्र प्रयोग करती थी |

डॉ. लार्किन ठहरे आधुनिक बुद्धिवादी, उनको इन सब बातों पर विश्वास नहीं था वे अक्सर इसे असत्य बताया करते थे, और अक्सर वह इन सब बातों से चिढ़ते भी थे ।

जेनी जानती थी कि प्रदर्शन से किसी को थोड़ी देर के लिए आश्चर्यचकित तो किया जा सकता है पर इसके प्रदर्शन से अन्ततः अहित होने की ही सम्भावना होती है। सो वह डाक्टर के साथ किसी विवाद में पड़ना नहीं चाहती थी लेकिन एक दिन डॉ. लार्किन उसके मंत्र-शक्ति प्रदर्शन के पीछे ही पड़ गये तब एक दिन 1840 की बात है जेनी ने प्रदर्शन की अनुमति  दे दी |

उस दिन डॉ. लार्किन ने अपने मित्र, रिश्तेदारों और परिचितों में से उन लोगों को इकट्ठा किया जो इस पर विश्वास करते थे ताकि उन्हें मौके पर ही अंध-श्रद्धालु (Blind Supporter) प्रमाणित किया जा सके। अपने मित्रों, परिजनों के अतिरिक्त उन्होंने नगर के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भी सम्मिलित किया ताकि किसी को उनके कार्य पर संदेह न हो सके । उनके घर में ही मजमा लग गया |

उन्होंने अपनी ओर से कोई डेढ़ हाँथ का लोहे का एक टुकड़ा लिया और उसे अपने रसोई घर के सामने जाकर रख दिया फिर सब लोगों के साथ मकान के बड़े वाले हाल में उपस्थित हुए, और जेनी से लोहे के उस टुकड़े को अपने सामने मंगाने को कहा । दरवाजे और खिड़कियाँ इस तरह से बन्द कर दिये गये जिससे बाहर की हवा भी अंदर ना आ सके।

अब बारी जेनी की थी | जेनी ने मंत्र पढ़ा, प्रार्थना की और मन ही मन में उथल-पुथल करने वाली विचार शक्ति का संचार किया। न कोई खटका हुआ न कोई शीशा टूटा और न ही कोई आवाज आयी । दरवाजे भी ज्यों के त्यों बन्द थे।

तभी पास में फर्श पर डाले कपड़े को जेनी ने उठाया लोग और लोग आश्चर्यचकित रह गये यह देखकर कि ठीक वही लोहे का टुकड़ा जो बाहर रसोई घर के सामने रखा गया था, कपड़े के नीचे रखा हुआ है। डॉ. लार्किन अपने साथियों सहित रसोई घर की तरफ तेजी से भाग कर गये जाकर देखा तो वहाँ से लोहे का टुकड़ा गायब था।

अपने मन में भारी उथल-पुथल लिए, रसोई घर का ताला लगाकर चाबी अपने हाथ में लिये वे वापस लौटे और बोले-अच्छा जेनी, अब इस टुकड़े को रसोई घर के अंदर पहुँचा दो। जेनी ने क्रिया-योग का प्रयोग किया और फिर कपड़ा उठाया तो उसके नीचे से लोहे का टुकड़ा गायब था। डॉ. लार्किन वापस लौटकर रसोई घर में गये ताला खोला तो देखा कि वहाँ ठीक वही लोहे का टुकड़ा रखा हुआ है।

पदार्थ किस प्रकार से सूक्ष्म रूप होकर एक स्थान से दूसरे स्थान उड़ जाता है और किस प्रकार परमाणुओं का एक स्थान पर संलयन हो जाता है, यह सब डॉ. लार्किन समझ नहीं सके किन्तु उन्होंने मान लिया कि इच्छा शक्ति, मंत्र शक्ति में वस्तुतः कुछ सच्चाई जरुर है।

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