वास्तु और घर की सीढ़ियों का संबंध बहुत प्रगाढ़ है। घर की सीढ़ियों पर रखा जाने वाला हमारा हर कदम हमें उन्नती की ओर ले जा रहा है या अवनति की ओर, यह बात हमें तब पता चलती है जब हमें यह ज्ञात होता है कि हमारे घर की सीढ़ियाँ वास्तु शास्त्र के निर्देशानुसार बनी है अथवा नहीं। क्योंकि जीवन में ऊपर उठने और नीचे गिरने में हमारे घर की सीढ़ियों की भी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है।
घर में बनी ये सीढ़ियाँ हमें ऊपरी मंजिल में ही नहीं ले जाती बल्कि यह हमारे जीवन में सफलता और असफलता की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। घर की सीढ़ियाँ यदि वास्तु के अनुसार बनाई गई हैं तो वह हमारे जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। जबकि इस बात के विपरीत दिशा में निर्माण की जाने वाली सीढ़ियाँ हमारे जीवन में नकारात्मकता लाती हैं।
इसलिए आप जब कभी भी अपने घर का निर्माण कराएं तो सीढ़ियों को बनवाते समय वास्तु के सुझावों का अवश्य ध्यान रखें, नहीं तो घर की सीढ़ियाँ हमे दुर्घटनाओं की ओर ले जाती हैं। साथ ही सीढ़ियों के वास्तु दोष के दुष्परिणाम अनेकों तरह से उस घर के सदस्यों को झेलने पड़ सकते हैं।
घर की सीढ़ियों का स्थान कौन सा होना चाहिए
सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह कि हमारे मकान की सीढ़ियाँ किस स्थान पर बनाई जानी चाहिए ताकि वह हमारे जीवन में अच्छा प्रभाव डालने वाली हों। वास्तु शास्त्री कहते हैं कि हमारे घर की सीढ़ियाँ सदैव नैऋत्य अर्थात दक्षिण पश्चिम में होनी चाहिए। सीढ़ियों का निर्माण उत्तर से दक्षिण की ओर अथवा पूर्व से पश्चिम की ओर उचित माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढ़ियाँ मकान के मुख्य द्वार के सामने नहीं होना चाहिए क्योंकि मुख्य द्वार के सम्मुख बनी सीढ़ियां अमंगलकारी होती हैं।
सीढ़ियाँ दायीं और घूमे या बायीं ओर
घर में बनाई जाने वाली सीढ़ियाँ अधिकांशतः एक या दो ओर मुड़ती हैं। आइए देखते हैं कि इस संबंध में वास्तु विशेषज्ञ क्या कहते हैं कि हमारे घर की सीढ़ियाँ चढ़ते समय दायीं और घूमें अथवा बायीं ओर ? वास्तु शास्त्रियों के अनुसार हमारे घर की सीढ़ियाँ ऊपर जाते समय यदि बायीं ओर मुड़े तो अच्छा माना जाता है।
जबकि दायीं ओर सीढ़ियों का मुड़ना उचित नहीं माना जाता है़। लेकिन यदि घर की सीढ़ियाँ पहले बाएं मुड़े फिर दाएं तो वास्तु दोष की संभावना कम हो जाती है़। लेकिन वास्तु शास्त्र सीढ़ियों के बहुत घुमावदार बनाने के विरुद्ध है़। इसलिए घर की सीढ़ियाँ बनाते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखें। कहा भी जाता है कि सीढ़ियों के बायें दिशा के मोड़, ले जाता हमें उन्नति की ओर।
सीढ़ियों की संख्या कितनी होनी चाहिए
घर के ऊपरी हिस्से में पहुंचने के लिए निर्माण की जाने वाली सीढ़ियों को बनाने की पूर्व इस बात पर विचार कर लेना चाहिए कि हमें सीढ़ियों की संख्या विषम बनानी है। क्योंकि वास्तु शास्त्र यही कहता है। गणित की भाषा में विषम संख्या वह संख्या है जो 2 से विभाजित न हो। जबकि सम संख्या वह संख्या है जो 2 से पूर्णतया विभाजित हो जाए।
वास्तु के सुझाव के अनुसार हमारे घर की सीढ़ियों की संख्या 7, 11, 15, 17 या 21 आदि हो सकती है। यदि घर की सीढ़ियों के निर्माण के पूर्व यदि आपको यह संख्या पता होगी तो सम होती हुई सीढ़ियों को भी छोटी बड़ी कर विषम बना सकते हैं। लेकिन सीढ़ियों के बनने के बाद यह संभव नहीं है।
लेकिन इन सभी संख्या में भी 17 की संख्या को सर्वोत्तम माना गया है। कहा जाता है कि यदि आप 17 की संख्या वाली सीढ़ियां चढ़ते हैं तो आपके जीवन में कभी धन की कमी नहीं होगी और साथ ही आप सफलता की राह पर आगे बढ़ते जाएंगे।
सीढ़ियों का रंग कौन सा होना चाहिए
वास्तु के अनुसार सीढ़ियों का रंग हल्के कलर का होना चाहिए। सफेद रंग से बनी सीढ़ियां वास्तु के अनुसार सबसे अच्छी मानी जाती हैं। यदि हम अपने घर की सीढ़ियों का रंग सफेद रखते हैं तो यह हमारे भाग्य उदय के लिए बेहतर रहेगा। साथ ही घर में खुशहाली का वातावरण बना रहेगा। इसीलिए घर में सफेद पत्थर से बनी हुई सीढ़ियाँ सर्वोत्तम हैं। क्योंकि ऐसी सीढ़ियां सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करती हैं।
घर की सीढ़ियों पर प्रकाश व्यवस्था
वास्तु के अनुसार घर की सीढ़ियों को कभी अँधेरे में नहीं छोड़ना चाहिए। घर की सीढ़ियाँ सदैव प्रकाश की रोशनी से जगमगाती हुई होनी चाहिए। क्योंकि घर की जगमगाती हुई सीढ़ियाँ घर में दैवीय प्रभाव उत्पन्न करती हैं। जिससे घर में सुख शांति व यश की बढ़ोत्तरी होती है। साथ ही घर में मंगलकारी वातावरण होता है ।
सीढ़ियों के नीचे क्या होना चाहिए
वैसे तो वास्तु शास्त्र सीढ़ियों के नीचे स्वच्छ एवं खाली स्थान परामर्श देता है। लेकिन फिर भी यदि सीढ़ियों के नीचे सुगंधित पौधे आदि के गमले रख दें तो वह वास्तु शास्त्र के अनुसार अच्छा माना जाता है। यदि सीढ़ियों के नीचे रौशनी आदि की व्यवस्था की जाती है तो वास्तु की दृष्टि से अच्छा माना जाता है।
सीढ़ियों के नीचे क्या न हो
घर की सीढ़ियों के नीचे घर का कबाड़, जूता, चप्पल, गैस सिलेंडर , किचन, पूजा घर, बाथरूम, लैट्रीन आदि नहीं होनी चाहिए। वास्तु के अनुसार की सीढ़ियों के नीचे जल तत्व का होना घर के लोगों में अलगाव पैदा करता है। इसके अलावा सीढ़ियों के नीचे गंदगी अथवा डस्टबिन रखा जाना भी अच्छा नहीं माना जाता है। वास्तु शास्त्र सीढ़ियों के नीचे स्वच्छ एवं रोशनी की माँग करता है।
सीढ़ियों के वास्तु दोष का समाधान कैसे करें
यदि घर की सीढ़ियों में वास्तुदोष है तो उस वास्तु दोष से मुक्ति पाने के लिए सीढ़ियों के नीचे सुगंधित पुष्पों के छोटे पौधों के पॉट्स रख देने चाहिए। इसके अतिरिक्त सीढ़ियों की दीवार पर छोटी-छोटी प्राकृतिक दृश्यों की सीनरी लगाकर कुछ हद तक समाधान किया जा सकता है। इसके अलावा यदि सीढ़ियों के आरंभ एवं अंत में एक द्वार बनवा दें तो सीढ़ियों का वास्तु दोष स्वतः समाप्त हो जाता है।