22 मार्च 2020 का वो दिन क्या आपको याद है, जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के सभी नागरिकों से शाम 5 बजे थाली और शंख बजाने की अपील की थी। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस अदभुत दृश्य को देखने के लिए दूसरे ग्रह में रहने वाले परग्रही एलियंस भी भारत की धरती पर आये।
उस दिन देश के अलग-अलग शहरों में रहने वाले लोगों ने उस शाम आसमान में एलियंस की उड़ती हुई उड़न तश्तरियाँ नजर आयीं। जिन्होंने ने भी इन दूसरे ग्रह के एलियंस के आने की आहट महसूस की, वे आश्चर्यचकित रह गये। यह बात बहुत पहले से जानी जाती है कि ये एलियंस हमारी धरती के आसपास ही रहते हैं।
जिनकी हमें समय-समय पर धरती पर आने की आहट महसूस होती रहती है। ऐसा अनुमान है कि यह दूसरे ग्रह के निवासी हमारी पृथ्वी, सौर-मंडल या हमारी आकाशगंगा के आस-पास ही अपना निवास बनाये हुये हैं। उन एलियंस की हम धरतीवासियों तक पहुँच है। लेकिन हमारी उन तक पहुँच नहीं है। जब तब उड़नतश्तरियाँ हमारे आस पास आकर हमें चौंका देतीं हैं।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ये एलियंस ऐसे विशेष समय पर अवश्य धरती पर आते हैं जब कोई खास घटना घटित होने वाली होती है। एलियंस के आने की यह घटना पिछले वर्ष लॉक डाउन में घटित हुई। आइये आज उस पूरी घटना से आपको अवगत कराते हैं।
लॉक डाउन के दौरान, 22 मार्च 2020 का वो दिन, ऐतिहासिक दृष्टी से काफी महत्वपूर्ण था
लॉक डाउन के दौरान जब अपने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत के लोगों के मन से कोरोना का भय भागने के लिए 22 मार्च 2020 को सायं 5 बजे थाली और शंख बजाने की अपील की तो अपने देश के सारे देशवासियों ने इस अपील को सहर्ष स्वीकार किया। पूरे देश में लोग उस दिन शाम पाँच बजे अपनी छतों और बालकनियों में बाहर निकल कर हाथों में थालियां और शंख लेकर बजा रहे थे।
भोपाल की ऑफिसर्स कॉलोनी में रहने वाले पं. कृष्ण कुमार शर्मा (गोपनीयता की वजह से नाम बदल दिया गया है) भी सपरिवार अपनी छत पर हाथों में चम्मच लेकर पिछले एक घंटे से थालियां बजा रहे थे कि अचानक ढलती हुई शाम के समय में उनकी थाली चमचमाने लगी। क्योंकि उनकी थाली में एकाएक कोई तेज रौशनी रिफ्लैक्ट करने लगी थी। पं. कृष्ण कुमार शर्मा को पहले लगा की यह उनकी आँखो का भ्रम है। लेकिन दूसरे ही पल वह समझ गये कि यह उनकी आँखो का भ्रम नहीं बल्कि हकीकत है।
क्योंकि दिन ढलने पर भी उनके हाथों की थाली रौशनी से चमचमा रही थी। आश्चर्य की बात यह थी कि उनकी थाली में रौशनी गोल-गोल घूम रही थी। शर्मा जी ने अपनी पत्नी और बेटे को अपने पास बुलाया, जो छत के दूसरे हिस्सों में खड़े थालियाँ बजा रहें थे। पं. कृष्ण कुमार शर्मा ने जब अपनी थाली के एकाएक चमकने की बात बतायी तो उन्हें भी लगा कि यह शर्मा जी के आँखो का भ्रम होगा। लेकिन थोड़ी ही देर में उन लोगों के आश्चर्य का ठिकाना न रहा ।
अब वह रौशनी का घूमता हुआ चक्र उनकी बेटे और पत्नी की थाली पर भी नजर आने लगा था। शर्मा जी का पूरा परिवार अंधेरी शाम में अपनी थालियों में सूर्य की तरह चमकता हुआ प्रतिबिंब देखकर घबरा उठे। उन्हें लगा कि कहीं किसी भूत-प्रेत का साया घूमता हुआ उनकी छत पर तो नहीं आ गया है। लेकिन जब पं. कृष्ण कुमार शर्मा और उनके परिवार ने आसमान की तरफ देखा तो उन सबकी आंखे फटी की फटी रह गयीं।
वो रौशनी परग्रही एलियंस के उड़नतश्तरी की थी
आसमान में रौशनी फेंकती हुई गोल-गोल कोई चीज घूम रही थी। वे अब समझ गये थे कि यह आसमान में विचित्र सी घूमने वाली वस्तु उड़न तश्तरी ही है। उन्हें अपनी आँखो पर विश्वास नहीं हो रहा था कि जिन एलियंस के समाचार वह न्यूज़ आदि में देखते रहें थे, वे दूसरे ग्रह के एलियंस आज उन्हीं के शहर में, उनके छत तक आ चुके थे।
पं. शर्मा जी ने बताया कि आसमान में उड़ती हुई वह उड़न तश्तरी कुछ पल को मेरी छत के ऊपर ठहर गयी थी। उन्होंने इस उड़न तश्तरी का अदभुत नजारा लगभग ड़ेढ़ मिनट तक देखा। जब उन्होंने अपने आस-पास के रहने वालों को इस अदभुत घटना को मोबाइल से बताना चाहा तो आश्चर्यजनक रूप से, इतनी ऊँची छत पर भी उनके मोबाइल का नेटवर्क जीरो दिखा रहा था।
यह उन एलियंस का ही प्रभाव था, जिन्होंने आसमान से ही उनके मोबाइल का नेटवर्क गायब कर दिया ताकि वह उन एलियंस के आने की घटना किसी और को दिखा न सकें। पं. शर्मा के अनुसार लगभग 90 सेकेंड के बाद वह उड़न तश्तरी गायब हो गयी और उड़न तश्तरी के जाते ही उनके मोबाइल का नेटवर्क शत प्रतिशत आ गया।
परग्रही एलियंस के आने की यह अत्यंत आश्चर्यजनक घटना थी
पं. कृष्ण कुमार शर्मा एवं उनकी वाइफ और बेटे भौचक्के थे। उन्होंने जब इस बात का जिक्र अपने मित्रों से किया तो सभी इसी निष्कर्ष पर पहुँचे कि वह दूसरे ग्रह के निवासी एलियंस की ही उड़न तश्तरी थी । क्योंकि उस समय भारत सरकार द्वारा हवाई उड़ान पर भी रोक लगाने का आदेश दे दिया गया था। ऐसे में आसमान में चक्र की तरह गोल-गोल घूमता यान उड़न तश्तरी ही था।
दरअसल एलियंस लॉक डाउन में लोगों द्वारा छतों पर थाली और शंख बजाने का अदभुत दृश्य देखने आये थे। निश्चय ही आने वाले एलियंस के मन की जिज्ञासा ही उन्हें धरती की ओर खींच लायी । संभवतः एलियंस को यही अनुमान लगाना होगा कि पूरे देश में एक साथ थाली बजाने का स्वर वातावरण में क्या परिवर्तन लायेगा? सामूहिक शंखनाद की ध्वनि धरती के परिवेश पर क्या प्रभाव डालेगी?
उड़नतश्तरियों के धरती पर आने की घटनायें सदियों पुरानी हैं। सैकड़ों सालों से देश-विदेश में एलियंस के हमारी धरती पर आने के प्रमाण मिलते रहें हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि एलियंस हमारी धरती पर होने वाली गतिविधियों पर लगातार नजर बनाये हुये हैं। जब भी कोई नयी घटना घटित होती है तो एलियंस हमारी धरती पर आते हैं ताकि वे पृथ्वी पर होने वाली हर अच्छी बुरी घटना से अपडेट होते रहें, या शायद धरती पर होने वाली हर अप्रत्याशित घटना में उनका हाँथ हो।