तौलिये का हमारे जीवन में हमारे लिए महत्वपूर्ण स्थान है़। सुबह के उठने से लेकर रात के सोने तक हमारा तौलिये से संपर्क बना रहता है़। ऐसे में वास्तुशास्त्र में तौलिये से संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश दिये हैं। क्योंकि तौलिये का सही उपयोग हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है़ जबकि इसके विपरीत वास्तु के विपरीत तौलिये का किया गया इस्तेमाल नकारात्मक ऊर्जा देता है़।
लोग वास्तुशास्त्रों के सुझावों को नजरंदाज करते हुये किसी भी रंग के तौलिये का उपयोग कर लेते हैं। जबकि ऐसा करना जानें-अनजाने उनकी जिंदगी में कठिनाइयाँ ला सकता हैंअथवा परिवार में कलह पैदा कर सकता है़। शायद आपको पता नहीं कि गीले तौलिया का उपयोग करना आपके लिए कितना अशुभ हैं। आइये जानते हैं इस लेख में कि हमारा वास्तुशास्त्र तौलिये के संबंध में क्या कहता हैं?
तौलिया कब हमारी जिंदगी में वास्तुदोष उत्पन्न कर देता है़?
वास्तु शास्त्र के अनुसार तौलिये का उपयोग करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि हमारी जरा सी लापरवाही हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के स्थान पर नकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर सकती है़। ऐसा घरों में देखा गया है़ कि लोग घरों में एक दूसरे की तौलिये का उपयोग कर लेते हैं। जबकि किसी अन्य व्यक्ति द्वारा पोछा गया तौलिया इस्तेमाल करने से आपके द्वारा उस व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा ग्रहण कर लेने की संभावना रहती है़।
अतः जहाँ तक संभव हो अपनी ही तौलिये का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि किसी अन्य व्यक्ति द्वारा पोछे गये तौलिये से अपना शरीर पोंछना वास्तु द्वारा वर्जित है़। वास्तु शास्त्र केअनुसार हम जिस व्यक्ति का गीला तौलिया अपने लिए इस्तेमाल करते हैं तो उससे हमारा परिवारिक संबंघ खराब होता है़। आपसी मतभेद उत्पन्न होते हैं।
वास्तु पंडित कहते हैं कि हमें हमेशा सूखा तौलिया ही उपयोग में लाना चाहिए। उनका कहना है़ कि जब हम सूर्य की किरणों में सूखे हुये तौलिये से अपना मुँह पोंछते हैं तो उस तौलिये से प्राप्त होने वाली सकारात्मक ऊर्जा को अपने अंदर ग्रहण कर लेते हैं और हमारे अंदर नयी उमंग का प्रवाह होने लगता है़। इसलिए हर सुबह नयी ताजगी के लिए हमें सूखी टॉवेल का ही उपयोग करना चाहिए।
घर के सदस्यों का सम्मान पाना चाहते हैं तो कभी भी उनकी गीली तौलिया का उपयोग न करें
इसीलिए सदैव नहाने के पश्चात अपनी गीली तौलिए को धूप के प्रकाश में सूखने के लिए डाल देना चाहिए। क्योंकि गीली तौलिया को घर में इधर- उधर फेंकने से घर में वास्तुदोष उत्पन्न होता है। इसीलिए अपना तौलिया गीला कदापि न रखें। तौलिये के संबंध में एक और महत्वपूर्ण बात वास्तु शास्त्री कहते हैं कि यदि आप घर के सदस्यों का सम्मान पाना चाहते हैं तो कभी भी उनकी गीली तौलिया का उपयोग न करें। क्यों कि ऐसा करने से परिवार में आपसी सामंजस्य खराब होता है़।
तौलिया किस रंग का होना चाहिए?
वास्तुशास्त्र के अनुसार आप उन रंगो का उपयोग करें जो आपको सुख और शांति प्रदान करते हैं। जहाँ तक तौलिये के रंग को लेकर प्रश्न है़ वास्तु शास्त्र कहता है़ कि सफेद रंग का तौलिया आपके जीवन में उन्नति का उजाला लेकर आता है़। क्योंकि सफेद रंग का तौलिया सकारात्मक ऊर्जा का पर्याय है़।
साथ ही सफेद रंग दैवीय शक्ति का प्रतीक है़। इसीलिए जहाँ तक हो सके घर में स्वच्छ ,सूखी और सफेद तौलिये का ही उपयोग करना चाहिए। जो हमारे जीवन में नयी ऊर्जा लाता है़। तौलिये का रंग सफेद , गुलाबी या अन्य किसी लाइट कलर का अच्छा माना गया है़। लेकिन गहरे रंग के तौलिये का इस्तेमाल करने से बचें। काले रंग का तौलिया कभी उपयोग में न लायें। वास्तु के अनुसार काला रंग वर्जित है़।
अपने कार्य स्थल पर तौलिये का उपयोग अच्छा है़ या बुरा?
अधिकांश देखने में आता है़ कि लोग अपने कार्यस्थल पर अपनी बैठने वाले स्थान पर तौलिया रखते हैं । वास्तुशास्त्र कहता है़ कि तौलिया आपके कार्यालय में नव ऊर्जा का संचार करता है़। जब हम अपनी कुर्सी पर मनभावन रंग का तौलिया लगाते हैं तो वह तौलिया आपके ऑफिस में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है़।
यह आपको अपने कार्य के प्रति उत्साह जगाता है़। जिसके कारण आपको अपने व्यवसाय या नौकरी में लाभ मिलता है़। यदि आप नौकरी पेशा हैं तो प्रमोशन मिलता है़ और यदि आप बिजनेस मैन हैं तो आपका व्यवसाय फलता- फूलता है़। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि यदि आपके कार्य स्थल पर कुर्सी आदि का रंग वास्तु के विपरीत है़ तो उस पर वास्तु के अनुसार उचित रंग का तौलिया उस पर रखकर उसे वास्तु के दोषों से मुक्त कर सकते हैं।
गुलाबी रंग का तौलिया आपको रोमांटिक बनाता है़
रंगो का हमारे जीवन में बहुत महत्व है़। सफेद रंग का तौलिया आपको शालीन बनाता है़ तो गुलाबी रंग का तौलिया आपके मन में अपने लाइफ पार्टनर के प्रति प्रेम जगाता है़ और आपको रोमांटिक मूड वाला बनाता है़। इसलिए ऑफिस में ऐसे कलर के टॉवेल के इस्तेमाल से बचना चाहिए।