“मां भूख लगी है” नन्हा चार्ली अपनी माँ से बोला। उस समय घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं था लेकिन माँ फिर भी किचेन गई और अभिनय करते हुए बर्तनों को इस प्रकार चूल्हे से चढ़ाने-उतारने एवं करछल चलाने आदि की ऐसी आवाजें करने लगीं जैसे की वह खाना पका रही हो।
ताकि भूख से व्याकुल चार्ली कुछ देर तो चुप रहे। बचपन की ऐसी ही तमाम घटनाओं ने चार्ली चैप्लिन को दिल छू लेने वाला अभिनय सिखा दिया। भूख, गरीबी और बेबसी, कलाकार चार्ली चैप्लिन के प्रशिक्षक थे। जिन्होंने तपाकर चार्ली को खरा सोना बना दिया। यह अदभुत कलाकार, चार्ली चैपलिन इस दुनिया में 16 अप्रैल 1889 को लंदन में पैदा हुआ।
बेजोड़ थे चार्ली चैप्लिन
उनका पूरा नाम चार्ल्स स्पेंसर चैप्लिन था। यह वह समय था जब फिल्में बोलती नहीं थी। साइलेंट फिल्मों का जमाना था। ऐसे में बिना बोले किसी को हंसाना कितना मुश्किल काम था ये आप समझ सकते हैं। लेकिन यह चार्ली चैपलिन था, जिसने चैलेंजिंग कार्य किया क्योंकि उसको ऊपर वाले ने दुनिया वालों को प्रसन्नता बांटने लिए भेजा था।
यह अदभुत कलाकार जो अपनी भाव भंगिमाओं एवं मूक अभिनय से, दिल से, दर्शकों का दिल जीत लेता था। किसे पता था कि हमें हंसाने वाला वह हास्य अभिनेता दरअसल अंदर से कितना रोता था।
जब माँ के इलाज के लिए नन्हे चार्ली चैप्लिन ने गाना गाया
क्योंकि उसे पता था यदि उसके अभिनय से लोग हंसे नहीं तो मालिक उसे नौकरी से निकाल देगा फिर वह रोटी खरीदने के लिए पैसा कहाँ से लायेगा। माँ स्ट्रेचर पर थीं और चार्ली उनके इलाज के लिये गा रहा था।
यूनाइटेड किंगडम के अल्डरशॉट शहर की यह घटना है़। इस शहर के एक थिएटर ‘द कैंटीन’ में चार्ली चैपलिन की मां गीत गाया करती थी। यह शहर का वह बदनाम थिएटर था जहाँ ठीक दर्शक नहीं आते थे, लेकिन यह चार्ली चैपलिन की मां की मजबूरी थी क्योंकि उस समय अन्य थिएटर में उनके लिए काम नहीं था। अगर वह इस थिएटर में काम न करती तो घर का खर्चा कैसे चलता।
थिएटर में आये दिन लोगों का हंगामा होता रहता था। वहाँ शराब पीकर लोग चीजें फेंकते थे। उस दिन हमेशा की तरह ही चार्ली चैपलिन की मां हन्नाह चैपलिन स्टेज पर गीत गा रही थी कि एक अनहोनी घटना हो गई।
उस थिएटर में बैठे एक श्रोता ने एक वस्तु उठाकर बड़ी जोर से चार्ली चैपलिन की मां की तरफ फेंकी। वह वस्तु तेज गति से उनकी मां के गले पर जा लगी। चार्ली चैपलिन की माँ दर्द से कराह उठी और स्टेज पर गिर गई।
उस थिएटर में हंगामा मच गया। अब चार्ली चैपलिन की मां चोट लगने के कारण गीत नहीं गा सकती थी। उनके गले पर गंभीर चोट लग गई थी। ऐसी स्थिति में उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाना आवश्यक था लेकिन थिएटर का मैनेजर पैसे नहीं दे रहा था। ऐसे में बिना पैसे के चार्ली की माँ का इलाज कैसे हो पाता। थिएटर के मैनेजर कहना था कि शो नहीं हो पाया इसलिए पैसे नहीं मिलेंगे।
माँ के इलाज के लिए पैसा पाने के लिए चार्ली चैप्लिन ने उस थिएटर के मलिक से स्टेज पर परफॉर्मेंस करने की अनुमति माँगी। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उस समय चार्ली चैपलिन की उम्र केवल 3 वर्ष की थी।
कहते हैं कि जब चार्ली चैपलिन ने मंच पर एक प्रसिद्ध धुन’ जैक जॉन्स’ का प्रस्तुति दी तो श्रोता झूम उठे और उन्होंने नन्हें चार्ली चैप्लिन पर रुपयों-पैसों की बरसात कर दी। बाद में अपनी माँ की दुआ से चार्ली चैप्लिन अदभुत हास्य कलाकार ही नहीं, बल्कि वह एक सफल फिल्मों के निर्माता और संगीतकार के रूप में दुनिया के सामने उभरकर सामने आये।
चार्ली चैप्लिन की पत्नियाँ
चार्ली चैपलिन को अपना पहला प्यार नहीं मिला। चार्ली चैप्लिन ने जिससे पहला प्यार किया अफसोस वह पहला प्यार उनको नहीं मिला। दरअसल चार्ली चैप्लिन ने जब पहली बार हेट्टी केली नाम की एक युवती को देखा तो वह उसके दीवाने हो गये लेकिन यह प्यार एक तरफा था। इसलिए जब अपनी उस प्रेमिका से चार्ली चैप्लिन ने विवाह करने का प्रस्ताव रखा तो उसने साफ इंकार कर दिया।
चार्ली चैप्लिन का तो दिल ही टूट गया बाद में चार्ली के जीवन में चार पत्नियाँ आयीं। जिनसे उनको 11 बच्चे पैदा हुए। चार्ली चैपलिन की पत्नियों के नाम थे- मिल्ड्रेड हैरिस, लीटा ग्रे, पॉलेट और ओना ऑनेल। चार्ली चैप्लिन के जीवन में बड़े उतार-चढ़ाव आये लेकिन जीवन भर अपने गम को दिल में छिपाये हुये लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरते रहे।
खुद दर्द सहे लेकिन दूसरों को हंसाते रहे चार्ली चैप्लिन
न जानें कितनी चोटें सहीं, लोगों को हंसी बांटने के लिये। यदि आप चार्ली चैप्लिन की हास्य फिल्में देखें तो वह अपने हर एक्ट को तेजी से झटके के साथ करते हुये नजर आते हैं।
क्या आपको पता है़ कि अपनी हास्य फिल्मों में अचानक गिरने, उठने, लड़खड़ाने आदि के दृश्यों में सजीवता लाने के लिये शूटिंग के दौरान वह कितनी बार गिरे और कितनी जगह उनकों चोटें आयीं लेकिन वह दर्द उनके चेहरे से झलकता नहीं था। ऐसा था यह सच्चा कलाकार।
कहते हैं कि कॉमेडी करने के आइडिये चार्ली चैप्लिन को स्वप्न में आते थे। आपको पता होना चाहिए कि अपनी अधिकतर फिल्मों में चार्ली चैप्लिन ही पटकथा लेखक, निर्देशक और कलाकार होते थे।
भारतीय कलाकार जो चार्ली चैप्लिन से प्रेरित थे
सर पर कैप और छोटी सी मूँछ और छड़ी हास्य अभिनेता चार्ली चैप्लिन की पहचान थे। न जानें कितने देश-विदेश के कलाकारो ने उन्हें अपना आदर्श माना। प्रसिद्ध हास्य टी वी सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में पोपट लाल के द्वारा छतरी हाथ में लेना चार्ली चैप्लिन की छड़ी से ही प्रेरित है़।
भारतीय हास्य कलाकर महमूद चार्ली चैप्लिन के भक्त थे। भारत के अनेक हास्य कलाकर चार्ली चैप्लिन के भक्त थे। भारत के हास्य अभिनेता महमूद ने अपनी कई फिल्मों में छोटी सी मूँछ लगाकर चार्ली चैप्लिन के अभिनय को जीवंत कर दिया।
आज विश्व में जब भी परदे पर हास्य प्रस्तुति की बात की जाती है़ तो चार्ली चैप्लिन का नाम सर्वोच्च स्थान पर आता है़। क्यों कि उसका कोई जोड़ नहीं।
चार्ली चैप्लिन ने ढेर सारा पैसा कमाया
सारी जिंदगी हंसी की सौगात देने वाले चार्ली की मौत भी दुखद रही। यही नहीं मौत के बाद उनके दफनाये गए मृत शरीर को स्विट्जरलैंड के कुछ चोर कब्र से चुरा कर ले गए। वह उस लाश की बदले भारी-भरकम रकम चाहते थे।
लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यह बात उस समय की थी जब चार्ली चैप्लिन ने फिल्मों के माध्यम से ढेर सारा धन कमा लिया था। लोगों की उनकी कमाई पर बुरी नजर थी। जो चार्ली चैप्लिन के शव को चुराकर उनके रिश्तेदारों से धन ऐंठना चाहते थे।