वह छोटा सा मंत्र है जो आपको रोगों से दूर रखता है। दुनिया में हर व्यक्ति सदैव स्वस्थ रहना चाहता है। कोई नहीं चाहता कि वह कभी किसी बीमारी के चपेट में आये। कुछ ऐसे आध्यात्मिक कार्य और मंत्र हैं जो केवल मानव कल्याण के लिये बने हैं।
आपको जानकर अचरज होगा कि पौराणिक पुस्तकों में इस बात का उल्लेख है कि पर्वतों और वनों में रहने वाले महर्षि लोग केवल मंत्रो और आध्यात्मिक कार्यों के द्वारा अपने आपको निरोग रखते थे और लंबे समय तक जीवन जीते थे।
आज हम आपको निश्चित रूप से लाभ देने वाला एक चमत्कारिक मंत्र और उपाय बताने जा रहे हैं जो आपको सदा स्वस्थ रखने में सहायक होगा।
यह उपाय उन लोगों के लिये भी वरदान है जो बार-बार बीमार हो जाते हैं। अपने आपको स्वस्थ रखने के लिये बस सुबह उठकर आपको करना होगा एक कार्य, जो आपको हर तरह की बीमारियों से दूर रखेगा और आपको देगा यश, धन और अच्छा स्वास्थ्य।
साथ ही यह उपाय आपके चेहरे पर लायेगा एक अनोखा आकर्षण फिर जो भी आप से मिलेगा वह मिलते ही आपके व्यक्तित्व से प्रभावित हो जायेगा। बस आपको प्रातः काल के समय उठकर सूर्य उदय के समय करनी है एक आध्यात्मिक क्रिया और साथ ही बोलना है एक मंत्र।
अब हम आपको बताते हैं वह आध्यात्मिक क्रिया और अमूल्य मंत्र। आपको सुबह नहा-धोकर साफ-सुथरे कपड़े पहनकर अपने हाथ में लेना है एक तांबे का लोटा या बर्तन। जिसमें भरना है स्वच्छ जल और डालना है कुछ अक्षत, रोली और फूल। आपको इस जल से भरे लोटे को लेकर उस स्थान पर पहुँचना है जहाँ से आपको उदय होते हुए सूर्यदेव के दर्शन हो जायें।
आपको बड़े विधि-विधान से इस तांबे के लोटे के जल को सूर्य देव को अर्पित करना है और उच्चारण करना है एक चमत्कारिक मंत्र। वह मंत्र है
ॐ सूर्याय नमः
यह छोटा सा मंत्र और सूर्य देव को जल अर्पित करने का कार्य आपको देगा यश व सेहत और इससे आपको मिलेगी मानसिक शांति।
लेकिन आपको इस महत्वपूर्ण कार्य को करते समय कुछ सावधानियाँ बरतनी होगीं। वरना सूर्यदेव प्रसन्न होने के बजाय रुष्ट हो सकते हैं। यदि आपने उन बातों का ध्यान नहीं दिया तो लाभ के स्थान पर नुकसान भी हो सकता है। सूर्य देव को जल दोनों हाथों में लोटा लेकर चढ़ाना चाहिये।
जल चढ़ाते समय आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि आपका हाथ आपके सर से ऊपर हो, साथ ही आपको गिरते हुए जल से सूर्य देव के दर्शन करने चाहिए। सूर्य देव को जल चढ़ाकर आप उन्हें प्रणाम करें तथा अपने सेहत और समृद्धि की उनसे प्रार्थना करें।
सूर्य देव को जल चढ़ाने का यह कार्य यदि आप रोज न कर सके तो रविवार के दिन अवश्य करें। लेकिन जब रविवार के दिन आप सूर्य देव को जल चढ़ायें तो मांसाहारी भोजन बिल्कुल भी न लें न ही कोई लाल रंग का फल या सब्जी खायें। इस बात का भी ध्यान रखें कि सूर्य देव को जल चढ़ाने वाले लोग रविवार के दिन लाल कपड़े न पहनें।
सूर्य देव को जल चढ़ाते समय आपके वस्त्र बिल्कुल स्वच्छ होने चाहिए। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आप सूर्य देव को जल अर्पण कर और ॐ सूर्याय नमः के मंत्र को पढ़कर नव ग्रहों की कृपा पा लेते हैं। जिन लोगों का सूर्य खराब हो उनको यह कार्य अवश्य करना चाहिये।
यदि आपको अपनी नौकरी में कोई अड़चन आ रही हो तो सूर्य देव को जल अर्पित कर, ॐ सूर्याय नमः का मंत्र पढ़ना आपके लिये विशेष फलदायक होगा। यहाँ तक कि यदि नौकरी में आपका बॉस आपसे प्रसन्न नहीं है तो सूर्यदेव को जल चढ़ाना और सूर्य भगवान का यह छोटा सा मंत्र बहुत चमत्कारिक परिणाम देगा।
बस सूर्य देव को सादा जल चढ़ाने के बजाय यदि उसमें अक्षत, रोली और फूल आदि मिला लिया जाये तो अधिक अच्छा होता है। सूर्य देव को जल चढ़ाते समय ध्यान रखना चाहिए कि उस समय आपके पैरों में जूते-चप्पल आदि नहीं होने चाहिये।
सूर्य देव को जल तभी चढ़ाना चाहिए जब वह पूर्व दिशा में हों। जल चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गिरते हुये जल के छींटे आप के पाँव पर न पड़े। ऐसा होने से भगवान सूर्य देव प्रसन्न होने के बजाय रुष्ट हो सकते हैं। बिना स्नान किए कभी सूर्य देव को जल नहीं चढ़ाना चाहिये।
जल तांबे के बर्तन के अलावा किसी अन्य धातु के बर्तन से नहीं चढ़ाना चाहिए। एक आश्चर्य जनक बात यह कि सूर्य देव को जल चढ़ाने से मानसिक रोगियों को भी शीघ्र लाभ मिलता है। सूर्य पिता का प्रतीक है जिस प्रकार एक पिता अपने पुत्र की रक्षा करता है उसी प्रकार सूर्य देव को प्रसन्न कर आप उनकी कृपा और संरक्षण पा सकते हैं। उनका आशीर्वाद पाकर आप सेहत, यश और धन के मालिक बन सकते हैं।