कहते हैं न कि गीत-संगीत का जादू सर चढ़कर बोलता है। आपने भी निश्चित रूप से कभी न कभी इस बात को महसूस किया होगा। कभी-कभी जब आपका मूड ठीक न हो तो गीत-संगीत सुनकर खराब मूड अच्छा हो जाता है। शोधों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा चुका है कि संगीत का हमारे मस्तिष्क पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। गीत सुनकर गंभीर बीमारी दूर होने की एक घटना विदेश में हुई।
यह आश्चर्यजनक घटना स्विट्जरलैंड की है़। यहाँ स्विट्जरलैंड में मस्तिष्क पक्षाघात (सेरेब्रल पाल्सी ) जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित एक बच्चा जो सदैव अस्पताल के बेड पर बेसुध अवस्था में पड़ा रहता था न वह आँखें खोलता था और न ही कुछ बोलता था। जब एक दिन उस विदेशी बीमार बच्चे को भारतीय सुप्रसिद्ध गायक कुमार सानू का गीत सुनाया गया तो वह चैतन्य अवस्था में आ गया और चमत्कार हो गया।
वह हंसने-बोलने लगा। आइये जानते हैं कि यह पूरी अदभुत घटना क्या थी? साथ हम यह भी जानेंगे कि प्रसिद्ध गायक कुमार सानू का वह कौन सा गीत था? जिसको सुनकर स्विट्जरलैंड के रहने वाले उस मानसिक बीमारी से ग्रस्त बच्चे के जीवन में आशा की किरण जागी। यह अद्भुत घटना स्विट्जरलैंड के जूरिन्स सिटी की है। जहाँ एक बच्चा गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रस्त था। वह सदैव अस्पताल की बेड पर भी मूर्छित सा पड़ा रहता था।
उसका हंसना-चिल्लाना तो दूर, वह बच्चा आँखें ही नहीं खोलता था और न ही कुछ बोलता था। उसके परिवार के लोग अपने बच्चे की ऐसी स्थिति देखकर रात-दिन रोते थे। उसके पिता ने स्विट्जरलैंड के बड़े से बड़े अस्पताल में उसका इलाज कराया लेकिन कहीं भी उन्हें अच्छा रिजल्ट नहीं मिला। वह बच्चा अपने मां-बाप की इकलौती संतान था। उसके मां-बाप की बस यही तमन्ना थी कि किसी तरह उनका बेटा स्वस्थ हो जाये।
इस बीमार बच्चे के पिता ने एक बार एक मैगजीन ‘म्यूजिक मैजिक’ लेख में गीत-संगीत के सकारात्मक प्रभाव के बारे में पढ़ा। इस लेख में जानकारी दी गयी थी कि संसार के अलग-अलग देशों में किस प्रकार गीत-संगीत का मानसिक बीमारियों की चिकित्सा के लिये सहारा लिया जा रहा है। जिसके कारण मानसिक रोग से पीड़ित बहुत से रोगियों पर बहुत सुधारात्मक प्रभाव पड़ा है़।
स्विट्जरलैंड के उस बीमार बच्चे के पिता ने गीत-संगीत अर्थात म्यूजिक थैरेपी द्वारा अपने बच्चे के इलाज करने के बारे में विचार किया। उन्होनें जब यह बात हॉस्पिटल के डॉक्टरों को बतायी तो वे सहर्ष तैयार हो गये। डॉक्टर के मन में भी यह बात आयी कि गीत-संगीत का भी प्रयोग करके देखते हैं। संभव है कि कुछ अच्छा हो जाये। पिता ने अस्पताल में अपने बीमार बच्चे को गीत सुनने के लिये हेड फोन की व्यवस्था कर दी। जिसके द्वारा उसके पिता अपने बीमार बच्चे को देश-विदेश के गायक-गायिकाओं की गीत सुनाने लगे।
एक दिन वास्तव में चमत्कार हो गया। उस दिन वह गंभीर रूप से बीमार बच्चा कोई गीत सुनने के बाद रोने-चिल्लाने लगा। यह गीत सुनने का प्रभाव था कि अब तक मूर्छित अवस्था में पड़ा वह बच्चा चैतन्य अवस्था में आ गया था। गंभीर सेरेब्रल पाल्सी मानसिक बीमारी से पीड़ित उस के बच्चे के बोलने-चिल्लाने की आवाज सुनकर उस अस्पताल के कई डॉक्टर दौड़े-दौड़े आये।
उन्हें यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि अब तक बेसुध पड़ा बच्चा कैसे बोलने-चिल्लाने और हंसने लगा? फिर उनकी समझ में आया कि यह गीत-संगीत का जादू था, जो वह बच्चा हर दिन कुछ मिनट सुनता था। जिसने उसके मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डाला था। अब डॉक्टरों के मन में यह जिज्ञासा हुई कि वह कौन सा गीत था जिसको सुनकर वह सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित उस बच्चे में मानसिक सुधार नज़र आने लगा?
पता लगाने पर जानकारी मिली कि जिस गीत को आज वह बीमार बच्चा सुन रहा था वह भारतीय फिल्म ‘1942 अ लव स्टोरी’ का गीत था। इस गीत के बोल .. ‘कुछ ना कहो’. थे। इस गीत को प्रसिद्ध भारतीय गायक कुमार सानू ने गाया था।
इस फिल्मी गीत को सुनकर बीमार बच्चे की तबीयत में सुधार होना एक अद्भुत घटना थी। स्विट्जरलैंड के डॉक्टरों द्वारा फिल्मी गीत… कुछ ना कहो.. गीत पर रिसर्च किया। शोध के पश्चात यह निष्कर्ष सामने आया कि प्रसिद्ध गायक कुमार सानू की कुछ खास वॉइस फ्रीक्वेंसी उस बच्चे के ब्रेन को एक्टिव कर रही है।
जिसके कारण उसका दिमाग काम करने लगा। उन डॉक्टरों ने यह भी देखा कि गायक कुमार सानू के द्वारा गाये …कुछ ना कहो …गीत के अलावा अन्य किसी गीत के सुनने पर बच्चे के मस्तिष्क पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। डॉक्टरों ने फेमस सिंगर कुमार सानू के द्वारा गाये इस गीत को जितनी बार उस बीमार बच्चे को सुनाया।
उतनी बार उस बच्चे व्यवहार में सकारात्मक प्रभाव देखा गया। तब डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला कि गायक कुमार सानू की वॉइस फ्रीक्वेंसी उस बीमार बच्चे को सूट कर कर रही है और उसके मस्तिष्क पर चिकित्सकीय प्रभाव डाल रही है।
स्विट्जरलैंड के डॉक्टरों ने भारतीय गायक कुमार सानू का पता लगाया और उनसे टेलीफोनिक संपर्क किया। उन्हें इस सारी घटना से अवगत कराया। प्रसिद्ध गायक कुमार सानू यह सारी बात सुनकर बहुत आश्चर्य चकित हुये। पहले तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि उनके गाये गीत… कुछ ना कहो… ने एक बच्चे के जीवन को बदल कर रख दिया।
स्विट्जरलैंड के डॉक्टरों ने कुमार सानू से यह निवेदन किया कि यदि आप स्वीकार करें तो एक बार स्वीटजरलैंड आ जायें। हमें आपकी वॉइस फ्रीक्वेंसी चेक करनी है। इसके बाद हम मानसिक बीमारी सेरेब्रल पाल्सी से ग्रस्त इस बच्चे के अलावा अन्य बच्चों को भी ठीक कर पायेंगे।
कहते हैं कि भारतीय लोकप्रिय गायक कुमार सानू स्विट्जरलैंड के डॉक्टरों के आमंत्रण पर वहाँ गये। उन्होनें स्विट्जरलैंड जाकर डॉक्टरों का हर संभव सहयोग किया। यह भारतीय गीत-संगीत के चमत्कारिक प्रभाव का जीता जागता उदाहरण था।