हमारे आसपास बहुत सी अद्भुत और रहस्यमय घटनायें होती रहती है। जिनमें से कुछ की जानकारी हमें है कुछ की नहीं। क्योंकि पृथ्वी स्वयं एक रहस्यमय ग्रह है। जो अपनी अनेकों अनोखी चीजों को अपने अंदर समेटे हुई है।
आज हम उस धार्मिक स्थल की बात करने जा रहे हैं जहाँ भगवान शंकर की ऊंचाई हर वर्ष अपने आप बढ़ रही है। लोगों में कौतूहल का विषय है कि न जाने यह प्रकृति की कौन सी माया है जिसके कारण यहाँ ऐसा चमत्कार हो रहा है। यहाँ भगवान शंकर के मंदिर का शिवलिंग 18 फीट ऊँचा और 20 फीट परधि में फैला हुआ है।
विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग है यह
भगवान शंकर का यह शिवलिंग विश्व का सबसे बड़ा शिव लिंग है और चमत्कार की बात यह कि इस शिव लिंग का आकार अपने आप साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है। इस चमत्कार के पीछे क्या रहस्य है? कोई अब तक न जान सका है।
लोग ऐसा मानते हैं कि यहाँ भगवान शंकर की अदभुत शक्ति मौजूद हैं। जिसके कारण शिवलिंग की ऊँचाई स्वयं बढ़ती जा रही है और साथ ही बढ़ती जा रही उसकी महिमा। जिसके कारण यह पूरा क्षेत्र शिवमय है। यहाँ लोग भोले बाबा को अपना संरक्षक मानते हैं।
कहाँ है यह मंदिर
इस अदभुत जगह को देखने के लिए आपको पहुँचना होगा छत्तीसगढ़ राज्य। इस राज्य के जिला गौरियाबंद के मरौदा गांव में घने जंगलों में घिरा हुआ भगवान शंकर का भूतेश्वर नाथ का अनोखा मंदिर है। जहाँ का शिवलिंग खुद ब खुद हर साल बढ़ता ही जा रहा है।
आश्चर्य की बात यह है कि यह शिवलिंग किसी व्यक्ति द्वारा स्थापित नहीं किया गया है बल्कि यह शिवलिंग इस जगह पर वर्षों पहले स्वयं उत्पन्न हुआ है। इस शिवलिंग के इस स्थान पर प्रकट होने की अपनी एक आश्चर्यजनक कहानी है। जिसे यहां के गाँव वाले बड़े भक्ति भाव से सुनाते हैं।
क्या कहानी है इस शिवलिंग की
कहानी बहुत प्राचीन है। यह उस समय की बात है जब हमारे देश में जमींदारी प्रथा थी। छतीसगढ़ के गरियाबंद का यह क्षेत्र घने जंगलों से घिरा हुआ था । वह स्थान जहाँ यह चमत्कारी शिवलिंग स्थित है, यह वर्षों पहले पारा गांव के निवासी शोभा सिंह का खेत हुआ करता था।
वह रोज खेती-बाड़ी के लिये अपने खेत पर आया करता था। उस दिन भी रोज की तरह शोभा सिंह सुबह-सुबह अपने खेतों में आया हुआ था। उसने अपने खेत में अचानक एक विशालकाय काले रंग का पत्थर देखा। जो धरती से निकला हुआ था।
उस विशालकाय पत्थर को देख कर शोभा सिंह को बड़ा अचरज हुआ। क्योंकि कल तक यह पत्थर उसके खेतों में नहीं था। वह सोंच में पड़ गया कि आज अचानक यह कहाँ से उत्पन्न गया। उसने गाँव वालों को बुलाया। सबको अपने खेत के उस विशालकाय काले पत्थर को दिखाया। सबने उसके खेतों के बीचों-बीच शिवलिंग की आकृति के उस विशालकाय को पत्थर देखा।
लोगों ने सोचा कि यह पत्थर कहीं किसी अनिष्टकारी घटना होने का सूचक तो नहीं है? लेकिन उस गाँव के एक विद्वान पंडित ने लोगों को समझाया कि खेत में इस प्रकार काले रंग का विशालकाय शिवलिंग जैसा पत्थर उत्पन्न होना भगवान के स्वयं यहाँ प्रकट होने के संकेत हैं।
गाँव के उस पंडित की बात को कुछ लोगों ने मानी और कुछ ने नहीं। कुछ लोग उस पत्थर को सामान्य पत्थर ही समझ रहे थे तो कुछ लोग उसे भगवान के रूप में देख रहे थे।
एक दिन एक अदभुत घटना घटी। गाँव वालों ने देखा कि खेतों में अचानक कहीं से एक शेर और एक साँड आ गया। शेर की दहाड़ने की आवाज सुनकर वहाँ मौजूद ग्रामवासी अपनी जान बचाने के लिये वृक्षों के पीछे छिप गये।
लेकिन तभी एक चमत्कार हुआ। वह दहाड़ता हुआ शेर दौड़ता हुआ आया। लेकिन जैसे ही खेत में अपने आप धरती से उत्पन्न हुये उस विशालकाय शिवलिंग के आकार के पत्थर के पास पहुँचा तो उसका स्वभाव एक दम से बदल गया। दहाड़ता हुआ वह शेर उस विशाल पत्थर के पास जाकर बिल्कुल शांत हो गया।
चिंघाड़ता हुआ साँड भी शांत होकर उस विशालकाय शिवलिंग पर अपना मस्तक लगा कर खड़ा हो गया जैसे की वह शिवलिंग को प्रणाम कर रहा हो। गाँव वालों ने यह आश्चर्यजनक दृश्य देखा। उन्हें अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ।
उन दोनों खूंखार जानवरों ने गाँव वालों को कोई हानि नहीं पहुंचायी और चुपचाप वहाँ से चले गये। उसी दिन से गाँव वालों को यह विश्वास हो गया कि यह पत्थर कोई साधारण पत्थर नहीं बल्कि भगवान शिव का चमत्कारिक शिवलिंग है।
गाँव वालों ने इस शिवलिंग को भूतेश्वर नाथ नाम दे दिया और उसकी पूजा-अर्चना करने लगे। शिवलिंग वास्तव में बहुत चमत्कारी है। साल दर साल इसका आकार बड़ा होता जा रहा है। यहाँ भूतेश्वर नाथ खुले आसमान के नीचे स्थापित है। छतीसगढ़ का हरा-भरा यह रमणीय स्थल देखने योग्य है। ऐसा लगता है कि मरौदा गाँव के शांत वातावरण में भोले बाबा किसी तपस्या में लीन हैं।
जो कोई भी इस मंदिर के चमत्कार के बारे में सुनता है खिंचा चला आता है। छत्तीसगढ़ राज्य की गरियाबंद जिले के मरौदा गाँव के इस बढ़ते हुये शिवलिंग के कारण भूतेश्वर नाथ मंदिर विश्व भर में प्रसिद्ध है। क्योंकि इस धरती पर ऐसा शिव मंदिर कहीं और नहीं है जहाँ का शिव लिंग अपने आप बढ़ रहा हो।
यहाँ भगवान शिव की माया साक्षात नजर आती है। भगवान भूतेश्वर नाथ के प्रभाव से इस स्थान पर कोई भी अनिष्टकारी शक्ति नहीं फटकती। भूत-प्रेत इस जगह से कोसों दूर रहते हैं। वर्ष भर भक्तों के दर्शन का तांता लगा रहता है। दुर्गम मार्ग होने के बाद भी लोग भोले बाबा के इस अदभुत स्थान पर एक बार अपनी अर्जी लगाने अवश्य आते हैं।