कल्पना कीजिए कि यदि आपको सैकड़ों नहीं बल्कि हज़ारों वर्ष पुराना कोई इंसान अगर आज अचानक जिंदा मिल जाये तो आपकी उसके प्रति क्या प्रतिक्रिया होगी? ठीक ऐसी ही अदभुद घटना घटी वर्षों पूर्व टोक्यो में। आइये अब हम आपको इस पूरे हैरतअंगेज किस्से से परिचित कराते हैं। लोग सच मानें या झूठ, लेकिन इस पृथ्वी पर कुछ भी असंभव नहीं है।
टोक्यो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मच गयी
एक आदमी वर्ष 1951 में टोक्यो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा। वह विशालकाय व्यक्ति देखने में बहुत अदभुद लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह दूसरे ग्रह से आया है। उसका पहनावा और बोलचाल देखकर लोग-बाग हैरान हो रहे थे। वह व्यक्ति जानवरों के खाल के, हाथ से सिले कपड़े पहने हुये था। अचानक से टोक्यो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तमाशा बन गया।
इस एयरपोर्ट पर खड़े अन्य यात्री उस व्यक्ति की अदभुद पोशाक को छू- छूकर देखने लगे। यह सब दृश्य देखकर सिक्योरिटी वाले नज़दीक आ गये।
जब लोगों को उस अदभुद इंसान ने बताया कि वह इस धरती पर हजार वर्षों से रह रहा है तो वहाँ उपस्थित भीड़ के आश्चर्य का ठिकाना न रहा।
हवाई जहाज में उस अदभुद मनुष्य के साथ यात्रा करके आ रहे एक सहयात्री ने सिक्योरिटी को विस्तार से उस व्यक्ति के बारे में बताया कि “वह अदभुद व्यक्ति उसके सीट के नजदीक ही बैठा था। उसने बताया कि मैंने उस अदभुद इंसान से बातें करनी चाहीं तो पहले तो मैं उसकी भाषा को ही समझ ना सका क्योंकि उसकी भाषा बहुत टूटी- फूटी थी।
लेकिन धीरे-धीरे मैंने उसे समझने का प्रयास किया। फिर मुझे उस अदभुद व्यक्ति की थोड़ी-थोड़ी बात समझ में आने लगीं। वह सैकड़ों वर्ष पुरानी बातों की चर्चा कर रहा था। जैसे कि वह आज भी पाषाण युग में ही जीवित हो। उसने बातों ही बातों में बताया कि वह किस प्रकार जंगलों में रहता है। जंगली जानवरों से किस प्रकार वह अपना बचाव करता है।
उस आदमी ने अपनी उम्र हज़ारों वर्ष बतायी
लगता था कि वह अदभुद इंसान सशरीर तो इसी युग में है लेकिन उसका मस्तिष्क हज़ारों वर्ष पुराने काल में ही विचरण कर रहा है।” जब उसने बताया कि मैं इस धरती पर हज़ारों वर्षों से रह रहा हूँ, तो जहाज में साथ यात्रा कर रहे यात्री दंग रह गये। कुछ लोगों ने सोंचा कि यह आदमी पागल है।
लेकिन जब उसने अपना एक हजार वर्ष पुराना पासपोर्ट दिखाया तो सबकी बोलती बंद हो गयी। किसी के कुछ समझ में नहीं आया। सभी ये सोच रहे थे कि ये क्या बकवास है। जब एक हज़ार वर्ष पहले पासपोर्ट जैसी कोई व्यवस्था ही नहीं थी तो ये इतना पुराना पासपोर्ट कैसे ले कर आया। सभी लोग उसे फर्जी और फ्रॉड समझ रहे थे लेकिन उसकी अविश्वसनीय कद-काठी, कपड़े, बोलचाल, भाषा, उनके मन में महान कौतूहल पैदा कर रहे थे।
कुछ लोग (जिनका दिमाग़ कुछ ज्यादा तेज़ दौड़ रहा था) उसे समय-यात्री यानि Time Traveler समझ रहे थे। उस तथाकथित सहयात्री ने उस अदभुद व्यक्ति से पूछा कि “तुम किस देश में रहते हो?” तो उसने बताया कि मैं टोरस देश का निवासी हूं। अब वह सहयात्री चौंका, क्योंकि टोरस नाम का कोई देश उसकी जानकारी में नहीं था।
उसने अपना पता ऐसी जगह बताया जो दुनिया के नक़्शे में कहीं था ही नहीं
लेकिन फिर उसने सोचा शायद एक हजार वर्ष पूर्व कोई टोरस नाम का देश अस्तित्व में रहा हो। लेकिन फिर उसे याद आया कि टोरस कोई देश का नाम नहीं बल्कि वो तो एक पर्वत का नाम है। और यह पर्वत दक्षिणी तुर्की में स्थित एक पर्वत माला है। जिसको की वह अनोखा इंसान अपना आवासीय पता बता रहा था।
अब तक उस सह यात्री को विश्वास हो गया था कि यह अद्भुत व्यक्ति जो सब कुछ बता रहा है, वो कोई फ्रॉड या फर्जी चीज नहीं बल्कि कुछ बहुत विचित्र है। कुछ ऐसा जिसके बारे में लोग अनुमान भी नहीं लगा पा रहे थे। कयोंकि जो व्यक्ति अपने आप को हज़ारों वर्ष पुराना बता रहा है तो सबसे बड़ा सवाल यही था कि वह आज भी कैसे जिंदा है?
इसे चमत्कार कहें या कुछ और, शायद कुछ ऐसा जिसे इन्सानों द्वारा अभी खोजा जाना बाकी था। उस इंसान के बारे में जब हज़ारों वर्षों से जीवित होने की बात, इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी वालों को पता लगी तो वह उसे एलियन या दूसरे ग्रह का प्राणी समझ कर बुरी तरह घबरा गये। लेकिन उन्हें अपनी ड्यूटी तो करनी थी।
सुरक्षाकर्मियों ने जब उस भीमकाय अदभुद इंसान का पासपोर्ट चेक किया तो आश्चर्य की बात यह थी कि उसका पासपोर्ट भी टोरस देश का ही निकला। सिक्योरिटी वालों को भी अचरज लगा कि क्योंकि इस देश का नाम संसार के नक्शे में कहीं है ही नहीं। उन्हें आश्चर्य हुआ कि यह पासपोर्ट उस व्यक्ति के पास आया कहाँ से ?
कमाल की बात यह थी कि वह पासपोर्ट भी 1000 वर्ष पुराना था। टोक्यो इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सिक्योरिटी अधिकारीयों ने अपने सीनियर अधिकारियों से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि यहाँ एयरपोर्ट पर एक व्यक्ति मिला है जो अपने आप को 1000 वर्षों से जीवित बता रहा है। यह विचित्र बात सुनकर अधिकारियों के होश उड़ गये।
सीनियर प्रशासनिक अधिकारी गण और साथ में कुछ वैज्ञानिकों की एक टीम टोक्यो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंची। उन्होंने उस अदभुद व्यक्ति से बातचीत की। एक गुप्त कक्ष में काफी पूछताछ के बाद सभी एक दूसरे का मुँह देखने लगे लगे क्योंकि वह व्यक्ति अपने बारे में सब कुछ सही बता रहा था।
लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि 1000 वर्षों से वह कैसे जिंदा है? अब अधिकारियों ने निर्णय लिया कि वे उस व्यक्ति को एक होटल में ठहरायेंगे और उसकी सारी गतिविधियों पर नजर रखेंगे।
क्या वो आदमी समानांतर ब्रह्माण्ड से आया था
प्रशासन की तरफ से उस अदभुद इंसान को टोक्यो इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नजदीकी एक शानदार होटल में ठहराया गया। उसके खाने-पीने, रहने की पूरी व्यवस्था सरकार की तरफ से की गयी। उस पर गार्ड का पहरा था। ताकि उसकी वास्तविकता का पता चल सके लेकिन आश्चर्य की बात यह हुई कि तीसरे दिन ही वह व्यक्ति बंद कमरे से गायब हो गया। सिक्योरिटी गार्ड्स ने उसे बहुत ढूंढा लेकिन वह विचित्र इंसान कहीं नही मिला।
इस अद्भुत घटना के बाद उस विचित्र इंसान द्वारा बतायी गयी बातों से विशेषज्ञों ने अलग-अलग अनुमान लगाया। कुछ विद्वानों ने उसे समय यात्री बताया जो भूतकाल (या शायद भविष्यकाल) से इस धरती पर आ पहुँचा था। लेकिन समय यात्रा या समय यात्री जैसे कॉन्सेप्ट की अभी भी पुष्टि नहीं हो पायी है।
मुख्य धारा के ज्यादातर वैज्ञानिक आज भी यही मानते है कि समय यात्रा संभव नहीं है।
हांलाकि कुछ विद्वान आज भी इसे एक फर्जीवाड़ा से अधिक और कुछ नहीं मानते। लेकिन आज के समय के ज्यादातर वैज्ञानिक इसे समानांतर ब्रह्माण्ड की एक अद्भुत घटना के रूप में देखते हैं। यद्यपि समानांतर ब्रह्माण्ड के अवधारणा की पूरी तरह पुष्टि अभी भी नहीं हुई है। लेकिन वैज्ञानिक उस व्यक्ति का, टोक्यो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरना, समानांतर ब्रह्माण्ड के होने का एक अनुपम उदाहरण मानते हैं।