एक वह समय था जब लोग-बाग इस इमारत में हंसी खुशी रहते थे। लेकिन न जाने कब एक भूत ने इस अपार्टमेंट की आठवीं मंजिल पर अपना डेरा जमा लिया और तभी से शुरू हो गया यहाँ अनहोनी घटनाओं के होने का सिलसिला। भूत, प्रेत, आत्मायें यहाँ आकर लोगों को आत्महत्या के लिये प्रेरित करने लगी।
वो कहते हैं न कि भूत सर चढ़ कर बोलता है। यहाँ इतनी भयंकर शैतानी ताकतों का कब्जा हो जाने के कारण इस बिल्डिंग में आत्महत्या ओर दुर्घटनाओ की संख्या दिन पर दिन बढ़ने लगीं और जिसकी वजह से अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों की मौतों की संख्या बीस तक पहुँच गयी। सुसाइड पॉइंट के नाम से जानी जाने वाली यह खौफनाक डरावनी भूतिया जगह है मुंबई का ग्रैंड पैरोडी टावर्स।
इसकी कहानी रहस्यों से भरी है
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1976 में मुंबई का यह ग्रैंड पैरोडी टावर्स बनकर तैयार हुआ था। उसके बाद बहुत सारे परिवार इस अपार्टमेंट में रहने लगे। सब कुछ बढ़िया चल रहा था। लेकिन साल 2004 में जो घटना घटी उसे जिस किसी ने सुना उसका दिल दहल गया। सबसे पहले एक बुजुर्ग पति-पत्नी ने इस इमारत की आठवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली।
पूरी बिल्डिंग के लोग दहशत में आ गये। किसी के समझ में नहीं आया कि इस आत्महत्या के पीछे कारण क्या था। बहुत खोज-बीन हुई लेकिन कुछ निश्चित पता नहीं चल सका। उसके बाद ग्रैंड पैरोडी टावर्स के निवासी यह अनुमान भी नहीं लगा पाये कि कब इस अपार्टमेंट में भूत -प्रेतों ने अपना डेरा बना लिया है और इसके बाद तो यहाँ जैसे मौत का सिलसिला ही आरंभ हो गया।
आत्महत्या कर चुके बुजुर्ग दम्पति के युवा लड़के, उसकी पत्नी और उनके छोटे बच्चों के ऊपर मौत का साया मंडराने लगा। उनके स्वभाव, हाव- भाव, रहन सहन आम इंसानो से अलग हो गये। साल भर के अंदर उस परिवार के सभी सदस्यों ने इमारत की आठवीं मंजिल से कूदकर अपनी जान गंवाते हुए आत्महत्या कर ली।
यहाँ तक की इन भूत -प्रेतों की काली छाया के कारण इस अपार्टमेंट के नौकरों को भी जान से हाथ धोना पड़ा। अब इस इमारत में रहने वाले लोगों को विश्वास हो गया कि इस ग्रैन्ड पैराडी टावर बुरी आत्माओं का वास हो गया है। वे बुरी तरह डर गये। कितने ही परिवार इस बिल्डिग को छोड़ कर भाग गये।
ग्रैंड पैरोडी टावर्स की आठवीं मंजिल आज भी वीरान है
आज भी इस टावर की आठवीं मंजिल वीरान है। इस खौफनाक जगह पर कोई नहीं जाता। कोतुहल वश ग्रैंड पैराडी टावर की डरावनी आठवीं मंजिल पर जाने वाले लोग अपने तरह -तरह के किस्से सुनाते हैं कोई कहता है चीखने -चिल्लाने की आवाजें आती हैं तो किसी को रोने की।
कुछ वर्ष पूर्व एक राधेमन नाम के व्यक्ति अपने तांत्रिक मित्र के साथ ग्रैंड पैराडी टावर की आंठवी मंजिल पर गये। अपार्टमेंट के सातवें तल से जैसे ही वह आगे बढ़े, उन्हें लगा कि कोई उनका हाथ पकड़ कर आठवीं मंजिल की ओर खींच रहा है। वे बेबस से घिसटने लगे।
तब उन्होनें अपने पीछे चल रहे अपने तांत्रिक मित्र को जोर से आवाज लगायी। वे तांत्रिक मित्र दौड़ते हुये राधे मन के आगे आये और कोई मंत्र पढ़कर उस दुष्ट आत्मा की ओर फेंका। तब उसने राधेमन का हाथ छोड़ा।