इतिहास में इस संसार की कुछ बीमारियाँ ऐसी फैली जिनका कारण आज तक लोगों को समझ नहीं आया | रहस्यमय, स्तब्ध कर देने वाली | दस्तावेजों के अनुसार सोलहवीं शताब्दी (१५१८) में रोमन शहर स्ट्रॉसबर्ग (जो उस समय के प्रसिद्ध रोमन साम्राज्य का हिस्सा था) में ऐसी ही एक विचित्र नाचने वाली बीमारी फैली जिसे लोगों ने ‘डांसिंग प्लेग’ का नाम दिया और इस रहस्यमय बीमारी को आज-तक नहीं समझा जा सका है | लोगों के लिए आज तक एक विचित्र पहेली बनी ये बीमारी उस समय एक जलजला बन कर आई |
हुआ यूं कि सन १५१८ के जुलाई महीने में लगभग ४०० लोग, जो की रोमन-शासित शहर स्ट्रॉसबर्ग में रहते थे, अचानक नाचना शुरू कर दिए जो करीब एक महीने तक लगातार नाचते ही रहे | कई लोगों ने इन्हें रोकने की कोशिश की परन्तु वे असफल रहे | आप कल्पना कीजिये की क्या मंजर रहा होगा |
अपने आप में इस तरह की अभूतपूर्व बीमारी (या इसे महामारी कहें तो ज्यादा उपयुक्त होगा) का जो अंजाम हो सकता था वही हुआ | जो इस बीमारी से ग्रसित थे उनमे से अधिकतर लोग थकान, दिल का दौरा पड़ने से, तथा खून के नसे फट जाने से मृत्यु को प्राप्त हुए | ये इस बीमारी का सबसे दुखद पहलू था |
यह बीमारी आज तक पूरी दुनिया के लिए एक रहस्य बनी हुई है | इस दिल दहला देने वाली घटना की शुरुआत दरअसल तब हुई जब स्ट्रॉसबर्ग की एक गली में वहां की एक स्थानीय महिला श्रीमती ट्रोफिया अचानक उत्साहित हो के नाचने लगी | वो लगभग चार से छह दिनों तक दिन-रात लगातार नाचती रही | इस दौरान लोगो ने उन्हें रोकने की भरपूर कोशिश की |
लेकिन दुर्भाग्य से उनको बचाया नहीं जा सका और दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई | इस बीच उनके नाचने से एक सप्ताह के भीतर ३४ और लोग उनके नृत्य में शामिल हो गए और एक महीना बीतते-बीतते लगभग ४०० लोगों ने वहां की सड़को पर, गलियों में नाचना शुरू कर दिया |
यह पूरा दृश्य काफी भयावह था क्योकि वो किसी के रोकने पर रुक नहीं पा रहे थे | उनके चेहरे के भाव बड़े विचित्र हुए जा रहे थे | वो चाहते हुए भी अपने आप को डांस करने से रोक नहीं पा रहे थे | नाचने वाले लोगों के चेहरे पर कभी हर्ष और उत्साह का भाव आता तो कभी भय से उनका चेहरा पीला पड़ जाता |
लोगों ने झाड़ फूंक, दैवी प्रकोप को शांत करने से ले कर हर तरह की चिकित्सा पद्धति (जो उस समय प्रचलन में थी) का प्रयोग किया इस बीमारी को रोकने के लिए, लेकिन वो इसमें असफल रहे | इस बीमारी की एक और खास बात थी की नाचने वालों में ज्यादातर महिलाये थी | पुरुषों की संख्या अपेक्षाकृत काफी कम थी | एक रिपोर्ट बताती है कि एक समय में ये बीमारी १५ व्यक्ति प्रति दिन मार रही थी, स्ट्रॉसबर्ग में |
ऐतिहासिक दस्तावेज़ जैसे चिकित्सकों के लेख, धार्मिक आलेख, क्षेत्रीय वृतांत, यहाँ तक की स्ट्रॉसबर्ग सिटी कौंसिल के भी लेख ये बताते हैं की लोग आश्चर्यजनक रूप से लगातार नाच रहे थे और उनमे से कुछ लोग लगातार मरते भी जा रहे थे |