हर कोई चाहता है कि उसका घर मुसीबतों से कोसों दूर रहे। घर में समस्याओं के आने का एक कारण वास्तु दोष भी होता है। क्योंकि वास्तु दोष हमारे घर में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है।
ऐसी स्थिति में, हमें घर में एक ऐसी वस्तु की आवश्कता होतीं है जो उस नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में बदल दे। वह बहुमूल्य वस्तु है गंगा जल। पौराणिक काल में जिस पवित्र नदी का हमारे ग्रंथो में बखान है वह है गंगा नदी।
गंगा जल वरदान के समान है
इसका जल हमारे लिये वरदान तुल्य है क्योंकि इसकी चंद बूंदें हमारे जीवन में परिवर्तन लाने की क्षमता रखतीं हैं। दोष हमारे शरीर में हो या हमारे घर में, दोनों ही दशा में गंगा जल प्रभावशाली ढंग से कार्य करता है और यह जल अपने स्पर्श में आयी हर सजीव या निर्जीव वस्तु के दोषों को दूर कर देता है। गंगा जल घर में उत्पन्न अनेक वास्तु दोषों को नष्ट करता है। अब आप पूछेंगे वह कैसे?
इसका उपयोग करने का तरीका क्या है?
आप जानते हैं कि गंगाजल प्रकृति द्वारा दिया हुआ वह अनुपम उपहार है जो हमारे लिए अमृत के सामान है। बस इस अमृत के समान जल का सही उपयोग हमारे घर के तमाम वास्तु दोषों को समाप्त कर देता है। आप माने या नहीं लेकिन इस गंगा जल में वह शक्ति है जो हमारे घर में मौजूद वास्तु दोषों को बिना तोड़-फोड़ किये दूर कर सकता है।
इसके लिए आप गंगा जल से भरी एक बोतल अपने घर में अवश्य रखिये। गंगा जल की यह बोतल आपके लिए उस अलादीन के जिन्न की तरह है कि जिसने अपने आका की सारी समस्याओं का अंत कर दिया था।
उसी प्रकार यह गंगा जल की बोतल आपको हर तरह की परेशानियों से मुक्त कर सकती है। बस आपको करना यह है कि सुबह के समय जब पहली बार अपने घर का मुख्य द्वार खोलें तो दरवाजे पर इस गंगा जल का छिड़काव कर दें।
घर के प्रवेश द्वार पर गंगाजल के छिड़काव करके आप अपने घर में सुख और समृद्धि का द्वार खोल देंगे। घर में सुख-समृद्ध के प्रवेश करते ही घर में बैठी समस्या अपने आप दुम दबाकर भाग जायेगी।
घर में कहाँ रखना चाहिए गंगा जल को
गंगाजल वह बहुमूल्य वस्तु है जिसे घर में रखने मात्र से आपके घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती बल्कि आपके घर में आय के नये स्रोत बनते हैं।
सभी जानते हैं कि गंगा जी भगवान शिव की जटाओं में शोभायमान है इसीलिये इसे अपने घर के शिव मंदिर में रखने से आप भगवान शिव की कृपा पाने लगते हैं।
बस आपको हर सोमवार भगवान शिव की पूजा-अर्चना के पश्चात उन्हें गंगा जल को अर्पित करना है और उसकी कुछ बूंदें अपने घर में हर तरफ छिड़क देनी हैं। इस तरह गंगा जल के मार्ग से आपके घर में भगवान शिव निवास करने लगेंगे।
जहाँ भोले बाबा का निवास होता है वहाँ काल नहीं फटकता। इस प्रकार आप अकाल मृत्यु की काली छाया से मुक्ति पा सकते हैं। कभी-कभी ऐसा देखा जाता है कि कि बच्चे स्वप्न में डरकर अपना बिस्तर गीला कर देते हैं।
बच्चों की नींद से उनके डरावने सपनों को दूर करने के लिए गंगा जल के उपयोग का उपाय असरकारक है। बस आपको इस गंगाजल को बच्चों के उस बिस्तर पर छिड़क देना है जहाँ वह सोते हैं।
गंगाजल के स्पर्श से बेड रूम में उत्पन्न में नकारात्मक ऊर्जा का नाश हो जायेगा और सकारात्मक ऊर्जा की उत्पत्ति हो जायेगी। जिसके कारण आपकी बच्चे अब चैन की नींद सो सकेंगे।
अगर स्वस्थ और निरोग रहना चाहते हैं तो घर में गंगा जल रखें
यदि आप स्वस्थ और निरोग रहना चाहते हैं तो भगवान को गंगा जल चढ़ाकर उसकी कुछ बूंदे प्रसाद स्वरूप ग्रहण कर लें। यह आपको हमेशा ऊर्जावान तथा सकारात्मक बनाये रखेगी।
एक सर्वेक्षण के अनुसार कोरोना काल में वे व्यक्ति कोरोना संक्रमण के शिकार नहीं हुये जो गंगाजल पीते थे और और गंगा जल में स्नान करते थे। यह वह लोग थे जो गंगा नदी के निकट रहते थे यह गंगा जल की महिमा है।
अपनी दिनचर्या में गंगा जल का उपयोग करने से आप लंबा जीवन जीते हैं। वास्तु के अनुसार यदि गंगा जल की बोतल को अपनी रसोई के उत्तर पूर्व में रखा जाये तो घर का भोजन अमृत के समान हो जाता है और भोजन को ग्रहण करके पारिवार के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। वह कभी बीमार नहीं पड़ते। गंगा जल के उपयोग से आप अपने व्यवसाय या नौकरी में भी उन्नति पा सकते हैं।
व्यवसायिक प्रतिष्ठान में अविश्वसनीय परिणाम उपस्थित कर सकता है गंगा जल
इसके लिये आपको अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान या ऑफिस में उस स्थान पर गंगा जल को रखना होगा जहाँ आप कार्य करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जहाँ गंगा जल है वहाँ पवित्रता है और जहाँ पवित्रता है वहाँ देवताओं का वास है और जहाँ देवताओं का वास है वहाँ मंगल ही मंगल है। कल्याण ही कल्याण है।
यदि आप गंगा नदी के निकट नहीं रहते लेकिन फिर भी आप गंगा स्नान लाभ नित्य पा सकते हैं आपको बस करना यह है कि नहाने वाले पानी में गंगा जल की कुछ बूंदें डालनी हैं।
गंगा जल से पवित्र हुए जल से स्नान करने से चेहरे की चमक बढ़ती है।लेकिन घर में गंगा जल के उपयोग करते समय इस बात की विशेष सावधानी रखनी होगी कि इसे मल-मूत्र से दूर रखें। नहीं तो लाभ के स्थान पर हानि का सामना करना पड़ सकता है। इसलिय इस पवित्र जल को वाशरूम से दूर रखें।