कभी-कभी कुछ ऐसी विचित्र घटनाएं घट जाती है कि जिसमें मौत आपके सामने होती है लेकिन इसके बाद भी कोई अदृश्य शक्ति आपको मौत के मुंह से बाहर खींच ले आती है। आप अपने साथ हुई अचानक उस घटना से यह नहीं समझ पाते हैं कि जान बचाने लिए वह अदभुत शक्ति कहाँ से आई और वापस कहाँ चली गई।
ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश के भोजीपुरा के पास स्थित रेलवे क्रॉसिंग की है। लगभग 3 वर्षीय गुंजन नाम की लड़की रेलवे लाइन पार कर रही थी कि अचानक सामने से ट्रेन आ गई। इससे पहले की वह नन्हीं लड़की गुंजन उस रेलवे लाइन को छोड़कर इधर-उधर भागती, कि हड़बड़ाहट में उसका पैर एक पत्थर से जा टकराया और वह रेलवे लाइन के बीचो-बीच में जा गिरी।
वह रेलवे लाइन की दोनों पटरियों के बीच गिरी हुई थी। ट्रेन लगातार गुंजन की ओर बढ़ती चली आ रही थी। रेलवे लाइन के आसपास के खेतों में जो किसान काम कर रहे थे वे यह सारा दृश्य देखकर चिल्ला रहे थे ताकि गुंजन उस रेलवे लाइन से भाग जाए और उसकी जान बच जाये। लेकिन गुंजन के पैर में पत्थर से तेज चोट लगने के कारण वह दर्द की मारे कराह रही थी और वहाँ से भागने में असमर्थ थी।
गाँव वालों ने समझ लिया था कि अब इस लड़की का मरना निश्चित है़। देखते ही देखते गुंजन पूरी तरह ट्रेन के गिरफ्त में आ गई थी। ट्रेन उसके ऊपर चढ़ती चली आ रही थी। गुंजन ने घबराकर अचानक अपने मुँह से अपनी नानी को पुकारा कि हे नानी मुझे बचाओ। जबकि गुंजन की नानी की एक वर्ष पूर्व एक बीमारी के चलते मौत हो गई थी। लेकिन गुंजन के मुँह से नानी शब्द निकलते ही एक चमत्कार हुआ।
उस छोटी बच्ची गुंजन को ऐसा लगा कि किसी ने उसे अपनी गोद में उठाकर अपने सीने से लगा लिया है। उस अदृश्य शक्ति ने बालिका गुंजन को अपनी गोद में लेकर उसकी आंखों पर आँचल रख दिया और उसके कानों पर अपने हाथों को रख दिया था ताकि उस ट्रेन के तेज आवाज की दहशत से नन्ही गुंजन को कोई नुकसान न हो।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि पूरी की पूरी ट्रेन उस तीन वर्षीय गुंजन के ऊपर से निकलती जा रही थी। लेकिन उस समय गुंजन को लग रहा था कि वह अपनी नानी के गोद मे लेटी हुई अपने ऊपर से निकलती हुई ट्रेन का पूरी आवाज का सुन रही थी।
उसकी आंखें बंद थीं। उसे उस समय इतना साहस नहीं था कि अपनी आंखें खोल कर देखें कि वह कहाँ है और किस प्रकार उसके ऊपर से ट्रेन गुजरती चली जा रही है लेकिन फिर भी एक भी चोट नहीं लग रही है। कुछ ही मिनटों में पूरी ट्रेन गुंजन के ऊपर से निकल गई।
ट्रेन निकल जाने के बाद आसपास के किसान दौड़ते हुए रेलवे लाइन के करीब आये। उन्हें लग रहा था कि अब तक उस बच्ची की ट्रेन से कटकर मौत हो चुकी होगी लेकिन यहाँ मामला ही दूसरा था। किसानों ने देखा कि लड़की तो पूरी तरह सुरक्षित है़।
आश्चर्य की बात यह थी कि उसे एक भी खरोंच नहीं आई थी। गाँव वालों ने उस नन्ही सी बच्ची गुंजन को रेलवे लाइन के बीच से उठाया तो दिखाई दिया कि वह लड़की थोड़ी परेशान जरूर है लेकिन उसके कहीं पर भी चोट नहीं आई है।
गाँव के किसानों ने जब नन्हीं गुंजन से बात की तो उसने गांव वालों के सवालों का जो जवाब दिया वह चौंकाने वाला था। दरअसल गुंजन नाम की उस लड़की ने बताया कि उसकी जान नानी ने बचाई है। गाँव वाले गुंजन की यह बात सुनकर हक्के-बक्के रह गए।
गाँव के किसानों ने लड़की से फिर पूछा कि उसकी जान बचाने वाली नानी कहाँ है? तो उसने ने बताया कि उसकी नानी तो भगवान के घर चली गई है लेकिन आज ट्रेन के इतने करीब आ जाने पर वह घबरा गई और उसके मुँह से नानी निकल पड़ा।
जैसे ही उसने नानी को पुकारा कि वह भगवान के घर से वापस आ गईं और उन्होंने मुझे अपनी गोद में लेकर मेरी जान बचाई। गाँव वाले उस नन्हीं गुंजन की सारी बात भौचक्के होकर सुन रहे थे।
उन्हें उस नन्हीं गुंजन की बातों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था। लेकिन उसके ऊपर से पूरी ट्रेन निकल जाने के बाद भी उसकी जान का बच जाना यह बता रहा था कि कोई तो रहस्यमय शक्ति थी, जिसने उस नन्ही बच्ची की जान बचाई।
लोग यह सोचने के लिए मजबूर हो गये कि हो सकता है कि उसकी नानी की आत्मा अपनी नातिन की जान बचाने आई हो। जब उस गुंजन के परिवार के लोग वहाँ आये और उन्होंने जब सारा किस्सा सुना तो वे सभी दंग रह गए।
उन्हें अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ कि नन्ही गुंजन क्या कह रही है। लेकिन गुंजन के परिवार के लोगों ने बताया कि गुंजन को अपनी माँ से अधिक अपनी नानी से अधिक लगाव था। इसलिए नानी के मर जाने के बाद भी मुसीबत के क्षणों में उसने अपनी नानी का नाम लिया।
घर लौटकर परिवार वालों ने जो कुछ देखा तो वह और अधिक रहस्यमय था। ड्राइंग रूम में लगी उसकी नानी की तस्वीर पर बहुत सारे धूल की धब्बे लगे हुये थे जो कल तक इस तस्वीर पर नहीं थे। तब लोगों को यह समझ में आया कि यह वही धूल है़ जो चलती हुई ट्रेन के कारण कल रेलवे लाइन के आसपास उड़ रही थी।
परिवार के लोग अचंभे मे थे कि रेलवे लाइन की धूल नानी की तस्वीर पर कहाँ से आई? उस दिन के बाद तो वह नन्हीं गुंजन नानी की बेटी के रूप में पूरे गांव में प्रसिद्ध हो गयी। आज भी जब लोग उस घटना की चर्चा करते हैं तो उनके मन में एक ही सवाल उठता है़ कि कोई आत्मा भी जान बचाने आ सकती है क्या?