अपनी मनोकामना को पूर्ण कराने के लिए भक्तों द्वारा देवी-देवताओं को मिष्ठान, वस्त्र, फल, फूल आदि मंदिर में चढ़ाते हुए आपने बहुत देखा होगा लेकिन एक ऐसा मंदिर भी है जहाँ भक्त अपनी मनौती को पूरा कराने के लिए पीपल के पेड़ पर दीवार घड़ी टांग देते हैं। कहते हैं कि उस देवता को भेंट स्वरूप दीवार घड़ी पीपल के पेड़ पर चढ़ाते ही भक्तों का अच्छा समय शुरू हो जाता है़।
उनकी कृपा से भक्त वह सब कुछ पा लेते हैं जिसकी उनके मन में अभिलाषा होती है। लोग इस मंदिर को घड़ी वाले बाबा का दरबार भी कहते हैं इस मंदिर में पीपल के पेड़ पर घड़ी टांगने की परंपरा किसने शुरू की? यह परंपरा कितनी पुरानी है? इन प्रश्नों के उत्तर आपको अवश्य मिलेंगे। पहले जानते हैं कि यह अदभुत मंदिर कहाँ है?
कहाँ है ये मंदिर
यह अदभुत मंदिर जौनपुर मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर मड़ियाहूं तहसील के जगरनाथ गाँव में स्थित है। यह धार्मिक स्थल ब्रह्म बाबा के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ स्थित पीपल के पेड़ पर दीवार घड़ी टांगने से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। लोग यहाँ आते समय बाबा को भेंट देने के लिये घड़ी लेकर आते हैं और उसे ब्रह्म बाबा के पीपल के पेड़ पर टांग देते हैं।
जिससे उन्हें प्राप्त होता है मनौती पूरी होने का आशीर्वाद। यहाँ आने पर बहुतों को लाभ हुआ है इसीलिए कहा जाता है कि ब्रह्म बाबा के मंदिर में दीवार घड़ी चढ़ाने के बाद आपका अच्छा टाइम शुरू हो जाता है। बताते हैं कि ब्रह्म बाबा के पीपल के पेड़ पर घड़ी चढ़ाने की परंपरा लगभग 30 वर्ष पहले शुरू हुई थी। इस परंपरा के शुरू होने की एक दिलचस्प कथा है।
कहते हैं कि जौनपुर के जगरनाथ गाँव में एक व्यक्ति रहता था। जो पढ़-लिख कर भी बेरोजगार घूम रहा था। उसे कोई नौकरी नहीं मिल रही थी। एक दिन उसे एक कंपनी से ट्रक ड्राइवर की नौकरी करने का ऑफर मिला। लेकिन अफसोस उस व्यक्ति को ट्रक ड्राइविंग नहीं आती थी।
लेकिन उसने सोचा इतने दिनों बाद एक नौकरी हाथ लगी है इसे हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। उसने उस कंपनी के मालिक से हाथ जोड़कर कहा कि मुझे एक सप्ताह का समय दीजिए। मैं सप्ताह भर के अंदर ट्रक ड्राइविंग सीख लूंगा।
उस व्यक्ति की बात सुनकर कंपनी का मालिक हंसा उसने कहा कि एक हफ्ते में ट्रक ड्राइविंग सीखना आसान नहीं है। लेकिन फिर भी मैं तुम्हारे निवेदन पर यह नौकरी अगले एक सप्ताह तक तुम्हारे लिए सुरक्षित रखता हूँ।
यदि तुम इन सात दिनों में ट्रक चलाना सीख लेते हो तो यह नौकरी तुम्हें ही मिलेगी। वह व्यक्ति बुझे मन से कंपनी के मालिक के सामने से चला आया। उसके मन में यही सवाल बार-बार उठ रहा था कि क्या मैं सात दिनों के अंदर ट्रक चलाना सीख लूंगा?
उस रात उस व्यक्ति ने एक अदभुत स्वप्न देखा। सपने में ब्रह्म बाबा उससे कह रहे थे कि कल सुबह तुम मेरे पीपल पर एक घड़ी टांग देना। फिर देखना चमत्कार ,सब कुछ ठीक हो जायेगा।
सुबह उठते ही वह व्यक्ति नहा-धोकर अपने गाँव में स्थित ब्रम्ह बाबा के स्थान पर गया और पीपल के पेड़ पर घड़ी टांग दी। साथ ही बाबा से मनौती मांगी कि हे ब्रम्ह बाबा, मुझ पर कृपा करो। मुझे ऐसी शक्ति दो ताकि मैं सात दिनों के अंदर ट्रक चलाना सीख जाऊँ।
बाबा की कृपा से उसे एक ऐसा एक्सपर्ट ट्रेनर मिल गया, जिसने उसे सप्ताह भर के अंदर ही ट्रक चलाना सिखा दिया। उसे वह नौकरी मिल गयी। उस व्यक्ति ने गाँव वालों को जब ब्रम्ह बाबा की कृपा की पूरी कहानी सुनाई तो यह बात पूरे गाँव में आग की तरह फैल गयी।
गाँव के लोग अपनी -अपनी मनौती को पूरा कराने के लिए ब्रम्ह बाबा के मंदिर में पीपल के पेड़ पर घड़ी टांगने लगे। बाबा के चमत्कार से उन गाँव वालों की मनौती भी पूरी होती गयीं। धीरे-धीरे इन मनौती पूरी करने वाले ब्रह्म बाबा के मंदिर को घड़ी वाले बाबा के दरबार के नाम से जाना जाने लगा।
आज भी यहाँ ब्रम्ह बाबा के दरबार में पीपल के पेड़ पर घड़ी टांगने दूर-दूर से लोग आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए बाबा से निवेदन करते हैं। कहते हैं कि इस सच्चे दरबार से कोई खाली हाथ नहीं जाता।
आज ब्रह्म बाबा का पीपल का पेड़ घड़ियों से भरा हुआ है। ब्रह्म बाबा मंदिर के पीपल पर टंगी घड़ियां यह बता रही हैं कि बाबा ने न जाने कितने घरों में अपनी कृपा बरसायी है। बाबा की कृपा से नौकरी-रोजगार मिलने कीअनगिनत कहानियाँ यहाँ आने पर सुनने को मिलतीं हैं।
कुछ लोगों का कहना है कि बहुत समय पहले इस ब्रम्ह बाबा के पीपल के नीचे एक बूढ़े बाबा बैठे नज़र आते थे। उनकों देखकर ऐसा लगता था जैसे कि वह किसी ध्यान में मग्न हों।
लेकिन एक सुबह गाँव वालों ने देखा कि वह बाबा पीपल के पेड़ के नीचे नहीं हैं। पता नहीं वह कहाँ चले गये? किसी को पता नहीं । कुछ लोग कहते हैं कि वह अंतर्ध्यान हो गये। स्थानीय लोग उन बाबा से इस अदभुत मंदिर को जोड़कर देखते हैं।
सच कुछ भी हो लेकिन यहाँ का घड़ी वाले बाबा का दरबार अपने भक्तों का कल्याण कर रहा है। पीपल के पेड़ पर टंगी हजारों दीवार घड़ियाँ इस बात की साक्षी हैं। बाबा के पेड़ पर न जाने कितनी कीमती घड़ियाँ टंगी हैं। लेकिन किसी की मजाल नहीं कि उन घड़ियों में से एक भी घड़ी कोई चुरा ले।
क्योंकि सबको पता है कि ब्रह्म बाबा की घड़ियाँ चुराने पर उन्हें जब बाबा का श्राप लगेगा। तब उन्हें कोई बचा नहीं पायेगा। इस क्षेत्र में घड़ियों की दुकानों का व्यवसाय खूब चल पड़ा है क्योंकि ब्रह्म बाबा के दरबार में कोई खाली हाथ नहीं जाता। सभी के हाथों में बाबा को चढ़ाने के लिए भेंट दीवार घड़ी अवश्य होती है।