सभी जानते हैं कि भगवान भाव के भूखे हैं उन्हें जो कोई भी सच्चे हृदय से पुकारेगा, वे खिंचे चले आयेंगे, फिर इस धरती पर जन्म लेने वाले हर जीव-जंतु को एक ही ईश्वर ने रचा है। उस परम पिता परमेश्वर की दृष्टि में क्या पशु, क्या पक्षी या मनुष्य सब बराबर हैं, यहाँ तक की मनुष्य की जाति, धर्म, स्थान से भी विधाता को कोई लेना-देना नहीं है उसकी दृष्टि में सभी समान है।
यह अदभुद घटना इसी बात का जीता-जागता प्रमाण है कि जब भगवान शिव अपने भक्त की रक्षा के लिए अफगानिस्तान पहुँच गये। यह घटना है तो बहुत अदभुद, लेकिन बिल्कुल सच है। यह उस समय की बात है जब हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था। उस समय हमारे देश में अंग्रेजों का शासन हुआ करता था। एक अंग्रेज अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल सी .मार्टिन उस समय मध्य भारत के मालवा (मध्य प्रदेश )में तैनात थे।
यह बात है वर्ष 1879 की इसी वर्ष अफगानिस्तान में अफगानों के मध्य युद्ध आरंभ हो गया। लेफ्टिनेंट कर्नल सी. मार्टिन को वहाँ सैनिकों के नेतृत्व के लिये भेजा गया। ताकि उनके कुशल नेतृत्व में अफगानों को पराजित किया जा सके। अब यहाँ भारत में लेफ्टिनेंट की पत्नी बहुत चिंतित रहने लगीं। उन्हें लगता था कि उनके पति को अफगानिस्तान में युद्ध भूमि में भेज दिया गया है। अब उनकी जान बचेगी या नहीं।
कर्नल की पत्नी भारतीय संस्कृति से बहुत प्रभावित थी। वे कभी-कभी अपने आलीशान बंगले से निकल कर ग्रामीण स्त्रियों के मध्य बैठ जाती थीं। वे घंटों उनसे बातें करतीं। वह कर्नल की पत्नी कभी-कभी गाँव वालों के हाथ बने व्यंजनों को भी चख लेती थीं।
सरल स्वभाव के कारण वह गाँव वालों की प्रिय बन गयीं थीं। सावन के दिनों में कर्नल की पत्नी गाँव की स्त्रियों के साथ झूला झूलती थीं। कभी-कभी उनके साथ भारतीयों की पोशाक भी पहनती थीं।
अक्सर गाँव वालों के बीच आने वाली कर्नल की पत्नी अपने पति के प्रति चिंतित रहने के कारण कुछ दिनों से घर से बाहर नहीं निकलीं। जिन ग्रामीण महिलाओं के बीच बैठकर वह बातचीत किया करती थीं, उन्हें चिंता हुई क्या बात है कि कर्नल की पत्नी आजकल घर से बाहर क्यों नहीं निकलती हैं?
कहीं उनकी तबीयत तो खराब नहीं हो गयी है? ऐसा सोंच कर वह उनका हालचाल पूछने के लिए उनके घर पहुँची। पहले तो सिक्योरिटी वालों ने उन्हें अंदर नहीं घुसने दिया।
तब उन भारतीय स्त्रियों ने सुरक्षाकर्मी को अपना परिचय दिया और कहा कि वे उनका यह परिचय कर्नल की पत्नी तक पहुंचा दें। ड्यूटी पर तैनात सिपाही ने कर्नल की पत्नी को बताया कि कुछ गाँव की महिलाएं आपसे मिलना चाहती हैं।ग्रामीण महिलाओं की आने की बात सुनकर कर्नल की पत्नी दौड़ी-दौड़ी बाहर आयीं और उन सारी महिलाओं को अपने निवास के अंदर ली गई।
जब कर्नल की पत्नी ने उन महिलाओं को यह बताया कि उनके पति अफगानिस्तान में युद्ध भूमि में गए हैं जिसके कारण वह बहुत चिंतित हैं। इसलिए वह घर से बाहर नहीं निकल रही है। तब ग्रामीण महिलाओं ने कर्नल की पत्नी को उनके पति की रक्षा के लिए एक उपाय बताया।
उन्होंने कहा कि वे भगवान शिव की आराधना करें। निश्चय ही भगवान शिव उनके पति की रक्षा करेंगे। कर्नल की पत्नी को उन ग्रामीण महिलाओं ने एक शिव मंदिर का पता भी बताया। जहाँ जाकर भी भगवान शिव को अपना दुख-दर्द बता सकती हैं ताकि देवों के देव महादेव कर्नल की पत्नी को आने वाले संकटों से उबार सकें।
कर्नल की पत्नी को उन ग्रामीण महिलाओं की यह बात बहुत पसंद आयी। उन्होनें उसी दिन रुद्राक्ष की एक माला मंगवायी और नित्य सुबह और शाम विधिवत ओम नमः शिवाय का जाप करने लगी। वह हर सोमवार के दिन शिव जी के मंदिर भी जाने लगी।
उन्होंने शिव मंदिर में अपने पति के जीवन के लिए महामृत्युंजय जाप करवाया। शिव जी की आराधना के पश्चात कर्नल की पत्नी की व्याकुलता धीरे-धीरे समाप्त होने लगी। उन्हें विश्वास होने लगा कि उनके पति अवश्य सकुशल हिंदुस्तान लौटेंगे।
उधर लेफ्टिनेंट कर्नल सी. मार्टिन एक दिन अफगानिस्तान में युध्द भूमि में अफगान सैनिकों के बीच घिर गये। उन्हें लगा कि अब उनकी मौत निश्चित है तभी एक चमत्कार हुआ। उन्हें अपनी पत्नी की आवाज कानों में सुनाई पड़ने लगी। वह ओम नमः शिवाय का जाप कर रही थी। बार-बार ओम नमः शिवाय की आवाज कानों में पड़ने के कारण कर्नल भी युध्द भूमि में ओम नमः शिवाय का जाप करने लगे।
जैसे ही कर्नल के मुख से ओम नमः शिवाय निकला। एक चमत्कार हुआ तेज आँधियाँ चलने लगीं। आसमान का रंग गहरा लाल हो गया। अफगान सैनिक यह सब देखकर भौचक्के रह गये कि तभी एक विशालकाय आकृति युद्ध भूमि में प्रकट हो गई। जो कर्नल के सामने ढाल बनकर खड़ी हो गई। उस विशालकाय आकृति को देखकर अफगान सैनिक भाग निकले। कर्नल को समझ में नहीं आया कि यह सब क्या हुआ?
कर्नल जब वापस हिंदुस्तान अपने घर आये तो उनकी पत्नी घर पर नहीं थी। उन्होनें सिक्योरिटी से पूछा कि उनकी पत्नी कहाँ है? सुरक्षा कर्मियों ने बताया की मेम साहब शिव मंदिर गयी हैं। कर्नल भगवान शिव को नहीं पहचानते थे। उन्होंने मन में सोचा कि यह शिव कौन हैं?
वे भी एक सुरक्षाकर्मी के साथ उस शिव मंदिर में पहुँच गये जहाँ उनकी पत्नी गई थी। मंदिर में जब उन्होंने शिव जी की मूर्ति को देखा तो आश्चर्यचकित रह गये। उन्होनें देखा कि यह उन्हीं विशालकाय आकृति की मूर्ति है जिन्होंने युद्ध भूमि में उनकी जान बचाई थी। कर्नल मूर्ति के सामने नतमस्तक हो गये।